मिर्जापुर: मंडलीय अस्पताल (Mirzapur Divisional Hospital) में रविवार को मरीज भर्ती न करने पर सदर विधायक ने डॉक्टर की क्लास लगा दी. सदर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने अस्पताल से ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM brajesh pathak) को फोन लगाया और डॉक्टर के रवैये व मरीज को भर्ती न करने की जानकारी दी. इसके बाद डिप्टी सीएम ने अस्पताल प्रशासन को चेतावनी देते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया, जिसके बाद मरीज को भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया गया.
सदर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से फोन पर बताया कि यहां डॉक्टर मरीज से ठीक से बात नहीं करते. एसआईसी हमेशा आवास पर रहते हैं अस्पताल में मौजूद नहीं रहते. इसके बाद विधायक ने पास में खड़े फार्मासिस्ट से डिप्टी सीएम की बात कराई. इसके बाद उप मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कर्मचारियों ने तत्काल मरीज को भर्ती किया. डिप्टी सीएम के फोन करने की खबर लगते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया. सभी स्वास्थ विभाग के अधिकारी भागकर अस्पताल पहुंच गए और मामले को शांत कराने में जुट गए.
जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर मंडलीय अस्पताल में रविवार को ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर प्रदीप ने एक मरीज को इरमजेंसी में भर्ती करने से इनकार कर दिया. शहर के संकट मोचन के रहने वाले 70 वर्षीय गुलाब चंद जायसवाल को सांस से संबंधित बीमारी थी. हालत गंभीर होने पर परिजन उनको लेकर मंडलीय अस्पताल पहुंचे. हालत काे देखकर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने उनको बीएचयू रेफर कर दिया, लेकिन परिजन मरीज को यहीं भर्ती करना चाहते थे. वो बीएचयू नहीं जाना चाह रहे थे. डॉक्टर द्वारा मरीज के भर्ती न करने पर परिजनों ने सदर विधायक को फोन कर दिया. मरीज को भर्ती न करने की जानकारी पर सदर विधायक अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर भड़क गए. उनकी बात नहीं सुनने पर उन्होंने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को फोन लगा दिया.
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