मिर्जापुर : सरकार सभी को छत मुहैया करा रही है तो वहीं सरकार का एक ऑफिस ऐसा भी है जहां आजादी के बाद से ही छत नही है. यहां के कर्मचारी अधिकारी और मेस चलाने वाले लोग झोपड़ी में रहकर काम कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं मड़िहान इलाके के वन डिपो का जहां पर जिलेभर के सरकारी बेशकीमती लकड़ियों का भंडारण किया जाता है. जिसे नीलामी के माध्यम से बेचा जाता है, लेकिन यहां की रखवाली और नीलामी का काम 34 सालों से झोपड़ी से चल रहा है.
1946 से वन डिपो को पक्के मकान का इंतजार, झोपड़ी में रहकर काम कर रहे कर्मचारी
मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर मड़िहान वन डिपो में जिलेभर की सरकारी बेशकीमती लकड़ियों का भंडारण किया जाता है. यहां बनी झोपड़ी में इन बेशकीमती लड़कियों की खेप रखी जाती है. 34 सालों से यह डिपो चल रहा है यहां के कर्मचारी पक्के मकान के निर्माण के लिए इंतजार कर रहे हैं.
वन डिपो को पक्के मकान का इंतजार
मिर्जापुर : सरकार सभी को छत मुहैया करा रही है तो वहीं सरकार का एक ऑफिस ऐसा भी है जहां आजादी के बाद से ही छत नही है. यहां के कर्मचारी अधिकारी और मेस चलाने वाले लोग झोपड़ी में रहकर काम कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं मड़िहान इलाके के वन डिपो का जहां पर जिलेभर के सरकारी बेशकीमती लकड़ियों का भंडारण किया जाता है. जिसे नीलामी के माध्यम से बेचा जाता है, लेकिन यहां की रखवाली और नीलामी का काम 34 सालों से झोपड़ी से चल रहा है.
Last Updated : Nov 18, 2020, 11:54 AM IST