मिर्जापुर: कोरोना महामारी के दौरान अपने घरों को लौटे प्रवासी श्रमिकों को अब रेलवे की परियोजनाओं में रोजगार देने की व्यवस्था की जा रही है. उत्तर मध्य रेलवे की लंबित परियोजनाओं में प्रवासी मजदूरों से मनरेगा के तहत काम कराने की योजना बनाई जा रही है. उत्तर मध्य रेलवे ने इसके लिए जिला प्रशासन से बात की है. रेलवे के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं उसमें मनरेगा के तहत प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा. जनपद में एक लाख 56 हजार से ज्यादा मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं. प्रदेश भर में श्रमिकों के आधार पर जिला रोजगार देने में चौथे नंबर पर है.
अभी तक ग्राम पंचायत स्तर पर काम करने वाले मनरेगा मजदूर अब रेलवे की परियोजनाओं में काम करेंगे. आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के जरिए काम दिलाने के लिए रेलवे विभाग ने जिला प्रशासन से बात की है. रेलवे क्रॉसिंग, रेलवे स्टेशनों और रेलवे ट्रैक का जो निर्माण किया जा रहा है उसमें मनरेगा के तहत प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा. इससे जहां रेलवे के काम में तेजी आएगी, वहीं प्रवासी मजदूरों को बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध होगा और कन्वर्जन के साथ काम कराया जाएगा. काम के बाद मजदूरों का भुगतान ग्राम विकास विभाग की ओर से किया जाएगा.
मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह का कहना है कि रोज कमाने खाने वाले और गैर प्रांतों से लौटे प्रवासी मजदूरों को 20 अप्रैल से मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है. श्रमिकों के आधार पर पूरे देश में उत्तर प्रदेश मजदूरों को काम देने में जहां एक नंबर पर है वहीं जिले को प्रदेश भर में चौथे स्थान प्राप्त है. एक लाख 56 हजार से ज्यादा मजदूर मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. पहले इन्हें 182 रुपये मिलते थे अब 201 रुपये दिया जा रहा है. बड़ी संख्या में पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, वन विभाग में मनरेगा के मजदूर काम कर रहे हैं. अब इन प्रवासी मजदूरों को रेलवे में भी काम मिलेगा. इसके लिए जनपद में 10 से 12 प्रोजेक्ट चल रहे हैं. रेलवे की उसमें मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा इसके लिए रेलवे अधिकारियों से बात हो चुकी है. यह रेलवे विभाग की एक सराहनीय पहल है.
मिर्जापुर: प्रवासी मजदूरों को मिलेगा मनरेगा के तहत रेलवे में काम - mgnrega
मिर्जापुर में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए रेलवे ने कवायद शुरू कर दी है. श्रमिकों को मनरेगा के तहत रेलवे में रोजगार दिए जाने की योजना बनाई जा रही है. जिसकी जानकारी मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने दी.
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मिर्जापुर: कोरोना महामारी के दौरान अपने घरों को लौटे प्रवासी श्रमिकों को अब रेलवे की परियोजनाओं में रोजगार देने की व्यवस्था की जा रही है. उत्तर मध्य रेलवे की लंबित परियोजनाओं में प्रवासी मजदूरों से मनरेगा के तहत काम कराने की योजना बनाई जा रही है. उत्तर मध्य रेलवे ने इसके लिए जिला प्रशासन से बात की है. रेलवे के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं उसमें मनरेगा के तहत प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा. जनपद में एक लाख 56 हजार से ज्यादा मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं. प्रदेश भर में श्रमिकों के आधार पर जिला रोजगार देने में चौथे नंबर पर है.
अभी तक ग्राम पंचायत स्तर पर काम करने वाले मनरेगा मजदूर अब रेलवे की परियोजनाओं में काम करेंगे. आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के जरिए काम दिलाने के लिए रेलवे विभाग ने जिला प्रशासन से बात की है. रेलवे क्रॉसिंग, रेलवे स्टेशनों और रेलवे ट्रैक का जो निर्माण किया जा रहा है उसमें मनरेगा के तहत प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा. इससे जहां रेलवे के काम में तेजी आएगी, वहीं प्रवासी मजदूरों को बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध होगा और कन्वर्जन के साथ काम कराया जाएगा. काम के बाद मजदूरों का भुगतान ग्राम विकास विभाग की ओर से किया जाएगा.
मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह का कहना है कि रोज कमाने खाने वाले और गैर प्रांतों से लौटे प्रवासी मजदूरों को 20 अप्रैल से मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है. श्रमिकों के आधार पर पूरे देश में उत्तर प्रदेश मजदूरों को काम देने में जहां एक नंबर पर है वहीं जिले को प्रदेश भर में चौथे स्थान प्राप्त है. एक लाख 56 हजार से ज्यादा मजदूर मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. पहले इन्हें 182 रुपये मिलते थे अब 201 रुपये दिया जा रहा है. बड़ी संख्या में पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, वन विभाग में मनरेगा के मजदूर काम कर रहे हैं. अब इन प्रवासी मजदूरों को रेलवे में भी काम मिलेगा. इसके लिए जनपद में 10 से 12 प्रोजेक्ट चल रहे हैं. रेलवे की उसमें मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा इसके लिए रेलवे अधिकारियों से बात हो चुकी है. यह रेलवे विभाग की एक सराहनीय पहल है.