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विकास की राह देख रहा निर्मल ग्राम के तहत पुरस्कृत चौहान पट्टी गांव

मिर्जापुर जिले के चौहान पट्टी गांव में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. निर्मल ग्राम के तहत पुरस्कृत हो चुका यह गांव विकास की राह देख रहा है. लोगों का इस गांव में रहना, खाना मुश्किल हो गया है. वहीं, जिस पंचायत भवन में समस्याओं की सुनवाई होती है, वह भी जर्जर हो चुका है.

सड़कों पर जमा है गंदा पानी
सड़कों पर जमा है गंदा पानी
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Published : Apr 21, 2021, 10:54 PM IST

Updated : Apr 23, 2021, 4:21 PM IST

मिर्जापुर : निर्मल ग्राम के तहत पुरस्कृत पहाड़ी ब्लाॅक के चौहान पट्टी गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. यहां लंबे समय से सड़क पर जमा गंदे पानी और सफाई के उचित प्रबंध ना होने से लोग बीमार हो रहे हैं. नालों के चेंबर खुले होने से ग्रामीणों को आने-जाने में मुश्किल होती है. जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक और प्रधान तक से शिकायत करने के बावजूद भी समस्या दूर नहीं हो पा रही है.

चौहान पट्टी गांव में नहीं हुआ विकास
यह भी पढ़ें:
बीजेपी के 27 बागी नेता 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित

निर्मल ग्राम के तहत पुरस्कृत गांव का है हाल बेहाल

जिले में 26 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान होना है. चौक चौराहों से लेकर गांव में विकास के साथ ही पंचायत चुनाव की चर्चा की जा रही है. विकास की बात को लेकर ईटीवी भारत ने ग्रामीणों से बात की. मिर्जापुर के पहाड़ी ब्लाॅक के चौहान पट्टी गांव में समस्याओं का अंबार है. यह गांव निर्मल ग्राम के तहत राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों तीन बार सम्मानित किया जा चुका है. फिर भी गांव में समस्या देखने को मिल रही है. गांव की गलियों में फैला गंदा पानी और सड़क में जगह-जगह खुले चेंबर नजर आते हैं. हमेशा गंदा पानी भरे रहने से लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है.


गांव में जगह जगह सड़क पर जमा है गन्दा पानी

यूपीए सरकार के दौरान निर्मल भारत अभियान के तहत स्वच्छता मानक में खरी उतरने वाली ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम पंचायत घोषित किया जाता था. इन पंचायतों के प्रधानों को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया जाता था. आज इन निर्मल गांवों की स्थिति बदहाल हो गई है. ग्रामीण त्रिभुवन सिंह ने बताया कि पिछले 10 सालों से गांव दुर्दशा का शिकार है. गंदा पानी जमा होने से लोग बीमार हो रहे हैं. वहीं, एक अन्य ग्रामीण डब्लू ने बताया कि बदबू के कारण घर में रहना और खाना पीना मुश्किल हो जाता है. इसके लिए जिला मुख्यालय डीएम से लेकर मुख्यमंत्री के पोर्टल तक शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.


हाल ही में बना पंचायत भवन भी हो चुका है जर्जर

चौहान पट्टी में मात्र एक पंचायत भवन है. जर्जर पंचायत भवन होने से यहां पंचायत का कामकाज ठप पड़ा हुआ है. सब काम ग्राम प्रधान के घर पर होता है. इसके अलावा यहां कई अन्य समस्याएं भी हैं. बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं के लिए भी लोग परेशान रहते हैं. खंड विकास अधिकारी उषा पाल ने बताया कि गांव का विकास हुआ है. सड़क, आवास, शौचालय, गौशाला, बकरी सेड बनाए गए हैं. ग्रामीणों की जो शिकायत होगी, उस पर भी काम किया जाएगा.

मिर्जापुर : निर्मल ग्राम के तहत पुरस्कृत पहाड़ी ब्लाॅक के चौहान पट्टी गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. यहां लंबे समय से सड़क पर जमा गंदे पानी और सफाई के उचित प्रबंध ना होने से लोग बीमार हो रहे हैं. नालों के चेंबर खुले होने से ग्रामीणों को आने-जाने में मुश्किल होती है. जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक और प्रधान तक से शिकायत करने के बावजूद भी समस्या दूर नहीं हो पा रही है.

चौहान पट्टी गांव में नहीं हुआ विकास
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निर्मल ग्राम के तहत पुरस्कृत गांव का है हाल बेहाल

जिले में 26 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान होना है. चौक चौराहों से लेकर गांव में विकास के साथ ही पंचायत चुनाव की चर्चा की जा रही है. विकास की बात को लेकर ईटीवी भारत ने ग्रामीणों से बात की. मिर्जापुर के पहाड़ी ब्लाॅक के चौहान पट्टी गांव में समस्याओं का अंबार है. यह गांव निर्मल ग्राम के तहत राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों तीन बार सम्मानित किया जा चुका है. फिर भी गांव में समस्या देखने को मिल रही है. गांव की गलियों में फैला गंदा पानी और सड़क में जगह-जगह खुले चेंबर नजर आते हैं. हमेशा गंदा पानी भरे रहने से लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है.


गांव में जगह जगह सड़क पर जमा है गन्दा पानी

यूपीए सरकार के दौरान निर्मल भारत अभियान के तहत स्वच्छता मानक में खरी उतरने वाली ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम पंचायत घोषित किया जाता था. इन पंचायतों के प्रधानों को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया जाता था. आज इन निर्मल गांवों की स्थिति बदहाल हो गई है. ग्रामीण त्रिभुवन सिंह ने बताया कि पिछले 10 सालों से गांव दुर्दशा का शिकार है. गंदा पानी जमा होने से लोग बीमार हो रहे हैं. वहीं, एक अन्य ग्रामीण डब्लू ने बताया कि बदबू के कारण घर में रहना और खाना पीना मुश्किल हो जाता है. इसके लिए जिला मुख्यालय डीएम से लेकर मुख्यमंत्री के पोर्टल तक शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.


हाल ही में बना पंचायत भवन भी हो चुका है जर्जर

चौहान पट्टी में मात्र एक पंचायत भवन है. जर्जर पंचायत भवन होने से यहां पंचायत का कामकाज ठप पड़ा हुआ है. सब काम ग्राम प्रधान के घर पर होता है. इसके अलावा यहां कई अन्य समस्याएं भी हैं. बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं के लिए भी लोग परेशान रहते हैं. खंड विकास अधिकारी उषा पाल ने बताया कि गांव का विकास हुआ है. सड़क, आवास, शौचालय, गौशाला, बकरी सेड बनाए गए हैं. ग्रामीणों की जो शिकायत होगी, उस पर भी काम किया जाएगा.

Last Updated : Apr 23, 2021, 4:21 PM IST
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