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मिर्जापुर: अनाथ बच्चों ने फोन कर मांगी मदद, DM ने घर भिजवाई खाद्य सामग्री

लॉकडाउन के दौरान शहर से लेकर गांव तक अनेक संस्थाएं और जिला प्रशासन खाद्य सामग्री बांट रही हैं. इसके बावजूद भी कहीं न कहीं कुछ लोग छूट जा रहे हैं, जिनको मदद मांगनी पड़ रही है. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में उज्जवल की गरीबी देखकर यही लगता है कि वास्तव में इस तरह के लोगों की मदद करनी चाहिए, लेकिन जब तक कोई परेशानी नहीं सामने आती है, तब तक किसी का हाथ आगे नहीं बढ़ता है.

mirzapur dm helped orphans
अनाथ बच्चों की मिर्जापुर डीएम ने भिजवाई खाद्य सामग्री.
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Published : Apr 11, 2020, 9:27 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: लॉकडाउन में सभी दुकानें और कामकाज पूरी तरह से ठप हैं. ऐसे में मजदूरी करने वाले लोगों के सामने पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है. कटरा कोतवाली इलाके के सबरी मुहल्ले के रहने वाले उज्ज्वल को खाने की समस्या हुई तो डीएम से फोन कर मदद मांगी.

डीएम ने की अनाथ बच्चों की मदद.

इस वजह से डीएम से मांगी मदद
डीएम सुशील कुमार पटेल ने तत्काल उज्ज्वल के यहां एक सप्ताह का राशन अपने कर्मचारियों द्वारा भिजवा कर आगे भी मदद का भरोसा दिया. उज्जवल का कहना है कि वह सर्राफा की दुकान पर काम करता था. बंदी के चलते समस्या आ रही है. अकेले होता तो शायद सब कुछ झेल लेता, लेकिन दो छोटे भाइयों की जिम्मेदारी माता-पिता ने मुझे सौंपकर इस दुनिया में नहीं रहे. इसीलिए डीएम से मदद मांगनी पड़ी.

कौन हैं उज्ज्जल
कटरा कोतवाली इलाके के सबरी मोहल्ले में रहने वाले 15 वर्ष के उज्ज्वल के सहारे उसके दो छोटे भाई हृदय और कुणाल हैं. इन तीनों मासूम के माता-पिता इस दुनिया में नहीं रहे. किसी तरह उज्जवल सर्राफा के दुकान पर काम कर अपने साथ दो छोटे भाइयों का पालन पोषण करता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते कामकाज बंद हो गया.

mirzapur dm helped orphans
पीड़ित परिवार.

खाने की परेशानी होने पर डीएम से फोन कर मदद मांगी तो डीएम ने तत्काल उज्जवल के पास एक हफ्ते के राशन अपने कर्मचारियों द्वारा घर पर भिजवा कर कहा कि आगे भी आवश्यकता होगी तो मदद की जाएगी.

उज्जवल के माता-पिता के न रहने पर उसकी चाची थोड़ी बहुत मदद कर देती हैं, लेकिन वह भी गरीब होने के कारण कुछ भी नहीं कर पा रही थी, जिससे परेशान उज्जवल ने डीएम से मदद मांगी. उज्जवल की स्थिति बहुत दयनीय है. कच्चे दीवार पर टीन लगाकर रहने को वह मजबूर है.

मिर्जापुर: लॉकडाउन के चलते पोल्ट्री उद्योग चौपट, नहीं मिल रहा मुर्गों का चारा

पीड़ित ने बयां किया दर्द
उज्ज्वल का कहना है कि बंदी के पहले राशन कुछ स्टोर किए थे, लेकिन खत्म हो जाने के बाद दो भाइयों को खिलाना मुश्किल हो रहा था तो हमने जिलाधिकारी को फोन करके मदद मांगी. इस पर डीएम ने तत्काल खाद्य सामग्री भिजवाकर कहा कि आगे और आवश्यकता पड़ेगा तो मदद करेंगे. हम पूरे परिवार की तरफ से जिलाधिकारी को धन्यवाद देते हैं कि हमारी समस्या को देखते हुए उन्होंने हमारी मदद की.

मिर्जापुर: लॉकडाउन में सभी दुकानें और कामकाज पूरी तरह से ठप हैं. ऐसे में मजदूरी करने वाले लोगों के सामने पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है. कटरा कोतवाली इलाके के सबरी मुहल्ले के रहने वाले उज्ज्वल को खाने की समस्या हुई तो डीएम से फोन कर मदद मांगी.

डीएम ने की अनाथ बच्चों की मदद.

इस वजह से डीएम से मांगी मदद
डीएम सुशील कुमार पटेल ने तत्काल उज्ज्वल के यहां एक सप्ताह का राशन अपने कर्मचारियों द्वारा भिजवा कर आगे भी मदद का भरोसा दिया. उज्जवल का कहना है कि वह सर्राफा की दुकान पर काम करता था. बंदी के चलते समस्या आ रही है. अकेले होता तो शायद सब कुछ झेल लेता, लेकिन दो छोटे भाइयों की जिम्मेदारी माता-पिता ने मुझे सौंपकर इस दुनिया में नहीं रहे. इसीलिए डीएम से मदद मांगनी पड़ी.

कौन हैं उज्ज्जल
कटरा कोतवाली इलाके के सबरी मोहल्ले में रहने वाले 15 वर्ष के उज्ज्वल के सहारे उसके दो छोटे भाई हृदय और कुणाल हैं. इन तीनों मासूम के माता-पिता इस दुनिया में नहीं रहे. किसी तरह उज्जवल सर्राफा के दुकान पर काम कर अपने साथ दो छोटे भाइयों का पालन पोषण करता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते कामकाज बंद हो गया.

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पीड़ित परिवार.

खाने की परेशानी होने पर डीएम से फोन कर मदद मांगी तो डीएम ने तत्काल उज्जवल के पास एक हफ्ते के राशन अपने कर्मचारियों द्वारा घर पर भिजवा कर कहा कि आगे भी आवश्यकता होगी तो मदद की जाएगी.

उज्जवल के माता-पिता के न रहने पर उसकी चाची थोड़ी बहुत मदद कर देती हैं, लेकिन वह भी गरीब होने के कारण कुछ भी नहीं कर पा रही थी, जिससे परेशान उज्जवल ने डीएम से मदद मांगी. उज्जवल की स्थिति बहुत दयनीय है. कच्चे दीवार पर टीन लगाकर रहने को वह मजबूर है.

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पीड़ित ने बयां किया दर्द
उज्ज्वल का कहना है कि बंदी के पहले राशन कुछ स्टोर किए थे, लेकिन खत्म हो जाने के बाद दो भाइयों को खिलाना मुश्किल हो रहा था तो हमने जिलाधिकारी को फोन करके मदद मांगी. इस पर डीएम ने तत्काल खाद्य सामग्री भिजवाकर कहा कि आगे और आवश्यकता पड़ेगा तो मदद करेंगे. हम पूरे परिवार की तरफ से जिलाधिकारी को धन्यवाद देते हैं कि हमारी समस्या को देखते हुए उन्होंने हमारी मदद की.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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