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मिर्जापुर: मेंटेनेंस का बकाया पैसे नहीं दे रहा स्वास्थ्य विभाग, धूल फांक रहीं एंबुलेंस - mirzapur Samachar

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एंबुलेंस की मेंटेनेंस करने वाले दुकानदार का स्वास्थ्य विभाग पर लाखों रुपये बकाया हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग दुकानदार के पैसों का भुगतान नहीं कर रहा है.

दुकानदार को मेंटेनेंस का बकाया पैसे नहीं दे रहा स्वास्थ्य विभाग.
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Published : Nov 18, 2019, 12:23 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: जिले में स्वास्थ्य सेवा के लिए चल रही 108 और 102 एंबुलेंस की देखभाल और मेंटेनेंस करने वाले दुकानदार का स्वास्थ्य विभाग पर लाखों का बकाया है, लेकिन अभी तक विभाग मेंटेनेंस के पैसों का भुगतान नहीं कर सका है, जिसकी वजह से दुकानदार परेशान है. दुकानदार के घर में शादी है और वह पैसे के लिए विभाग से गुहार लगा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का हाल यह है कि दुकान पर छह खराब हो चुकी एंबुलेंस खड़ी धूल फांक रही हैं, इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

दुकानदार को मेंटेनेंस का बकाया पैसे नहीं दे रहा स्वास्थ्य विभाग.

धूल फांक रही हैं एंबुलेंस
मिर्जापुर में स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारियों का यह हाल है कि एम्बुलेंस का मेंटेनेंस और देखभाल करने वाले दुकानदार का भुगतान विभाग नहीं कर पा रहा है. ऐसे ही एक दुकान शहर के बरौंधा कचार पर है, जहां पर जिले में चलने वाली स्वास्थ्य विभाग की 108 और 102 एंबुलेंस के खराब होने के बाद मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है. अभी भी इस दुकान के सामने लावारिस खड़ी छह एंबुलेंस धूल फांक रही हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. एंबुलेंस की मेंटेनेंस पर लाखों रुपये लगाने वाले दुकानदार का विभाग पर लगभग 22 लाख रुपया बकाया है, लेकिन अभी तक दुकानदार के पैसे का भुगतान विभाग से नहीं हो पाया है.

दुकानदार दीपक तिवारी का कहना है कि मेरा मेंटेनेंस का 20 से 22 लाख करीब बकाया है. मेरे घर में शादी पड़ी है. बहुत ज्यादा भागदौड़ करने पर अधिकारी दो से ढाई लाख रुपये भेज देते हैं और फिर शांत हो जाते हैं, जबकि महीनों से लाखों का बकाया चल रहा है और अभी तक विभाग इसका भुगतान करने का नाम नहीं ले रहा है.

स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
एंबुलेंस खड़ी होने की वजह से स्थानीय लोग भी परेशान हैं. उनका कहना है कि जब एंबुलेंस महीनों से खड़ी है तो समय से कहां पहुंचेगी. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हो चुकी है. एंबुलेंस समय से नहीं पहुंच पा रही है. लगभग आधा दर्जन एंबुलेंस यहां धूल फांक रही हैं, जिनकी कोई सुध नहीं ले रहा है. स्वास्थ्य विभाग मेंटेनेंस वाले का भी पैसा नहीं दे रहा है तो एंबुलेंस कैसे चलेंगी.

जानिए सीएमओ ने क्या कहा
सीएमओ ओपी तिवारी का कहना है कि जिले में इस समय कुल 63 एंबुलेंस संचालित की जा रही हैं. इससे पहले हमारे पास 53 एंबुलेंस थीं, लेकिन छह महीने पहले 10 एंबुलेंस विभाग को और मिली हैं, जिससे इनकी संख्या 63 हो गई है. स्वास्थ्य सेवाओं में कोई रूकावट नहीं है. सब अच्छे से चल रही हैं, जो एंबुलेंस पांच साल से ज्यादा होकर खराब हो गई थीं उनको विभाग ने सेवा से हटा दिया है. वही एंबुलेंस वहां खड़ी हैं. जीबीएल कंपनी इसका संचालन करती है. स्वास्थ्य विभाग का काम है सिर्फ मॉनिटरिंग करना है, इसलिए मरम्मत के लिए जो भी भुगतान होगा वह सीधे लखनऊ से किया जाता है.

मिर्जापुर: जिले में स्वास्थ्य सेवा के लिए चल रही 108 और 102 एंबुलेंस की देखभाल और मेंटेनेंस करने वाले दुकानदार का स्वास्थ्य विभाग पर लाखों का बकाया है, लेकिन अभी तक विभाग मेंटेनेंस के पैसों का भुगतान नहीं कर सका है, जिसकी वजह से दुकानदार परेशान है. दुकानदार के घर में शादी है और वह पैसे के लिए विभाग से गुहार लगा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का हाल यह है कि दुकान पर छह खराब हो चुकी एंबुलेंस खड़ी धूल फांक रही हैं, इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

दुकानदार को मेंटेनेंस का बकाया पैसे नहीं दे रहा स्वास्थ्य विभाग.

धूल फांक रही हैं एंबुलेंस
मिर्जापुर में स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारियों का यह हाल है कि एम्बुलेंस का मेंटेनेंस और देखभाल करने वाले दुकानदार का भुगतान विभाग नहीं कर पा रहा है. ऐसे ही एक दुकान शहर के बरौंधा कचार पर है, जहां पर जिले में चलने वाली स्वास्थ्य विभाग की 108 और 102 एंबुलेंस के खराब होने के बाद मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है. अभी भी इस दुकान के सामने लावारिस खड़ी छह एंबुलेंस धूल फांक रही हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. एंबुलेंस की मेंटेनेंस पर लाखों रुपये लगाने वाले दुकानदार का विभाग पर लगभग 22 लाख रुपया बकाया है, लेकिन अभी तक दुकानदार के पैसे का भुगतान विभाग से नहीं हो पाया है.

दुकानदार दीपक तिवारी का कहना है कि मेरा मेंटेनेंस का 20 से 22 लाख करीब बकाया है. मेरे घर में शादी पड़ी है. बहुत ज्यादा भागदौड़ करने पर अधिकारी दो से ढाई लाख रुपये भेज देते हैं और फिर शांत हो जाते हैं, जबकि महीनों से लाखों का बकाया चल रहा है और अभी तक विभाग इसका भुगतान करने का नाम नहीं ले रहा है.

स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
एंबुलेंस खड़ी होने की वजह से स्थानीय लोग भी परेशान हैं. उनका कहना है कि जब एंबुलेंस महीनों से खड़ी है तो समय से कहां पहुंचेगी. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हो चुकी है. एंबुलेंस समय से नहीं पहुंच पा रही है. लगभग आधा दर्जन एंबुलेंस यहां धूल फांक रही हैं, जिनकी कोई सुध नहीं ले रहा है. स्वास्थ्य विभाग मेंटेनेंस वाले का भी पैसा नहीं दे रहा है तो एंबुलेंस कैसे चलेंगी.

जानिए सीएमओ ने क्या कहा
सीएमओ ओपी तिवारी का कहना है कि जिले में इस समय कुल 63 एंबुलेंस संचालित की जा रही हैं. इससे पहले हमारे पास 53 एंबुलेंस थीं, लेकिन छह महीने पहले 10 एंबुलेंस विभाग को और मिली हैं, जिससे इनकी संख्या 63 हो गई है. स्वास्थ्य सेवाओं में कोई रूकावट नहीं है. सब अच्छे से चल रही हैं, जो एंबुलेंस पांच साल से ज्यादा होकर खराब हो गई थीं उनको विभाग ने सेवा से हटा दिया है. वही एंबुलेंस वहां खड़ी हैं. जीबीएल कंपनी इसका संचालन करती है. स्वास्थ्य विभाग का काम है सिर्फ मॉनिटरिंग करना है, इसलिए मरम्मत के लिए जो भी भुगतान होगा वह सीधे लखनऊ से किया जाता है.

Intro:मिर्जापुर जिले में स्वास्थ्य सेवा के लिए चल रही 108 और 102 एंबुलेंस की देखभाल और मेंटेनेंस करने वाले दुकानदार का स्वास्थ्य विभाग पर लाखों का बकाया। मगर अभी तक विभाग मेंटेनेंस के पैसों का भुगतान नहीं कर सका है जिसकी वजह से दुकानदार परेशान है दुकानदार के घर में शादी है पैसे के लिए विभाग से गुहार लगा रहा है। वही विभाग की लापरवाही का हाल यह है कि दुकान पर आधा दर्जन के करीब खराब हो चुकी एंबुलेंस खड़ी धूल फांक रही है इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।


Body:मिर्जापुर में स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारीओ का यह हाल है कि स्वास्थ्य विभाग के एम्बुलेंस का मेंटेनेंस और देखभाल करने वाले दुकान का भुगतान विभाग नहीं कर पा रहा है। ऐसे ही एक दुकान शहर के बरौंधा कचार पर है जहां पर जिले में चलने वाले स्वास्थ्य विभाग की 108 और 102 एंबुलेंस के खराब होने के बाद मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है अभी भी इस दुकान के सामने लावारिस खड़ी आधा दर्जन एंबुलेंस धूल फांक रही है जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। वही एंबुलेंस की मेंटेनेंस पर लाखों रुपए लगाने वाले दुकानदार का विभाग पर लगभग 22 लाख रुपया बकाया है हालात यह है कि घर में शादी पड़ी होने के बाद भी तमाम भागदौड़ के बाद भी अभी तक पैसे का भुगतान विभाग से नहीं हो पाया है दुकानदार दीपक तिवारी का कहना है कि मेरा मेंटेनेंस का 20 से 22 लाख करीब बकाया है घर में शादी पड़ी हुई है बहुत ज्यादा भागदौड़ करने पर अधिकारी दो से ढाई लाख रुपए भेज देते हैं फिर शांत हो जाते हैं जबकि महीनों से लाखों का बकाया चल रहा है अभी तक भुगतान करने का विभाग नाम नहीं ले रहा है। एंबुलेंस खड़ी होने की वजह से स्थानीय लोग भी परेशान हैं उनका कहना है कि जब एंबुलेंस महीनों से खड़ी है तो समय से कहां पहुंचती होंगी स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हो चुका है एंबुलेंस समय से नहीं पहुंच पा रही है लगभग आधा दर्जन एंबुलेंस यहां धूल फांक रही है कोई सुध नहीं ले रहा है मेंटेनेंस वाले का भी पैसा स्वाद विभाग नहीं दे रहा है तो कैसे चलेंगे एंबुलेंस। हालांकि सीएमओ ओपी तिवारी का कहना है कि जिले में इस समय कुल 63 एंबुलेंस संचालित की जा रही है इससे पहले हमारे पास 53 एंबुलेंस थी मगर 6 महीने पहले 10 एंबुलेंस विभाग को और मिली है जिससे इनकी संख्या 63 हो गई है। स्वास्थय सेवाओं में कोई रूकावट नहीं है अच्छे से चल रही हैं जो एंबुलेंस 5 साल से ज्यादा हो गई थी वह खराब एंबुलेंस विभाग ने सेवा से हटा दिया है वही एंबुलेंस वहां खड़ी है। वहीं उन्होंने भुगतान की समस्या पर कहा कि जीबीएल कंपनी इस का संचालन करता है स्वास्थ्य विभाग का काम है सिर्फ मानिटरिंग करना। इसलिए मरम्मत के लिए जो भी भुगतान होगा वह सीधे लखनऊ से किया जाता है । कंपनी द्वारा स्वास्थ्य विभाग से कराया जाता है।

बाईट-दीपक तिवारी-दुकानदार
बाईट- नसीम कुरैशी-स्थानीय
बाईट-ओपी तिवारी-सीएमओ

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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