मिर्जापुर: एक तरफ जहां प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सेवाओं को पलीता लगा रहे हैं. दरअसल, ग्रामीण इलाकों में बने प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बने अस्पताल में ग्रामीणों द्वारा अब भूसा रखा जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब अस्पताल बना था. उस समय एक-दो दिन डॉक्टर आए थे. इसके बाद कोई डॉक्टर अस्पताल में नहीं दिखा.
ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल जर्जर होते चले जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई देखभाल नहीं है. गांव वालों ने इसे भूसा घर बना रखा है. जब उप स्वास्थ्य केंद्र बन रहा था तो ग्रामीणों को आशा थी कि अब उन्हें इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन अस्पताल में कोई एएनएम और डॉक्टर नहीं होने से ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिससे ग्रामीण खासा नाराज हैं.
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अस्पताल बना हुआ है. इसमें सिर्फ दो दिन डॉक्टर बैठे हुए थे. उसके बाद डॉक्टर कभी आए नहीं. अब अस्पताल खराब हो चुका है, लेकिन इसका कोई संज्ञान लेने वाला नहीं है.
-आकाश चौहान, ग्रामीणअस्पताल की हालत बहुत ही खराब है. डॉक्टर अस्पताल में दो-चार दिन बैठे थे. बाद में नहीं बैठे. दस साल से अस्पताल बना हुआ है, लेकिन अब गांव वाले इसमें भूसा रखने लगे हैं.
-चंपा देवी, ग्रामीणमामला संज्ञान में आया है. वहां एएनएम की पोस्टिंग है. अगर अस्पताल पर ग्रामीणों ने कब्जा किया होगा तो पुलिस की मदद ली जाएगी.
-ओपी तिवारी, सीएमओ