मिर्जापुर: पर्चा निरस्त होने पर विधायक बनने का सपना टूटा तो एक निर्दलीय महिला प्रत्याशी फूट-फूट कर रोने लगी. वहीं एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी और उनके समर्थक कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए. इस दौरान मौके पर मौजूद समर्थकों ने हंगामा भी किया. प्रत्याशियों ने प्रशासन से अपना पर्चा वैध करने की गुहार लगाई है.
बता दें कि विधानसभा चुनाव को लेकर मिर्जापुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई. इस दौरान छानबे विधानसभा से निर्दलीय महिला प्रत्याशी राधिका बेलदार का पर्चा निरस्त कर दिया गया. उन्हें जब बताया गया कि उनका नामांकन पत्र जाति प्रमाण पत्र में कमी के चलते खारिज कर दिया गया है तो वह फूट-फूट कर रोने लगी. वो अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गईं.
महिला प्रत्याशी काफी देर तक रोती रहीं और पर्चा वैध करने की मांग करती रही. महिला प्रत्याशी को रोते देख कलेक्ट्रेट परिसर में काफी भीड़ जुट गई. महिला प्रत्याशी राधिका बेलदार का कहना है कि इसी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वो पंचायत चुनाव लड़ चुकी हैं. वर्तमान में वो जिला पंचायत सदस्य हैं. इसके बावजूद अधिकारियों ने जाति प्रमाण पत्र में कमी बताकर पर्चा खारिज कर दिया है.
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वहीं मड़िहान विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी अरविंद राणा का पर्चा निरस्त होने पर वो जिला मुख्यालय परिसर में हंगामा करने लगे. इस दौरान पुलिस के सामने ही वो धरने पर बैठ गए. पुलिस ने उन्हें धरने पर बैठते देख हटाने का प्रयास किया, लेकिन वो टस से मस नहीं हुए और पर्चा वैध करने की मांग करते रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखकर सत्ताधारियों ने साजिश के तहत पर्चा निरस्त कराया है. वो कोर्ट में इसकी शिकायत करेंगे.
मिले आंकड़ों के मुताबिक मिर्जापुर जनपद में 61 उम्मीदवारों के पर्चे वैध पाए गए. जांच के दौरान 21 उम्मीदवारों के पर्चे निरस्त किए गए. 395 छानबे विधानसभा में 5 पर्चे निरस्त, 396 नगर विधानसभा में 3 पर्चे निरस्त, 397 मझवा में 5 पर्चे निरस्त, 398 चुनार विधानसभा में 3 और 399 मड़िहान में 5 का पर्चे निरस्त हुए. जनपद में कुल 82 लोगों ने नामांकन किया था और 89 लोगों ने पर्चा खरीदा था.
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