मिर्जापुर: झारखंड के देवघर में स्थित त्रिकूट पर्वत पर हुए हादसे के बाद देशभर में संचालित विभिन्न रोप-वे अलर्ट पर हैं. ऐसे में मिर्जापुर विंध्याचल धाम में दो स्थान पर चल रहे रोपवे का ETV Bharat ने रियलिटी चेक किया है. यहां पर संचालन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि चालू करने से पहले सारे नट-बोल्ट को चेक किया जाता है. इसके साथ ही तीन से चार राउंड बिना सवारी रोप-वे को चलाया जाता है. इसके बाद श्रद्धालुओं को उस पर बैठने की इजाजत दी जाती है.
बता दें कि मिर्जापुर विंध्याचल धाम में काली खोह और अष्टभुजा मंदिर पर श्रद्धालुओं को जाने के लिए रोपवे का संचालन कराया जा रहा है. विंध्याचल रोपवे कंपनी के नाम से संचालन किया जा रहा है. यह रोप वे पूर्वांचल का पहला रोपवे है, जहां नवरात्रि से श्रद्धालुओं के लिए सुविधा मिल रही है.
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दूरदराज से आए श्रद्धालु दर्शन पूजन के बाद रोपवे की सवारी जरूर करते हैं. मिर्जापुर के रोपवे में केवल चार सवारियों के बैठने की इजाजत है, जिसमें 320 किलो वजन ही ली जा सकता है. एक सवारी के अप डाउन का भाड़ा 40 रुपये है. बच्चों के दोनों तरफ का भाड़ा 25 रुपये व एक तरफ का 15 रुपये किराया है. नवरात्र मेले में हजारों तो आम दिनों में सैकड़ों श्रद्धालु सवारी करते हैं. एंट्री से लेकर बैठाने और उतारने तक के लिए लोग लगे रहते हैं.
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