मिर्जापुर : आज से शरदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गए हैं. नवरात्रि में घरों-मंदिरों में विशेष पूजा व अनुष्ठान भी प्रारंभ हो गया है, जो नौ दिनों तक चलेगा. वहीं, देश-प्रदेश के प्रसिद्ध देवी मंदिरों और शक्तिपीठों में भी मां के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. जनपद के विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में भी भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. मां विंध्यवासिनी की मंगला आरती के बाद से आम श्रद्धालु को मां के दर्शन मिलने लगे हैं. इस बार नवरात्रि 8 दिन की ही है.
नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालु शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन-पूजन कर रहे हैं. इस बार 8 दिनों की नवरात्रि में देशभर से लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन-पूजन करने आते हैं. आधी रात से ही भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं. हाथों में नारियल, चुनरी लेकर जयकारे लगाते हुए भक्त मां के दरबार तक पहुंच रहे हैं. इस बार विंध्याचल का नजारा कुछ अलग है. विंध्य कॉरिडोर के चलते मां विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ और गलियों में पड़ने वाले मकानों को तोड़ दिया गया है, जिससे मंदिर के चारों तरफ चौड़ा स्थान हो गया है. इससे श्रद्धालु आसानी से मां विंध्यवासिनी के मंदिर तक पहुंच रहे हैं. हालांकि, जिला प्रशासन ने दावा किया था कि सभी श्रद्धालु मास्क सैनिटाइजर का प्रयोग करते हुए मंदिर पहुंचेंगे, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के चलते यह दावा जिला प्रशासन का फेल होता दिखाई दे रहा है.
मां के दरबार में आस्था का सैलाब विंध्याचल धाम केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि प्रमुख शक्तिपीठ है. नवरात्रि के समय यहां लगने वाले विशाल मेले में दूर-दूर से भक्त मां के दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. गुरुवार 7 अक्टूबर को उदया तिथि से प्रारम्भ होकर त्योहार 14 अक्टूबर तक 8 दिनों तक चलेगा. सबसे पहले मां की मंगला आरती की गई. इसके बाद ही श्रद्धालु मां का दर्शन पूजन कर रहे हैं. वैसे तो कभी भी मां के दर्शन-पूजन से भक्तों को मां की कृपा प्राप्त होती है, लेकिन नवरात्रि के समय यहां की महिमा और भी अधिक बढ़ जाती है. यहां दर्शन-पूजन से मां अपने भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण करती हैं. यही वजह है कि नवरात्रि के समय यहां दर्शन-पूजन के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु आए हुए हैं. धर्माचार्य मिट्ठू मिश्रा बताते हैं कि आज श्रद्धालु नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन कर रहे हैं. आज के दिन मां को अपराजिता का फूल, मिश्री का भोग और केला चढ़ता है, जिससे मां अति प्रसन्न होती हैं. श्रद्धालुओं को आज के दिन बीज मंत्र का जप करना चाहिए. मां विंध्यवासिनी के दरबार में त्रिकोण में विराजमान मां विंध्यवासिनी और कालीखोह माता और अष्टभुजा अष्टभुजा माता का दर्शन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण होती है. बिहार से आए श्रद्धालु जगदंबा पांडेय बताते हैं कि वह यहां 10 वर्षों से आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां बहुत अच्छी व्यवस्था रहती है. मां के दरबार में आने से सब मनोकामना पूर्ण होती है. मां के दरबार में 9 दिनों तक अनुष्ठान करने आए पंडित उत्कर्ष दीक्षित बताते हैं कि हर नवरात्रि में वह यहां आते हैं और नौ दिनों तक यहां अनुष्ठान करते हैं.विंध्याचल में आज से शारदीय नवरात्रि मेला भी शुरू हो गया है, जो 14 अक्टूबर तक चलेगा. नवरात्रि मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए मेला क्षेत्र को 8 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है. साथ ही जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. मेले में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. लगभग 2000 पुलिस व पीएसी के जवान लगाए गए हैं. इसमें दो एडिशनल एसपी, 20035 इंस्पेक्टर, 250 उपनिरीक्षक, दो कंपनी पीएसी, 250 महिला पुलिसकर्मी व 400 होमगार्ड सुरक्षा में रहेंगे. पहली बार इस नवरात्रि मेले की सुरक्षा की जिम्मेदारी एटीएस को भी सौंपी गई है, जो संदिग्ध लोगों पर निगाह रखेगी. वहीं, पूरे मेले की निगरानी के लिए सीसीटीवी के साथ-साथ ड्रोन कैमरे से की जाएगी. गंगा किनारे हादसे को रोकने के लिए जल पुलिस एनडीआरफ है. पुलिस-पीएससी के साथ ही यातायात पुलिस, बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड की भी व्यवस्था मेले में है.
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