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मिर्जापुर: डर के साए में काम कर रहे रोडवेज बसों के चालक-परिचालक - उत्तर प्रदेश में रोडवेज बस

यूपी के मिर्जापुर जिले में रोडवेज चालक और परिचालक डर के साए में यात्रियों को ले आ जा रहे हैं. चालकों का कहना है कि बस में 30 यात्रियों की सीट पर 50 से ज्यादा लोगों को बैठाना पड़ता है. आरोप है कि अगर ऐसा नहीं करेंगे तो चालक और परिचालक से पैसे वसूले जाएंगे.

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मिर्जापुर रोडवेज बस सेवा.
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Published : Jun 12, 2020, 1:10 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: अनलॉक-1 में यात्रियों की सहूलियत के लिए सभी रूटों पर रोडवेज बस चलाई जा रही हैं. मगर रोडवेज बस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से चालक-परिचालक से लेकर यात्री तक डर के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं.

बसों में ज्यादा रहती है यात्रियों की संख्या
मिर्जापुर से मनिगड़ा जाने वाली बस में 30 की जगह 50 से 90 तक यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं. चालक का कहना है कि इस रूट पर एक बस चलने से यात्रियों की संख्या ज्यादा होने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. साथ ही रोडवेज की तरफ से हम लोगों कोई खास सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. कोरोना के बचाव को लेकर डर में यात्रियों को घर तक पहुंचाया जा रहा है. मास्क, सैनिटाइजर और ग्लब्स तक नहीं मिले हैं. इसके बावजूद भी कम से कम 60 प्रतिशत यात्री होने चाहिए नहीं तो चालक परिचालक के वेतन में कटौती की जाएगी.

कोरोना वायरस का खौफ.

क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं, इस मामले में एआरएम हरिशंकर पांडे से बात की गई तो उनका कहना था कि सभी रूटों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यात्रा कराई जा रही है. सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स चालकों को दिए गए हैं. साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई है. सुरक्षित यात्रा कराई जा रही है.

क्या कहते हैं चालक
रोडवेज बस चला रहे ड्राइवरों का आरोप है कि हम लोग लगातार सेवा दे रहे हैं. इसके बावजूद भी रोडवेज बस की तरफ से कोई खास व्यवस्था कोरोना से बचाव को लेकर नहीं की गई है. मजबूरी में यात्रियों को यात्रा करा रहे हैं. मास्क, सेनेटाइजर और ग्लब्स तक उपलब्ध नहीं कराया गया है.

चालकों का कहना है कि हम लोगों के भी परिवार हैं, डर लगता है कोरोना को लेकर. इसके बावजूद भी कहा जाता है कि 60 प्रतिशत से कम इनकम नहीं होनी चाहिए, नहीं तो आप लोगों से पैसे लिए जाएंगे. लिहाजा डर-डर कर यात्रियों को घर तक पहुंचा रहे हैं.

मिर्जापुर: अनलॉक-1 में यात्रियों की सहूलियत के लिए सभी रूटों पर रोडवेज बस चलाई जा रही हैं. मगर रोडवेज बस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से चालक-परिचालक से लेकर यात्री तक डर के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं.

बसों में ज्यादा रहती है यात्रियों की संख्या
मिर्जापुर से मनिगड़ा जाने वाली बस में 30 की जगह 50 से 90 तक यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं. चालक का कहना है कि इस रूट पर एक बस चलने से यात्रियों की संख्या ज्यादा होने से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. साथ ही रोडवेज की तरफ से हम लोगों कोई खास सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. कोरोना के बचाव को लेकर डर में यात्रियों को घर तक पहुंचाया जा रहा है. मास्क, सैनिटाइजर और ग्लब्स तक नहीं मिले हैं. इसके बावजूद भी कम से कम 60 प्रतिशत यात्री होने चाहिए नहीं तो चालक परिचालक के वेतन में कटौती की जाएगी.

कोरोना वायरस का खौफ.

क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं, इस मामले में एआरएम हरिशंकर पांडे से बात की गई तो उनका कहना था कि सभी रूटों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यात्रा कराई जा रही है. सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स चालकों को दिए गए हैं. साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई है. सुरक्षित यात्रा कराई जा रही है.

क्या कहते हैं चालक
रोडवेज बस चला रहे ड्राइवरों का आरोप है कि हम लोग लगातार सेवा दे रहे हैं. इसके बावजूद भी रोडवेज बस की तरफ से कोई खास व्यवस्था कोरोना से बचाव को लेकर नहीं की गई है. मजबूरी में यात्रियों को यात्रा करा रहे हैं. मास्क, सेनेटाइजर और ग्लब्स तक उपलब्ध नहीं कराया गया है.

चालकों का कहना है कि हम लोगों के भी परिवार हैं, डर लगता है कोरोना को लेकर. इसके बावजूद भी कहा जाता है कि 60 प्रतिशत से कम इनकम नहीं होनी चाहिए, नहीं तो आप लोगों से पैसे लिए जाएंगे. लिहाजा डर-डर कर यात्रियों को घर तक पहुंचा रहे हैं.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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