मिर्जापुर: मंडलीय जिला अस्पताल में बना ट्रामा सेंटर मरीजों और उनके तीमारदारों के अरमानों पर पानी फेर रहा है. दरअसल ट्रामा सेंटर पर करीब आठ साल से ताला लटका हुआ है, जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
राजकीय निर्माण निगम हुआ फरार
मंडलीय अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना ट्रामा सेंटर भवन करीब आठ साल से उपेक्षित पड़ा है. इसका निर्माण करने वाली राजकीय निर्माण निगम संस्था को 90% का भुगतान किया जा चुका है. 10% का भुगतान बिल्डिंग के हैण्डओवर के बाद किया जाना था, लेकिन अधूरा काम को छोड़कर संस्था आठ साल से फरार है.
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प्रदेश सरकार स्तर पर हो रही वार्ता
इस मामले में प्रदेश सरकार के स्तर पर वार्ता हो रही है. एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. इसके बाबजूद भी बिल्डिंग का न तो अभी तक काम पूरा हुआ और न ही हैण्डओवर किया गया है.
जमीन पर मरीजों का हो रहा इलाज
अस्पताल में जनपद के अलावा भदोही, सोनभद्र और मध्य प्रदेश तक के मरीज इलाज कराने आते हैं. ऐसे में बेड न होने की वजह से जमीन और इधर-उधर व्यवस्था करके उनका इलाज किया जाता है, या फिर मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया जाता है. इस बात को लेकर यहां के चिकित्सक भी चिंतित हैं.
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यहां ट्रामा सेंटर बना हुआ है, लेकिन अभी तक खुला नहीं है. अगर खुल जाता तो बेड की कमी नहीं होती और यहां आने वाले मरीजों को पेरशानी नहीं उठानी पड़ती.
-नट्टे, स्थानीयइसे लेकर सरकार स्तर पर वार्ता की जा रही है. उम्मीद है जल्द ही पूरा हो जाएगा.
-डॉ. आलोक, प्रभारी सीएमएस