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मिर्जापुर: नट समाज के लोगों की बदली जिंदगी, मनरेगा के तहत काम मिला

यूपी के मिर्जापुर जिले में रहने वाले नट समाज के लोगों को मनरेगा के तहत काम उपलब्ध कराया जा रहा है. लॉकडाउन के पहले इस समाज के लोग खेल दिखाकर और भीख मांगकर अपने बच्चों का पालन-पोषण करते थे.

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मनरेगा के तहत नट समाज को मिला काम.
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Published : Jun 9, 2020, 11:51 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में कई लोगों की जिंदगी और काम में बदलाव आया है. कई दशकों से नट समाज के लोग देश के महानगरों से लेकर गांव तक पीढ़ी दर पीढ़ी भीख मांगते थे या अपने बच्चों को रस्सियों पर चढ़ाकर जोखिम भरा खेल दिखाते थे. आज इस समाज के लोग मनरेगा के तहत काम करके खुश हैं. मनरेगा के तहत काम कर रहे नट समाज के लोगों का कहना है कि पहले हम दूसरे प्रदेशों में कई जिलों में जाकर खेल दिखाते थे.

मनरेगा के तहत नट समाज को मिला काम.

रुपयों का जुगाड़ न होने पर हम लोग भीख मांगते थे. मगर कोरोना वायरस ने हमारी जिंदगी बदल दी है. मिर्जापुर के सिटी ब्लॉक के शादी बनकट गांव में नट समाज के 170 लोग मनरेगा के तहत में काम कर रहे हैं. इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मनरेगा में काम दिया गया है. साथ ही 201 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिल रही है. इससे ये लोग अपने बच्चों को भी पेट भर भोजन दे पा रहे हैं.

पहले यह लोग दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में जाकर करतब दिखाते थे या भीख मांगते थे. जनपद में इस समय एक लाख से ज्यादा मजदूर मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. नट समाज के लोगों को कहना है कि अब हम लोग अब वह काम नहीं करेंगे, जिसमें जान जाने का खतरा रहता था.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर: जल संचयन, जल संरक्षण जीवन हरियाली के लिए श्रमिक बहा रहे पसीना

अब गांव में रहकर काम कर अपना और अपने बच्चों का पेट भरेंगे. वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का कहना है कि पहले 63 जॉब कार्ड थे. अब 417 जॉब कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से 300 लेबर यहां पर काम कर रहे हैं. प्रधान ने कहा कि इसमें भीख मांगने या खेल दिखाने वाले 170 लोग हैं, जिनको काम देकर मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

मिर्जापुर: कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में कई लोगों की जिंदगी और काम में बदलाव आया है. कई दशकों से नट समाज के लोग देश के महानगरों से लेकर गांव तक पीढ़ी दर पीढ़ी भीख मांगते थे या अपने बच्चों को रस्सियों पर चढ़ाकर जोखिम भरा खेल दिखाते थे. आज इस समाज के लोग मनरेगा के तहत काम करके खुश हैं. मनरेगा के तहत काम कर रहे नट समाज के लोगों का कहना है कि पहले हम दूसरे प्रदेशों में कई जिलों में जाकर खेल दिखाते थे.

मनरेगा के तहत नट समाज को मिला काम.

रुपयों का जुगाड़ न होने पर हम लोग भीख मांगते थे. मगर कोरोना वायरस ने हमारी जिंदगी बदल दी है. मिर्जापुर के सिटी ब्लॉक के शादी बनकट गांव में नट समाज के 170 लोग मनरेगा के तहत में काम कर रहे हैं. इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मनरेगा में काम दिया गया है. साथ ही 201 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिल रही है. इससे ये लोग अपने बच्चों को भी पेट भर भोजन दे पा रहे हैं.

पहले यह लोग दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में जाकर करतब दिखाते थे या भीख मांगते थे. जनपद में इस समय एक लाख से ज्यादा मजदूर मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. नट समाज के लोगों को कहना है कि अब हम लोग अब वह काम नहीं करेंगे, जिसमें जान जाने का खतरा रहता था.

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अब गांव में रहकर काम कर अपना और अपने बच्चों का पेट भरेंगे. वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का कहना है कि पहले 63 जॉब कार्ड थे. अब 417 जॉब कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से 300 लेबर यहां पर काम कर रहे हैं. प्रधान ने कहा कि इसमें भीख मांगने या खेल दिखाने वाले 170 लोग हैं, जिनको काम देकर मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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