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मिर्जापुर: पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को पानी की समस्या से मिलेगी निजात, जानिए कैसे

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को अब पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. सरकार ने इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया है.

water problem in mirzapur
मिर्जापुर में पानी की समस्या से लोगों को मिलेगी निजात.
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Published : Sep 26, 2020, 2:53 PM IST

मिर्जापुर: पहाड़ी इलाकों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए मिर्जापुर लघु सिंचाई विभाग ने ब्लास्ट वेल तकनीक के जरिए कुएं का निर्माण कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसका लक्ष्य प्राप्त हो गया है. प्रयोग सफल रहा तो पठारी इलाकों में भी किसानों के खेत में फसल लहलहाएगी और किसान खुशहाल होंगे.

पानी की समस्या से लोगों को मिलेगी निजात.

पहाड़ी इलाकों में पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए ब्लास्ट वेल और डीप वेल तकनीक से लघु सिंचाई विभाग जनपद के 5 ब्लॉक हलिया, लालगंज, राजगढ़, जमालपुर और नारायणपुर के विकास खंडों में 9 करोड़ की लागत से ब्लास्ट वेल, गहरी बोरिंग और मध्यम गहरी बोरिंग का निर्माण कराया जाएगा. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए पठारी क्षेत्रों में 62 कुओं का निर्माण तो वहीं 205 मध्यम गहरी बोरिंग 9 गहरी बोरिंग का निर्माण कराया जाएगा, जिसका खर्च 9 करोड़ आएगा.

एक कुएं का निर्माण कराने के लिए 10 लाख रुपये खर्च आएगा, जिसमें से 6 लाख 50 हजार सरकार अनुदान देगी. पहाड़ी क्षेत्र में ब्लास्ट वेल के लिए कृषि समूह के 5 सदस्य किसान होंगे. जिस किसान के खेत में कुंए का निर्माण किया जाएगा, वह अध्यक्ष होगा. खास बात यह है कि एक ही परिवार के सभी सदस्य नहीं होंगे. इन्हीं सदस्यों की निगरानी में कुएं का निर्माण होगा. अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए सौर ऊर्जा भी दिया जाएगा. पूर्वांचल के दो जिलों सोनभद्र और मिर्जापुर में ब्लास्ट वेल करके पहाड़ी इलाकों में पानी निकालने की प्रयास किया जा रहा है.

जनपद पथरीला पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां पर रहने वाले लोगों को गर्मी के दिनों में पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है. लोग पानी के लिए कोसों दूर जाते हैं. कहीं तो प्रशासन टैंकरों के जरिए पानी पहुंचााता है, लेकिन वह भी नाकाफी होता है. इस बड़ी समस्या को देखते हुए लघु सिंचाई विभाग ने ब्लास्ट वेल तकनीकी के जरिए कुआं का निर्माण कराना शुरू किया है. पानी पहाड़ी क्षेत्रों में मिल जाता है तो यह प्रयोग सफल होने पर यहां के किसान भी खुशहाल हो जाएंगे. वे खेती कर पाएंगे और पानी पी पाएंगे. साथ ही पशुओं के लिए भी इधर-उधर पानी के लिए नहीं भटकना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: मिर्जापुर: कोरोना संकट में गुल्लक का पैसा दान करने वाली सुहानी को डीएम ने दिया गिफ्ट

हर खेत में पानी के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ब्लास्ट वेल, गहरी बोरिंग और मध्यम गहरी बोरिंग का लक्ष्य शासन से मिला है, जिसमें 9 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पैसा आते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.

-दीपक कुमार, अधिशासी अभियंता

मिर्जापुर: पहाड़ी इलाकों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए मिर्जापुर लघु सिंचाई विभाग ने ब्लास्ट वेल तकनीक के जरिए कुएं का निर्माण कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसका लक्ष्य प्राप्त हो गया है. प्रयोग सफल रहा तो पठारी इलाकों में भी किसानों के खेत में फसल लहलहाएगी और किसान खुशहाल होंगे.

पानी की समस्या से लोगों को मिलेगी निजात.

पहाड़ी इलाकों में पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए ब्लास्ट वेल और डीप वेल तकनीक से लघु सिंचाई विभाग जनपद के 5 ब्लॉक हलिया, लालगंज, राजगढ़, जमालपुर और नारायणपुर के विकास खंडों में 9 करोड़ की लागत से ब्लास्ट वेल, गहरी बोरिंग और मध्यम गहरी बोरिंग का निर्माण कराया जाएगा. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए पठारी क्षेत्रों में 62 कुओं का निर्माण तो वहीं 205 मध्यम गहरी बोरिंग 9 गहरी बोरिंग का निर्माण कराया जाएगा, जिसका खर्च 9 करोड़ आएगा.

एक कुएं का निर्माण कराने के लिए 10 लाख रुपये खर्च आएगा, जिसमें से 6 लाख 50 हजार सरकार अनुदान देगी. पहाड़ी क्षेत्र में ब्लास्ट वेल के लिए कृषि समूह के 5 सदस्य किसान होंगे. जिस किसान के खेत में कुंए का निर्माण किया जाएगा, वह अध्यक्ष होगा. खास बात यह है कि एक ही परिवार के सभी सदस्य नहीं होंगे. इन्हीं सदस्यों की निगरानी में कुएं का निर्माण होगा. अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए सौर ऊर्जा भी दिया जाएगा. पूर्वांचल के दो जिलों सोनभद्र और मिर्जापुर में ब्लास्ट वेल करके पहाड़ी इलाकों में पानी निकालने की प्रयास किया जा रहा है.

जनपद पथरीला पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां पर रहने वाले लोगों को गर्मी के दिनों में पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है. लोग पानी के लिए कोसों दूर जाते हैं. कहीं तो प्रशासन टैंकरों के जरिए पानी पहुंचााता है, लेकिन वह भी नाकाफी होता है. इस बड़ी समस्या को देखते हुए लघु सिंचाई विभाग ने ब्लास्ट वेल तकनीकी के जरिए कुआं का निर्माण कराना शुरू किया है. पानी पहाड़ी क्षेत्रों में मिल जाता है तो यह प्रयोग सफल होने पर यहां के किसान भी खुशहाल हो जाएंगे. वे खेती कर पाएंगे और पानी पी पाएंगे. साथ ही पशुओं के लिए भी इधर-उधर पानी के लिए नहीं भटकना पड़ेगा.

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हर खेत में पानी के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ब्लास्ट वेल, गहरी बोरिंग और मध्यम गहरी बोरिंग का लक्ष्य शासन से मिला है, जिसमें 9 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पैसा आते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.

-दीपक कुमार, अधिशासी अभियंता

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