मिर्जापुर: वाहन मालिक अभी तक अपने हिसाब से नंबर प्लेट को लगवा कर चलते थे, जो मानक के अनुरूप नहीं होती थी. अब ऐसा नहीं होगा. शासन ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए वाहन मालिकों को 30 नवंबर तक की मोहलत दी है. एक दिसंबर से बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहनों के आरटीओ कार्यालय के साथ बैंकों में कोई काम मालिकों का नहीं होगा.
अपने डीलर से कर सकते हैं मांग
जो वाहन एक अप्रैल 2019 के बाद बिक रहे हैं, वह वाहन मालिक अपने डीलर के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग कराने वाली कंपनी से मंगवा कर प्राप्त कर सकते हैं, तभी उनको आरसी जारी होगी. एक अप्रैल 2019 के पहले जो वाहन खरीदे गए हैं, वह भी अपने डीलर के माध्यम से शुल्क देकर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवा लें. कुछ वाहन ऐसे हैं, जिनकी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां नहीं कर रही हैं, उनके लिए परिवहन आयुक्त जल्द ही निर्णय लेंगे कि वह कैसे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा सकते हैं.
पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी रवि कांत शुक्ला ने बताया कि एक दिसंबर से सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है. यदि बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के वाहन सड़क पर मिलते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. साथ ही आरटीओ कार्यालय में वाहन संबंधित या मालिक संबंधित कोई काम या बैंक संबंधित कोई और कार्य होगा तो वह नहीं हो पाएगा. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने पर एक दिसंबर से नवीनीकरण इंश्योरेंस और फिटनेस पर रोक लगा दी जाएगी.
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की खासियत यह है कि इसमें सारी गाड़ियों के नंबर एक ही फॉन्ट में होंगे और एक ही साइज के होंगे. साथ ही नंबर प्लेट पर इंडिया मार्क होलोग्राम लिखा स्टीकर लगा होगा. इस होलोग्राम के नीचे 10 डिजिट का एक नंबर भी होगा. नंबर प्लेट पर एक अन्य होलोग्राम होगा. इसमें कंपनी का नाम, गाड़ी का नाम, मॉडल नंबर और गाड़ी से संबंधित इंजन और चेसिस संबंधित जानकारी अंकित रहेगी. इससे पहले गाड़ियों में आगे और पीछे दो नंबर प्लेट लगती थी, लेकिन नई व्यवस्था के तहत आगे और पीछे के अलावा सामने के शीशे पर भी एक स्टीकर लगेगा. नई नंबर प्लेट में एक खासियत यह है कि अगर कोई इसे निकालने की कोशिश करेगा, तो यह नंबर प्लेट शीशे की तरह टूट जाएगी. दूर से देखने पर यह नंबर प्लेट बड़ी दिखेगी.