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मिर्जापुर में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई, अनुप्रिया का DM के साथ पत्राचार जारी

यूपी के मिर्जापुर से सांसद और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल जिलाधिकारी के खिलाफ एक के बाद एक पत्र लिख रही हैं. केंद्रीय विद्यालय की बिजली काटे जाने को लेकर उन्होंने चौथी बार जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कारण पूछा. इससे पहले यूपी सरकार के ऊर्जा राज्‍य मंत्री रमाशंकर पटेल द्वारा करोड़ों रुपये की परियोजना जल जीवन मिशन का शिलान्यास किए जाने को लेकर उन्होंने डीएम को पत्र लिखा था.

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Published : Oct 22, 2020, 8:48 AM IST

सांसद अनुप्रिया पटेल ने DM को लिखा पत्र.
सांसद अनुप्रिया पटेल ने DM को लिखा पत्र.

मिर्जापुर: अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल और यूपी सरकार के ऊर्जा राज्‍य मंत्री रमाशंकर पटेल की राजनीतिक लड़ाई अब खुलकर सामने आनी शुरू हो गयी है. इसकी शुरुआत 17 अक्टूबर को करोड़ों रुपये की परियोजना जल जीवन मिशन के शिलान्यास को लेकर हुई. इस शिलान्यास कार्यक्रम में अनुप्रिया पटेल ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर सवाल उठाए थे. उन्‍होंने पूछा था कि करोड़ों रुपये की जल जीवन मिशन परियोजना के शिलान्‍यास की सूचना उन्‍हें क्‍यों नहीं दी गई. वहीं अब अनुप्रिया ने डीएम को पत्र लिखकर केंद्रीय विद्यालय की बिजली काटे जाने के संबंध में सवाल पूछा है. पत्र में उन्‍होंने लिखा है कि आखिर इस विद्यालय की बिजली क्‍यों और किसके दबाव में काट दी गई. बता दें इस केंद्रीय विद्यालय को लाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का अहम योगदान है.

सांसद अनुप्रिया पटेल ने DM को लिखा पत्र.
सांसद अनुप्रिया पटेल ने DM को लिखा पत्र.


कहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, 17 अक्टूबर को अदलहाट इलाके के गोठौरा गांव में ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने करोड़ों की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य पेयजल और स्वच्छता मिशन के अंतर्गत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल शोधन संयंत्र) का विधिवत भूमि पूजन कर शिलान्यास किया था. इस शिलान्‍यास कार्यक्रम पर सांसद अनुप्रिया पटेल ने जिला प्रशासन से नाराजगी दिखाते हुए आपत्ति जताई. उन्‍होंने डीएम सुशील कुमार पटेल को पत्र लिखकर पूछा कि इस कार्यक्रम की उन्‍हें सूचना क्यों नहीं दी गई. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी पूछा कि इसमें राज्‍यसभा सांसद और विधायकों को क्यों नहीं बुलाया गया. उन्होंने पूछा कि यह कार्यक्रम सरकारी था या गैरसरकारी यह भी स्‍पष्‍ट नहीं है. अनुप्रिया पटेल ने लिखा कि इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री या यूपी के जल मंत्री के हाथों होना चाहिए था. अनुप्रिया ने डीएम से यह भी पूछा कि क्‍या उन्‍होंने इस कार्यक्रम के लिए शासन की परमिशन ली थी.

केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्य द्वारा सांसद को लिखा गया पत्र.
केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्य द्वारा सांसद को लिखा गया पत्र.

पत्र सामने आने के बाद जिला अधिकारी ने कहा कि अभी तक जल जीवन मिशन परियोजना का कोई शिलान्यास नहीं हुआ है. शासन के निर्देश पर जल्‍द किया जाएगा. लेटर के बाद जिला प्रशासन ने 17 अक्टूबर को शिलान्यास के तहत जो शिलापट्ट लगवाया गया था, उसको आनन-फानन में रातों-रात 19 अक्‍टूबर को हटवा दिया. इसके बाद सांसद अनुप्रिया पटेल ने दोबारा पत्र लिखकर पूछा कि जब कोई शिलान्यास नहीं हुआ था तो शिलापट्ट क्यों हटाया गया.

वहीं इसके बाद 20 अक्‍टूबर की शाम को केंद्रीय विद्यालय की बिजली काट दी गई. केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य ने अनुप्रिया पटेल को पत्र लिखकर बिजली काटे जाने के बारे में अवगत कराया था. इसके बाद अनुप्रिया ने एक बार फिर से जिलाधिकारी को पत्र लिख कर बिजली काटे जाने का कारण पूछा. उन्होंने पूछा कि कहीं शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर जवाब मांगने को लेकर तो यह कार्रवाई नहीं की गई है.

बता दें, अभी केंद्रीय विद्यालय की अपनी बिल्डिंग नहीं बनी है. केंद्रीय विद्यालय का संचालन राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में हो रहा है. इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारी आरके यादव ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज के ही कनेक्शन से केंद्रीय विद्यालय का भी कनेक्शन है, लेकिन केंद्रीय विद्यालय की बिजली कैसे कटी, इस पर वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए.
जिला अधिकारी से पत्र लिखकर मांगी थी निर्माण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट

रमाशंकर सिंह पटेल भारतीय जनता पार्टी से पहली बार मड़िहान विधानसभा से विधायक बने. इसके बाद उन्हें मंत्री बनाया गया. वहीं मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल लगातार दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं. मोदी सरकार-1 में वह केंद्रीय मंत्री थी. अपने पहले कार्यकाल में उनके प्रयासों से जिले में कई बड़े कामों की शुरुआत हुई थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में शुरू कराए गए कामों जैसे मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय, पेट्रोलियम टर्मिनल्स, सैनिक स्कूल, मध्य प्रदेश बॉर्डर से वाराणसी तक फोरलेन नेशनल हाईवे का निर्माण जैसे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जिला अधिकारी से पत्र लिखकर मांगी थी. जवाब नहीं देने पर जिला अधिकारी के खिलाफ वह लगातार पत्र लिख रही हैं.

मिर्जापुर: अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल और यूपी सरकार के ऊर्जा राज्‍य मंत्री रमाशंकर पटेल की राजनीतिक लड़ाई अब खुलकर सामने आनी शुरू हो गयी है. इसकी शुरुआत 17 अक्टूबर को करोड़ों रुपये की परियोजना जल जीवन मिशन के शिलान्यास को लेकर हुई. इस शिलान्यास कार्यक्रम में अनुप्रिया पटेल ने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर सवाल उठाए थे. उन्‍होंने पूछा था कि करोड़ों रुपये की जल जीवन मिशन परियोजना के शिलान्‍यास की सूचना उन्‍हें क्‍यों नहीं दी गई. वहीं अब अनुप्रिया ने डीएम को पत्र लिखकर केंद्रीय विद्यालय की बिजली काटे जाने के संबंध में सवाल पूछा है. पत्र में उन्‍होंने लिखा है कि आखिर इस विद्यालय की बिजली क्‍यों और किसके दबाव में काट दी गई. बता दें इस केंद्रीय विद्यालय को लाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का अहम योगदान है.

सांसद अनुप्रिया पटेल ने DM को लिखा पत्र.
सांसद अनुप्रिया पटेल ने DM को लिखा पत्र.


कहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, 17 अक्टूबर को अदलहाट इलाके के गोठौरा गांव में ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने करोड़ों की लागत से उत्तर प्रदेश राज्य पेयजल और स्वच्छता मिशन के अंतर्गत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल शोधन संयंत्र) का विधिवत भूमि पूजन कर शिलान्यास किया था. इस शिलान्‍यास कार्यक्रम पर सांसद अनुप्रिया पटेल ने जिला प्रशासन से नाराजगी दिखाते हुए आपत्ति जताई. उन्‍होंने डीएम सुशील कुमार पटेल को पत्र लिखकर पूछा कि इस कार्यक्रम की उन्‍हें सूचना क्यों नहीं दी गई. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी पूछा कि इसमें राज्‍यसभा सांसद और विधायकों को क्यों नहीं बुलाया गया. उन्होंने पूछा कि यह कार्यक्रम सरकारी था या गैरसरकारी यह भी स्‍पष्‍ट नहीं है. अनुप्रिया पटेल ने लिखा कि इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री या यूपी के जल मंत्री के हाथों होना चाहिए था. अनुप्रिया ने डीएम से यह भी पूछा कि क्‍या उन्‍होंने इस कार्यक्रम के लिए शासन की परमिशन ली थी.

केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्य द्वारा सांसद को लिखा गया पत्र.
केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्य द्वारा सांसद को लिखा गया पत्र.

पत्र सामने आने के बाद जिला अधिकारी ने कहा कि अभी तक जल जीवन मिशन परियोजना का कोई शिलान्यास नहीं हुआ है. शासन के निर्देश पर जल्‍द किया जाएगा. लेटर के बाद जिला प्रशासन ने 17 अक्टूबर को शिलान्यास के तहत जो शिलापट्ट लगवाया गया था, उसको आनन-फानन में रातों-रात 19 अक्‍टूबर को हटवा दिया. इसके बाद सांसद अनुप्रिया पटेल ने दोबारा पत्र लिखकर पूछा कि जब कोई शिलान्यास नहीं हुआ था तो शिलापट्ट क्यों हटाया गया.

वहीं इसके बाद 20 अक्‍टूबर की शाम को केंद्रीय विद्यालय की बिजली काट दी गई. केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य ने अनुप्रिया पटेल को पत्र लिखकर बिजली काटे जाने के बारे में अवगत कराया था. इसके बाद अनुप्रिया ने एक बार फिर से जिलाधिकारी को पत्र लिख कर बिजली काटे जाने का कारण पूछा. उन्होंने पूछा कि कहीं शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर जवाब मांगने को लेकर तो यह कार्रवाई नहीं की गई है.

बता दें, अभी केंद्रीय विद्यालय की अपनी बिल्डिंग नहीं बनी है. केंद्रीय विद्यालय का संचालन राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में हो रहा है. इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारी आरके यादव ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज के ही कनेक्शन से केंद्रीय विद्यालय का भी कनेक्शन है, लेकिन केंद्रीय विद्यालय की बिजली कैसे कटी, इस पर वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए.
जिला अधिकारी से पत्र लिखकर मांगी थी निर्माण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट

रमाशंकर सिंह पटेल भारतीय जनता पार्टी से पहली बार मड़िहान विधानसभा से विधायक बने. इसके बाद उन्हें मंत्री बनाया गया. वहीं मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल लगातार दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं. मोदी सरकार-1 में वह केंद्रीय मंत्री थी. अपने पहले कार्यकाल में उनके प्रयासों से जिले में कई बड़े कामों की शुरुआत हुई थी. उन्होंने अपने कार्यकाल में शुरू कराए गए कामों जैसे मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय, पेट्रोलियम टर्मिनल्स, सैनिक स्कूल, मध्य प्रदेश बॉर्डर से वाराणसी तक फोरलेन नेशनल हाईवे का निर्माण जैसे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जिला अधिकारी से पत्र लिखकर मांगी थी. जवाब नहीं देने पर जिला अधिकारी के खिलाफ वह लगातार पत्र लिख रही हैं.

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