मिर्जापुर: गंगा को अविरल व निर्मल बनाने के लिए प्रयागराज से 16 दिसंबर 2020 से शुरू हुई अतुल्य गंगा अभियान के तहत 'मुंडमाल गंगा परिक्रमा' गंगा सागर होते हुए 97 दिनों में 28 सौ किलोमीटर की दूरी तय कर सोमवार को मिर्जापुर शहर पहुंची. यात्रा के साथ चल रहे हीरेन्द्र भाई पटेल ने बताया कि हर 10 किलोमीटर पर गंगाजल गुणवत्ता की जांच की जा रही है. गंगा नदी में गिरने वाले हर छोटे-बड़े नाले की जिओ टैगिंग की जा रही है. साथ में दोनों किनारे पौधे लगाए जा रहे हैं. अभी तक चार हजार से ज्यादा पौधे लागए जा चुके हैं. यह छह हजार किलोमीटर की यात्रा प्रयागराज से निकलकर गंगासागर होते हुए गंगोत्री से वापस होकर 15 अगस्त 2021 को प्रयागराज में समाप्त होगी.
6 हजार किमी की यात्रा पर निकली मुंडमाल गंगा परिक्रमा
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहुमी, सेवानिवृत्त सैन्य अभियंता गोपाल शर्मा और सेवानिवृत्त कर्नल मनोज केश्वर के नेतृत्व में मुंडमाल गंगा परिक्रमा अतुल्य गंगा अभियान के तहत करीब छह हजार किलोमीटर की पदयात्रा 220 दिनों में पूरी कर 15 अगस्त 2021 को समापन करने का लक्ष्य रखा गया है. 16 दिसंबर 2020 से शुरू हुई प्रयागराज से अतुल्य गंगा अभियान के तहत 'मुंडमाल यात्रा' का दूसरा चरण गंगासागर से छह फरवरी को निकला है और अब तक यह जत्था 28 सौ किलोमीटर की यात्रा का सफर तय कर मिर्जापुर पहुंचा है.
मुंडमाल गंगा परिक्रमा का काम
अतुल्य गंगा प्रोजेक्ट की टीम के द्वारा गंगा में प्रदूषण स्तर की मैपिंग, प्रदूषण स्रोतों की भू-टैगिंग, जन जागरूकता एवं वृक्षारोपण करने काम किया जा रहा है. प्रयागराज से गंगासागर, गंगासागर से गौमुख, गौमुख से फिर प्रयागराज तक पूरे छह हजार किलोमीटर की परिक्रमा यात्रा की जाएगी. इस यात्रा का शुभारंभ प्रयागराज से 16 दिसंबर 2020 को हुआ था. यात्रा को 15 अगस्त 2021 को समाप्त करने का लक्ष्य है. अभी तक 97 दिनों में प्रयागराज से गंगासागर और वापस मिर्जापुर तक लगभग 2800 किलोमीटर की यात्रा हो चुकी है. इसका उद्देश्य गंगा को प्रदूषणमुक्त कर सतत अविरल प्रवाहित करने के लिए जन जागरूकता फैलाना है.