ETV Bharat / state

आर्थिक तंगी के चलते पर्वतारोही काजल पटेल सपना अधूरा, सीएम योगी से मदद की गुहार - पर्वतारोही काजल पटेल

राष्‍ट्रीय पर्वतारोहण दिवस के मौके पर पर्वतारोही काजल पटेल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है. मिर्जापुर की रहने वाली काजल ने लद्दाख में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया था.

mountaineer Kajal Patel
mountaineer Kajal Patel
author img

By

Published : Aug 1, 2023, 8:52 AM IST

पर्वतारोही काजल पटेल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांगी मदद.

मिर्जापुर: देश एक अगस्त को राष्‍ट्रीय पर्वतारोहण दिवस मना रहा है. लेकिन, मिर्जापुर की काजल पटेल, जिन्होंने कई पवर्तों पर देश का तिरंगा झंडा फहराया है. अब रुपयों के अभाव में अपने सपनों को पंख नहीं दे पा रही हैं. काजल 18 हजार फीट ऊंची लद्दाख की चोटी पर भी तिरंगा फहरा चुकी हैं. उन्होंने आल इंडिया बेस्ट कैडेट का अवार्ड भी हासिल किया है. काजल का सपना है कि वो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर देश के तिरंगा झंडा लहरायें. लेकिन, पैसे के अभाव में वह अपना यह सपना पूरा करने में अक्षम हैं.

दरअसल, 2 साल पहले पैसा जमा न होने के कारण एशियन ट्रैकिंग कंपनी ने काजल को एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने से रोक दिया था. अब उन्होंने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है. काजल ने कहा कि अगर मदद मिल गयी, तो दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर, देश का नाम रोशन कर सकूंगी. वह पर्वतारोही बछेंद्री पाल से भी मिल चुकी हैं.

mountaineer Kajal Patel
काजल लद्दाख की 18 हजार फीट की ऊंची चोटी पर चढ़ाई के लिए देश के 20 सदस्यीय टीम की थी हिस्सा.

सरकार से मायूसी लगी हाथः काजल मिर्जापुर के विकास खंड जमालपुर के हिनौती माफी गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता संतराम सिंह किसान है. काजल एनसीसी और निमास की बेस्ट कैडेट अवार्ड भी हासिल कर चुकी हैं. पूर्व जिलाधिकारी अनुराग पटेल भी पर्वतारोही की फाइल मुख्यमंत्री को भेज चुके हैं. हालांकि, अभी तक केवल मायूसी ही हाथ लगी है.

mountaineer Kajal Patel
माउण्ट एवरेस्ट की चढ़ाई के विशेष ट्रेनिंग कोर्स में हो चुकी हैं प्रशिक्षित.

ट्रेनिंग के बाद भी सरकार से नहीं मिली मददः गौरतलब है कि काजल ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर 5 साल पहले लद्दाख की 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया था. वह देश के विभिन्न प्रांतों से चुने गए 20 सदस्यों में से एक थीं. काजल अरुणाचल प्रदेश स्थित भारतीय पर्वतारोहण फाउण्डेशन द्वारा संचालित माउण्ट एवरेस्ट के चढ़ाई की विशेष ट्रेनिंग कोर्स में प्रशिक्षित हो चुकी हैं. वहां प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बेस्ट कैडेट का अवार्ड मिला था. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भारत सरकार और खेल मंत्रालय के प्रयास से इस ट्रेनिंग के लिए उनकी मदद की थी. लेकिन, ट्रेनिंग के बाद भी दुनिया की ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का उनका सपना अधूरा है, इसके लिए उन्हें सरकार मदद नहीं मिल पा रही है.

mountaineer Kajal Patel
अरूणाचल में प्रशिक्षण के दौरान काजल को चुना गया बेस्ट कैडेट.

बछेन्द्री पाल से की मुलाकातः अरुणाचल प्रदेश में अपनी प्रशिक्षण पूरी करने के बाद काजल पटेल ने बछेन्द्री पाल से 2019 में मुलाकात की थी. बछेन्द्री पाल एवरेस्ट फतह करने वाली देश की पहली और दुनिया की पांचवीं भारतीय महिला पर्वतारोही हैं. काजल ने उनसे एवरेस्ट फतह करने के विषय में जानकारी ली थी. फिलहाल काजल वाराणसी से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद राम ललित सिंह महाविद्यालय कैलहट मिर्जापुर से बी.एड कर रही हैं. इसके साथ ही वह सेना में भर्ती होने की भी तैयारी कर रही हैं.

ये भी पढ़ेंः यूपी में 12 बार मुख्यमंत्री के सचिव रहे नवनीत सहगल हो रहे रिटायर, शानदार रहा करियर

पर्वतारोही काजल पटेल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मांगी मदद.

मिर्जापुर: देश एक अगस्त को राष्‍ट्रीय पर्वतारोहण दिवस मना रहा है. लेकिन, मिर्जापुर की काजल पटेल, जिन्होंने कई पवर्तों पर देश का तिरंगा झंडा फहराया है. अब रुपयों के अभाव में अपने सपनों को पंख नहीं दे पा रही हैं. काजल 18 हजार फीट ऊंची लद्दाख की चोटी पर भी तिरंगा फहरा चुकी हैं. उन्होंने आल इंडिया बेस्ट कैडेट का अवार्ड भी हासिल किया है. काजल का सपना है कि वो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर देश के तिरंगा झंडा लहरायें. लेकिन, पैसे के अभाव में वह अपना यह सपना पूरा करने में अक्षम हैं.

दरअसल, 2 साल पहले पैसा जमा न होने के कारण एशियन ट्रैकिंग कंपनी ने काजल को एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने से रोक दिया था. अब उन्होंने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है. काजल ने कहा कि अगर मदद मिल गयी, तो दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर, देश का नाम रोशन कर सकूंगी. वह पर्वतारोही बछेंद्री पाल से भी मिल चुकी हैं.

mountaineer Kajal Patel
काजल लद्दाख की 18 हजार फीट की ऊंची चोटी पर चढ़ाई के लिए देश के 20 सदस्यीय टीम की थी हिस्सा.

सरकार से मायूसी लगी हाथः काजल मिर्जापुर के विकास खंड जमालपुर के हिनौती माफी गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता संतराम सिंह किसान है. काजल एनसीसी और निमास की बेस्ट कैडेट अवार्ड भी हासिल कर चुकी हैं. पूर्व जिलाधिकारी अनुराग पटेल भी पर्वतारोही की फाइल मुख्यमंत्री को भेज चुके हैं. हालांकि, अभी तक केवल मायूसी ही हाथ लगी है.

mountaineer Kajal Patel
माउण्ट एवरेस्ट की चढ़ाई के विशेष ट्रेनिंग कोर्स में हो चुकी हैं प्रशिक्षित.

ट्रेनिंग के बाद भी सरकार से नहीं मिली मददः गौरतलब है कि काजल ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर 5 साल पहले लद्दाख की 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया था. वह देश के विभिन्न प्रांतों से चुने गए 20 सदस्यों में से एक थीं. काजल अरुणाचल प्रदेश स्थित भारतीय पर्वतारोहण फाउण्डेशन द्वारा संचालित माउण्ट एवरेस्ट के चढ़ाई की विशेष ट्रेनिंग कोर्स में प्रशिक्षित हो चुकी हैं. वहां प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बेस्ट कैडेट का अवार्ड मिला था. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भारत सरकार और खेल मंत्रालय के प्रयास से इस ट्रेनिंग के लिए उनकी मदद की थी. लेकिन, ट्रेनिंग के बाद भी दुनिया की ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का उनका सपना अधूरा है, इसके लिए उन्हें सरकार मदद नहीं मिल पा रही है.

mountaineer Kajal Patel
अरूणाचल में प्रशिक्षण के दौरान काजल को चुना गया बेस्ट कैडेट.

बछेन्द्री पाल से की मुलाकातः अरुणाचल प्रदेश में अपनी प्रशिक्षण पूरी करने के बाद काजल पटेल ने बछेन्द्री पाल से 2019 में मुलाकात की थी. बछेन्द्री पाल एवरेस्ट फतह करने वाली देश की पहली और दुनिया की पांचवीं भारतीय महिला पर्वतारोही हैं. काजल ने उनसे एवरेस्ट फतह करने के विषय में जानकारी ली थी. फिलहाल काजल वाराणसी से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद राम ललित सिंह महाविद्यालय कैलहट मिर्जापुर से बी.एड कर रही हैं. इसके साथ ही वह सेना में भर्ती होने की भी तैयारी कर रही हैं.

ये भी पढ़ेंः यूपी में 12 बार मुख्यमंत्री के सचिव रहे नवनीत सहगल हो रहे रिटायर, शानदार रहा करियर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.