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मिर्जापुर: 8 सालों से उपेक्षित पड़ा ट्रामा सेंटर, परेशानियों का सामना करते मरीज - राजकीय निर्माण निगम

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर मंडलीय जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में सालों से ताला लटका हुआ है, जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मंडलीय जिला अस्पताल में बिना ट्रामा सेंटर के परेशान मरीज.
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Published : Oct 20, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: मंडलीय जिला अस्पताल में बना ट्रामा सेंटर मरीजों और उनके तीमारदारों के अरमानों पर पानी फेर रहा है. दरअसल ट्रामा सेंटर पर करीब आठ साल से ताला लटका हुआ है, जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मंडलीय जिला अस्पताल में बिना ट्रामा सेंटर के परेशान मरीज.

राजकीय निर्माण निगम हुआ फरार
मंडलीय अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना ट्रामा सेंटर भवन करीब आठ साल से उपेक्षित पड़ा है. इसका निर्माण करने वाली राजकीय निर्माण निगम संस्था को 90% का भुगतान किया जा चुका है. 10% का भुगतान बिल्डिंग के हैण्डओवर के बाद किया जाना था, लेकिन अधूरा काम को छोड़कर संस्था आठ साल से फरार है.

यह भी पढ़ें: आगरा में ईटीवी भारत की खबर का असर, मरीजों की जांच करने बिरुनी पहुंची डॉक्टरों की टीम

प्रदेश सरकार स्तर पर हो रही वार्ता
इस मामले में प्रदेश सरकार के स्तर पर वार्ता हो रही है. एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. इसके बाबजूद भी बिल्डिंग का न तो अभी तक काम पूरा हुआ और न ही हैण्डओवर किया गया है.

जमीन पर मरीजों का हो रहा इलाज
अस्पताल में जनपद के अलावा भदोही, सोनभद्र और मध्य प्रदेश तक के मरीज इलाज कराने आते हैं. ऐसे में बेड न होने की वजह से जमीन और इधर-उधर व्यवस्था करके उनका इलाज किया जाता है, या फिर मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया जाता है. इस बात को लेकर यहां के चिकित्सक भी चिंतित हैं.

यह भी पढ़ें: सरकारी योजनाओं से वंचित, फिर भी लोगों के लिए नजीर बनी महिला किसान

यहां ट्रामा सेंटर बना हुआ है, लेकिन अभी तक खुला नहीं है. अगर खुल जाता तो बेड की कमी नहीं होती और यहां आने वाले मरीजों को पेरशानी नहीं उठानी पड़ती.
-नट्टे, स्थानीय

इसे लेकर सरकार स्तर पर वार्ता की जा रही है. उम्मीद है जल्द ही पूरा हो जाएगा.
-डॉ. आलोक, प्रभारी सीएमएस

मिर्जापुर: मंडलीय जिला अस्पताल में बना ट्रामा सेंटर मरीजों और उनके तीमारदारों के अरमानों पर पानी फेर रहा है. दरअसल ट्रामा सेंटर पर करीब आठ साल से ताला लटका हुआ है, जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मंडलीय जिला अस्पताल में बिना ट्रामा सेंटर के परेशान मरीज.

राजकीय निर्माण निगम हुआ फरार
मंडलीय अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना ट्रामा सेंटर भवन करीब आठ साल से उपेक्षित पड़ा है. इसका निर्माण करने वाली राजकीय निर्माण निगम संस्था को 90% का भुगतान किया जा चुका है. 10% का भुगतान बिल्डिंग के हैण्डओवर के बाद किया जाना था, लेकिन अधूरा काम को छोड़कर संस्था आठ साल से फरार है.

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प्रदेश सरकार स्तर पर हो रही वार्ता
इस मामले में प्रदेश सरकार के स्तर पर वार्ता हो रही है. एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. इसके बाबजूद भी बिल्डिंग का न तो अभी तक काम पूरा हुआ और न ही हैण्डओवर किया गया है.

जमीन पर मरीजों का हो रहा इलाज
अस्पताल में जनपद के अलावा भदोही, सोनभद्र और मध्य प्रदेश तक के मरीज इलाज कराने आते हैं. ऐसे में बेड न होने की वजह से जमीन और इधर-उधर व्यवस्था करके उनका इलाज किया जाता है, या फिर मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया जाता है. इस बात को लेकर यहां के चिकित्सक भी चिंतित हैं.

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यहां ट्रामा सेंटर बना हुआ है, लेकिन अभी तक खुला नहीं है. अगर खुल जाता तो बेड की कमी नहीं होती और यहां आने वाले मरीजों को पेरशानी नहीं उठानी पड़ती.
-नट्टे, स्थानीय

इसे लेकर सरकार स्तर पर वार्ता की जा रही है. उम्मीद है जल्द ही पूरा हो जाएगा.
-डॉ. आलोक, प्रभारी सीएमएस

Intro:मिर्ज़ापुर मंडलीय जिला अस्पताल में बना ट्रामा सेंटर पर करीब आठ साल से लटका ताला मरीजों और उनकी तीमारदारों के अरमानों पर पानी फेर रहा है । मरीजों को बेड के अभाव में कभी कभी जमीन पर लेटा कर इलाज किया जाता है।करीब आठ साल से ट्रामा सेंटर का हैण्डओवर राजकीय निर्माण निगम द्वारा न किए जाने से सरकार की जनकल्याणकारी योजना पर निगम पानी फेरने में लगा है। मंडली अस्पताल होने के कारण यहां पर मिर्जापुर के साथ ही सोनभद्र भदोही और मध्य प्रदेश से सटे रीवा जनपद तक के हजारों लोग प्रतिदिन इलाज कराने आते हैं ट्रामा सेंटर का सुविधा न मिलने से डॉक्टर वाराणसी बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर देते हैं

Body:मिर्ज़ापुर मंडलीय अस्पताल में करोड़ों की लागत से बना ट्रामा सेंटर भवन करीब 8 साल से उपेक्षित पड़ा है । इसका निर्माण करने वाली संस्था को 90% का भुगतान किया जा चुका है 10% का भुगतान बिल्डिंग का हैण्डओवर के बाद किया जाना है । अधूरे काम को छोड़कर राजकीय निर्माण निगम 8 साल से फरार है । प्रदेश सरकार के स्तर पर वार्ता हो रही हैं ।‌ इस मामले में एफ आई आर तक दर्ज कराया जा चुका है , फिर भी अभी तक बिल्डिंग का न तो काम पुरा हुआ और न ही उसका ताला खोलकर बिल्डिंग का हैण्डओवर किया जा रहा है। राजकीय निर्माण निगम सरकार की जनकल्याणकारी योजना पर पानी फेरने में लगा है ।अस्पताल में जनपद के अलावा भदोही सोनभद्र एवं मध्य प्रदेश तक के मरीज इलाज कराने आते हैं । ऐसे में बेड ना होने पर उन्हें जमनी और इधर उधर ब्यवस्था करके इलाज किया जाता है । यह देख कर तकलीफ होता है पर बेड की कमी होने से चिकित्सक भी बेवस नजर आते हैं ।राजकीय निर्माण निगम की लापरवाही से चिंतित है आखिर सरकार अगर ट्रामा सेंटर को आरंभ करा दे तो मरीजों का लाभ होगा । स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ट्रामा सेंटर बना हुआ है कई सालों से ऐसे पड़ा हुआ है अस्पताल का ही भाग है लेकिन अभी तक खुला नहीं है यह खुल जाता तो बेड की कमी नहीं होगी और जो वाराणसी जाते हैं यही मिल जाएगा इलाज। वहीं प्रभारी सीएमएस का कहना है कि 8 सालों से ट्रामा सेंटर इसी तरह बनकर पड़ा हुआ है राजकीय निर्माण निगम की लापरवाही से अभी तक हैण्डओवर नहीं किया गया है जबकि उस संस्थान को 90% भुगतान किया जा चुका है 10% हैंडओवर करने के बाद किया जाता है इसके बावजूद भी अभी न तो काम पूरा कर पाया है और न तो हैण्डओवर किया है सरकार स्तर पर वार्ता की जा रही है उम्मीद है जल्द ही पूरा हो जाएगा

Bite-नट्टे स्थानीय
Bite-डा0 आलोक जी-प्रभारी सीएमएस, मंडलीय अस्पताल

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630

Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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