मिर्जापुर : अपना दल एस. के बाद समाजवादी पार्टी भी छानबे विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. समाजवादी पार्टी ने कीर्ति कोल पर फिर भरोसा जताया है. वहीं अपना दल एस. ने स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी कोल को प्रत्याशी बनाया है. अब छानबे के रणभेरी में दोनों राजनीतिक घरानों का आमना सामना होगा. कीर्ति कोल लालगंज विकास खंड के पचोखरा गांव की रहने वाली हैं. वहीं रिंकी कोल पटेहरा विकासखंड के कुबरी गांव के रहने वाली हैं.
छानबे विधानसभा उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. रविवार देर शाम समाजवादी पार्टी ने छानबे विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने पत्ते खोल दिए. वहीं अपना दल एस. ने पहले से ही विधायक स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल की पत्नी को मैदान में उतार दिया है. समाजवादी पार्टी भी कीर्ति कोल को प्रत्याशी बनाकर मिर्जापुर में चुनावी पारा बढ़ा दिया है. कीर्ति कोल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल के सामने थीं, मगर हार का सामना करना पड़ा था. राहुल प्रकाश कोल के कैंसर की बीमारी से निधन के बाद खाली हुई सीट पर उप विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल की जगह उनकी पत्नी रिंकी कोल और कीर्ति कोल इस बार आमने-सामने होंगी. दोनों राजनीतिक परिवार से आती हैं एक के पिता प्रधान से सांसद तक बने हैं तो एक के ससुर विधायक से लेकर संसद तक का सफर तय किया है.
अपना दल एस. ने स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी को प्रत्याशी बनाया है. रिंकी के परिवार की सियासत की बात करें तो रिंकी के ही पति स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल 2017 व 2022 के चुनाव में छानबे विधानसभा से विधायक थे. उन्होंने लगतार दूसरी बार जीत दर्ज की थी. कैंसर के बीमारी के कारण विधायक राहुल प्रकाश कोल का इस वर्ष निधन हो गया था. इसी के कारण उपचुनाव हो रहा है. रिंकी कोल जिला पंचायत सदस्य भी हैं. ससुर पकौड़ी लाल कोल वर्तमान में राबर्ट्सगंज सोनभद्र से अपना दल एस. से सांसद हैं. पकौड़ी लाल कोल समाजवादी पार्टी से राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार और सांसद थे. साथ ही छानबे विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं. रिंकी की देवरानी वर्तमान में पटेहरा ब्लॉक प्रमुख हैं.
कीर्ति कोल वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी से छानबे सीट से प्रत्याशी थीं. कीर्ति कोल के पिता स्वर्गीय भाईलाल कोल राबर्ट्सगंज सोनभद्र से एक बार सांसद व छानबे विधानसभा से दो बार विधायक रहे. साथ ही भाईलाल कोल वर्ष 1995 में अपने गांव पचोखर से प्रधान भी थे. यहीं से राजनीति सफर की शुरुआत हुई प्रधान से लेकर सांसद तक इनका सियासी सफर रहा. भाजपा से वह 1996 में छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक चुन लिए गए. बीजेपी ने वर्ष-2001 के विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया तो वे बीएसपी में चले गए और वर्ष-2004 में सोनभद्र रार्बटसगंज संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और सांसद चुन लिए गए. बीएसपी ने वर्ष 2009 में टिकट काट दिया तो सपा से वर्ष-2012 में फिर छानबे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक बन गए, मगर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से सपा से लड़े तो अपनादल (एस) बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार राहुल प्रकाश कोल से पटकनी खा गए.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राबर्ट्सगंज सोनभद्र संसदीय सीट से अपना दल एस. के उम्मीदवार व राहुल प्रकाश कोल के पिता पकौड़ीलाल कोल ने भी सपा प्रत्याशी भाईलाल कोल को हराया दिया था. कीर्ति कोल विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर छानबे से चुनाव लड़ा था, लेकिन राहुल प्रकाश कोल ने पराजित कर दिया. इसके बाद समाजवादी पार्टी ने उनको विधान परिषद के लिए प्रत्याशी बनाया था. वहां नामांकन हो गया, मगर नामांकन पत्र की जांच के दौरान उम्र कम होने से पर्चा खारिज हो गया था. फिर भी समाजवादी पार्टी ने इन्हें तीसरी बार मौका दिया है. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में स्वर्गीय विधायक राहुल प्रकाश कोल ने बीजेपी के गठबंधन से जीत दर्ज की थी. कैंसर की बीमारी से 2 फरवरी को राहुल प्रकाश कोल का निधन हो गया. इसके बाद यह सीट रिक्त हो गई थी. राहुल प्रकाश कोल 102502 मत, निकटतम प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल 64389 मत, बसपा से धनेश्वर गौतम 32245 मत, कांग्रेस के भगवती प्रसाद चौधरी 3935 मत मिले थे.
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