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कोरोना ने थामे वाहनों के पहिए, लोगों को हो रही परेशानी - लॉकडाउन में लोगों को हो रही परेशानी

पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से वाहनों के पहिए थम गए हैं. इससे मिर्जापुर में लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना उठाना पड़ रहा है.

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वाहनों के पहिए थमने से फंसे मजबूर.
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Published : Mar 29, 2020, 9:36 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्ज़ापुर: कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है, जिसके चलते सभी सरकारी वाहनों के पहिए थम गए हैं. लॉकडाउन में वाहनों के न चलने से शहर से दो तस्वीरें सामने आई हैं. पहली तस्वीर है रोडवेज स्टेशन की है, जहां पश्चिम बंगाल के दिव्यांग यात्री 22 मार्च से फंसे हुए हैं, वह अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. दूसरी तस्वीर अस्पताल रोड की है, जहां एक शख्स अपने मरीज को इलाज के लिए ठेले पर ही लेकर अस्पताल जा रहा है. दोनों का कहना है कि वाहन न मिलने से उन्हें यह परेशानी उठानी पड़ रही है.

वाहनों के पहिए थमने से फंसे मजबूर.
वाहनों के पहिए थमने से फंसे लोग.

वाहनों के पहिए थमने से फंसे लोग
पूरे देश में कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण जो जहां है, वहीं थम गया है. कोई कहीं जाना भी चाहता है तो वाहनों के पहिए थमने से नहीं जा पा रहा है. इसी सब के बीच मोहम्मद सलीम जो पश्चिम बंगाल में आसनसोल जिले के बाबू तलाव के रहने वाले हैं, 22 मार्च से मिर्जापुर रोडवेज स्टेशन पर फंसे हुए हैं.

वाहनों के पहिए थमने से फंसे मजबूर.
वाहनों के पहिए थमने से ठेले पर मरीज को लेकर जा रहे.

सलीम बताते हैं कि वह अपने भाई असलम से मिलने कालिका मेल से 22 मार्च को मिर्जापुर पहुंचे थे, उसी दिन जनता कर्फ्यू था. वह अपने भाई से मिलने मुकेरि बाजार आए थे, उनका कहना है कि भाई असलम यहां पर काम करता है, लेकिन वह यहां से कब चला गया यह सलीम को नहीं पता है और न ही वह अपने भाई से मिल पाए. सलीम ने बताया कि न ही उनके पास फोन है और न ही उनके भाई के पास कोई फोन है. अब जब तक लॉकडाउन रहेगा. वह इसी रोडवेज स्टेशन पर रहेंगे. उन्होंने बताया कि पास के लोग और रोडवेज के लोग इनके खाने की व्यव्स्था कर देते हैं.

वाहनों के पहिए थमने से ठेले पर मरीज को लेकर जा रहे.

लॉकडाउन की यह दूसरी तस्वीर जिला अस्पताल रोड की है. यहां इलाज कराने के लिए यह शख्स अपने परिजन को ठेले से जिला अस्पताल ले जा रहा है. मिर्जापुर शहर के कजराहवा पोखरा के रहने वाले बाबू सोनकर के पैर में प्रॉब्लम होने की वजह से परिजन उन्हें ठेले पर बैठा कर जिला अस्पताल पहुंचा रहे हैं. इनका कहना है कि बंद की वजह से कोई वाहन नहीं मिल पा रहा है और न ही उन्हें कोई नंबर पता है. वह परेशान हैं इसीलिए मरीज को ठेले पर ले जा रहे हैं.

मिर्ज़ापुर: कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है, जिसके चलते सभी सरकारी वाहनों के पहिए थम गए हैं. लॉकडाउन में वाहनों के न चलने से शहर से दो तस्वीरें सामने आई हैं. पहली तस्वीर है रोडवेज स्टेशन की है, जहां पश्चिम बंगाल के दिव्यांग यात्री 22 मार्च से फंसे हुए हैं, वह अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. दूसरी तस्वीर अस्पताल रोड की है, जहां एक शख्स अपने मरीज को इलाज के लिए ठेले पर ही लेकर अस्पताल जा रहा है. दोनों का कहना है कि वाहन न मिलने से उन्हें यह परेशानी उठानी पड़ रही है.

वाहनों के पहिए थमने से फंसे मजबूर.
वाहनों के पहिए थमने से फंसे लोग.

वाहनों के पहिए थमने से फंसे लोग
पूरे देश में कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण जो जहां है, वहीं थम गया है. कोई कहीं जाना भी चाहता है तो वाहनों के पहिए थमने से नहीं जा पा रहा है. इसी सब के बीच मोहम्मद सलीम जो पश्चिम बंगाल में आसनसोल जिले के बाबू तलाव के रहने वाले हैं, 22 मार्च से मिर्जापुर रोडवेज स्टेशन पर फंसे हुए हैं.

वाहनों के पहिए थमने से फंसे मजबूर.
वाहनों के पहिए थमने से ठेले पर मरीज को लेकर जा रहे.

सलीम बताते हैं कि वह अपने भाई असलम से मिलने कालिका मेल से 22 मार्च को मिर्जापुर पहुंचे थे, उसी दिन जनता कर्फ्यू था. वह अपने भाई से मिलने मुकेरि बाजार आए थे, उनका कहना है कि भाई असलम यहां पर काम करता है, लेकिन वह यहां से कब चला गया यह सलीम को नहीं पता है और न ही वह अपने भाई से मिल पाए. सलीम ने बताया कि न ही उनके पास फोन है और न ही उनके भाई के पास कोई फोन है. अब जब तक लॉकडाउन रहेगा. वह इसी रोडवेज स्टेशन पर रहेंगे. उन्होंने बताया कि पास के लोग और रोडवेज के लोग इनके खाने की व्यव्स्था कर देते हैं.

वाहनों के पहिए थमने से ठेले पर मरीज को लेकर जा रहे.

लॉकडाउन की यह दूसरी तस्वीर जिला अस्पताल रोड की है. यहां इलाज कराने के लिए यह शख्स अपने परिजन को ठेले से जिला अस्पताल ले जा रहा है. मिर्जापुर शहर के कजराहवा पोखरा के रहने वाले बाबू सोनकर के पैर में प्रॉब्लम होने की वजह से परिजन उन्हें ठेले पर बैठा कर जिला अस्पताल पहुंचा रहे हैं. इनका कहना है कि बंद की वजह से कोई वाहन नहीं मिल पा रहा है और न ही उन्हें कोई नंबर पता है. वह परेशान हैं इसीलिए मरीज को ठेले पर ले जा रहे हैं.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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