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मिर्जापुर श्रम विभाग पंजीकृत मजदूरों को योजनाओं का लाभ देने में नंबर वन

उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर का श्रम विभाग पंजीकृत मजदूरों को योजनाओं से लाभान्वित करने में प्रदेश में नंबर वन पर है. इतना ही नहीं कई योजनाओं में विभाग प्रदेश के टॉप 5 जिलों में भी शामिल है.

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Published : Feb 2, 2021, 3:58 PM IST

मिर्जापुर श्रम विभाग
मिर्जापुर श्रम विभाग

मिर्जापुर: प्रदेश में मजदूरों को लेकर श्रम विभाग श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत कई लाभकारी योजनाएं चला रहा है. इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले मजदूरों को उनके काम के दौरान सुरक्षा से लेकर बेटी की शादी और बच्चों की पढ़ाई तक की सहायता दी जा रही है. मिर्जापुर श्रम विभाग पंजीकृत मजदूरों को लाभ पहुंचाने में कई योजनाओं में प्रदेश में नंबर वन पर है. साथ ही सेस में 5 करोड़ 39 लाख 80 हजार 188 लक्ष्य के सापेक्ष 11,98,92,681 वसूलकर प्रदेश में टॉप पर है. साइकिल सहायता योजना, मेधावी छात्र योजना, संत रविदास शिक्षा छात्रवृति योजना में जिला सर्वोत्तम है जबकि कन्या विवाह सहायता योजना और मेधावी छात्र पुरस्कार योजना में प्रदेश के टॉप 5 जनपदों में शामिल है.

योजनाओं का लाभ देने में नंबर वन है मिर्जापुर श्रम विभाग.
सरकार ने श्रमिकों के लिए शुरू की कई कल्याणकारी योजनाएं
भारत में उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में पहले पायदान पर है, यहां की आबादी का बड़ा हिस्सा श्रमिक है. सरकार भी इस बात को मानती है और कहती है श्रमिकों के कल्याण के बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता है. ऐसे में सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है. इन तमाम योजनाओं के लाभ के लिए श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है. मिर्जापुर श्रम विभाग अपने यहां पंजीकृत श्रमिकों को लाभ पहुंचाने में प्रदेश में कई योजनाओं में टॉप पर है.
इन योजनाओं में है टॉप पर
मिर्जापुर श्रम विभाग ने 60,966 श्रमिकों को सभी योजनाओं के तहत लाभ पहुंचाया है, जिसमें 1,70,78,013 रूपया खर्च किया है. विभाग ने श्रमिकों की बेटियों को आगे की पढ़ाई करने के लिए साइकिल सहायता योजना के तहत 234 साइकिल बेटियों को वितरित की हैं. एक साइकिल की कीमत 3500 रुपये होती है. मेधावी छात्र योजना, जिसमें 55 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्राओं और छात्रों को पुरस्कार दिया जाता है, में जिला टॉप पर है. संत रविदास शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना में 476 लोगों को 7,50,600 रुपये देकर टॉप पर है. प्रदेश में पंजीयन कराने के मामले में नंबर वन पर है. 80 प्रतिशत टारगेट पूरा कर लिया गया है, शेष 20 प्रतिशत मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा. इसी तरह नवीनीकरण का जो टारगेट दिया गया था उसमें 98 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. सेस में भी 5 करोड़ 39 लाख 80 हजार 188 रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष 11 करोड़ 98 लाख 92 हजार 681 रुपये वसूलकर कर जनपद टॉप पर है. जिले में अंत्येष्टि के लिए जितने आवेदन आए सभी को सहायता दी गई.
इन योजनाओं में भी प्रदेश के टॉप 5 जिलों में है शामिल
पुत्री विवाह योजना में 1024 निर्माण श्रमिकों को 5 करोड़ 36 लाख रुपये देखकर मिर्जापुर टॉप 5 जिलों में शामिल है. मेधावी छात्र पुरस्कार योजना में टॉप 5 जिलों में शामिल है. 26,000 श्रमिकों के चिकित्सा योजना के तहत आवेदन स्वीकृत किए गए हैं.

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की लाभकारी योजनाएं
शिशु हितलाभ योजना, मातृत्व हितलाभ योजना, बालिका मदद योजना, अक्षमता पेंशन योजना, मातृत्व एवं विकलांगता सहायता योजना, पुत्री विवाह अनुदान योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, आवास सहायता योजना, पेंशन योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, साइकिल सहायता योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना, मेधावी छात्र योजना, मध्याह्न भोजन सहायता योजना, आवसीय विद्यालय योजना, खाद्यान्न सहायता योजना और संत रविदास शिक्षा सहायता योजना चलाई जा रहे हैं.

मिर्जापुर: प्रदेश में मजदूरों को लेकर श्रम विभाग श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत कई लाभकारी योजनाएं चला रहा है. इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वाले मजदूरों को उनके काम के दौरान सुरक्षा से लेकर बेटी की शादी और बच्चों की पढ़ाई तक की सहायता दी जा रही है. मिर्जापुर श्रम विभाग पंजीकृत मजदूरों को लाभ पहुंचाने में कई योजनाओं में प्रदेश में नंबर वन पर है. साथ ही सेस में 5 करोड़ 39 लाख 80 हजार 188 लक्ष्य के सापेक्ष 11,98,92,681 वसूलकर प्रदेश में टॉप पर है. साइकिल सहायता योजना, मेधावी छात्र योजना, संत रविदास शिक्षा छात्रवृति योजना में जिला सर्वोत्तम है जबकि कन्या विवाह सहायता योजना और मेधावी छात्र पुरस्कार योजना में प्रदेश के टॉप 5 जनपदों में शामिल है.

योजनाओं का लाभ देने में नंबर वन है मिर्जापुर श्रम विभाग.
सरकार ने श्रमिकों के लिए शुरू की कई कल्याणकारी योजनाएं
भारत में उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में पहले पायदान पर है, यहां की आबादी का बड़ा हिस्सा श्रमिक है. सरकार भी इस बात को मानती है और कहती है श्रमिकों के कल्याण के बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता है. ऐसे में सरकार ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है. इन तमाम योजनाओं के लाभ के लिए श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है. मिर्जापुर श्रम विभाग अपने यहां पंजीकृत श्रमिकों को लाभ पहुंचाने में प्रदेश में कई योजनाओं में टॉप पर है.
इन योजनाओं में है टॉप पर
मिर्जापुर श्रम विभाग ने 60,966 श्रमिकों को सभी योजनाओं के तहत लाभ पहुंचाया है, जिसमें 1,70,78,013 रूपया खर्च किया है. विभाग ने श्रमिकों की बेटियों को आगे की पढ़ाई करने के लिए साइकिल सहायता योजना के तहत 234 साइकिल बेटियों को वितरित की हैं. एक साइकिल की कीमत 3500 रुपये होती है. मेधावी छात्र योजना, जिसमें 55 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्राओं और छात्रों को पुरस्कार दिया जाता है, में जिला टॉप पर है. संत रविदास शिक्षा सहायता छात्रवृत्ति योजना में 476 लोगों को 7,50,600 रुपये देकर टॉप पर है. प्रदेश में पंजीयन कराने के मामले में नंबर वन पर है. 80 प्रतिशत टारगेट पूरा कर लिया गया है, शेष 20 प्रतिशत मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा. इसी तरह नवीनीकरण का जो टारगेट दिया गया था उसमें 98 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. सेस में भी 5 करोड़ 39 लाख 80 हजार 188 रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष 11 करोड़ 98 लाख 92 हजार 681 रुपये वसूलकर कर जनपद टॉप पर है. जिले में अंत्येष्टि के लिए जितने आवेदन आए सभी को सहायता दी गई.
इन योजनाओं में भी प्रदेश के टॉप 5 जिलों में है शामिल
पुत्री विवाह योजना में 1024 निर्माण श्रमिकों को 5 करोड़ 36 लाख रुपये देखकर मिर्जापुर टॉप 5 जिलों में शामिल है. मेधावी छात्र पुरस्कार योजना में टॉप 5 जिलों में शामिल है. 26,000 श्रमिकों के चिकित्सा योजना के तहत आवेदन स्वीकृत किए गए हैं.

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की लाभकारी योजनाएं
शिशु हितलाभ योजना, मातृत्व हितलाभ योजना, बालिका मदद योजना, अक्षमता पेंशन योजना, मातृत्व एवं विकलांगता सहायता योजना, पुत्री विवाह अनुदान योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, आवास सहायता योजना, पेंशन योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, साइकिल सहायता योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना, मेधावी छात्र योजना, मध्याह्न भोजन सहायता योजना, आवसीय विद्यालय योजना, खाद्यान्न सहायता योजना और संत रविदास शिक्षा सहायता योजना चलाई जा रहे हैं.

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