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UP Assembly Elelction 2022 : मिर्जापुर की एक ऐसी विधानसभा जहां से अभी तक चुने गए 2 ही विधायक - मड़िहान विधानसभा सीट की डेमोग्राफी रिपोर्ट

UP Assembly Elelction 2022 : मिर्जापुर की मड़िहान विधानसभा सीट से अभी तक समाजवादी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई है. यह विधानसभा परिसीमन से पहले राजगढ़ विधानसभा का हिस्सा थी. 2012 में मड़िहान विधानसभा का गठन हुआ था. पहली बार कांग्रेस ने इस सीट से चुनाव जीता था और दूसरी बार भाजपा ने.

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UP Assembly Elelction 2022
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Published : Jan 9, 2022, 4:43 PM IST

मिर्जापुर : UP Assembly Elelction 2022 : जनपद की पांच विधानसभाओं में मड़िहान विधानसभा सीट पर अभी केवल दो बार चुनाव हुआ है. यह विधानसभा पहले राजगढ़ विधानसभा का हिस्सा हुआ करती थी. 2007 विधानसभा चुनाव के बाद परिसीमन में विधानसभा को खत्म कर दिया गया. नयी बनी मड़िहान विधानसभा सीट पर पहली बार 2012 में चुनाव हुआ. सपा की लहर के बावजूद भी 2012 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ललितेशपति त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की लहर में रमाशंकर सिंह पटेल विधायक बने, जो वर्तमान सरकार में ऊर्जा राज्यमंत्री हैं.


विधानसभा अस्तित्व में आने के बाद राजनीतिक स्थिति

मिर्जापुर का मड़िहान विधानसभा कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र है. 2012 विधानसभा चुनाव में सपा की लहर में ललितेश पति त्रिपाठी कांग्रेस से जीत दर्ज की थी. इस समय ललितेश पति त्रिपाठी कांग्रेस छोड़कर टीएमसी ज्वाइन कर लिए है. वर्तमान में बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है.

विधानसभा में मुख्य समस्या

मिर्जापुर मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूरी पर मड़िहान तहसील है. मड़िहान विधानसभा में आज भी किसानों के समक्ष खेतों की सिंचाई अहम समस्या बनी हुई है, जिसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है. यही नहीं, पीने का शुद्ध पानी तक कई इलाकों में नहीं मिल पाती है. यहां पर टैंकरों से सप्लाई की जाती है. यहां के कुछ क्षेत्रों के लोग आज भी कई किलोमीटर दूरी चलकर पीने का पानी लाने को विवश हैं. गर्मी में सबसे ज्यादा समस्या होती है. पहाड़ी इलाका होने के कारण कई क्षेत्रों में आज भी सड़कों की समस्या है, जिसका निराकरण विधायक 5 सालों में नहीं कर पाए हैं.

मड़िहान विधानसभा क्षेत्र के पर्यटन स्थल

मड़िहान विधानसभा क्षेत्र में कई मनोहारी आकर्षक पर्यटन स्थल हैं. लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते आज तक दुर्दशा झेल रहे हैं. पर्यटन स्थलों का समुचित विकास हो तो रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और मड़िहान विधानसभा का नाम भी होगा. दर्जनों वाटरफॉल इस इलाके में हैं. मुख्यतः लखनिया दरी, चुना दरी जैसे वाटरफॉल हैं.

मड़िहान विधानसभा का पत्थर कई जिलों में किया जाता है सप्लाई

मड़िहान विधानसभा में पत्थर यानी खनन का भी एक बड़ा व्यवसाय है. यहां का पत्थर प्रदेश के कई जनपदों में सप्लाई किया जाती है. मड़िहान विधानसभा के अहरौरा इलाके का पत्थर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के समय सुर्खियों में आया था. लखनऊ से लेकर नोएडा और मायावती के गांव तक का यहां के पत्थरों से निर्माण कराया गया है. लखनऊ के पार्क व नोएडा के पार्क में लाल पत्थर मिर्जापुर के लगाए गए हैं. हाल ही में यहां का पत्थर अयोध्या राम मंदिर में जा रहा है.

हर चुनाव में बनता है मुद्दा

मड़िहान विधानसभा के राजगढ़ इलाके में टमाटर की खेती किसान करते हैं. बताया जाता है, यहां के टमाटर विदेशों तक सप्लाई किए जाए हैं. सैकड़ों की संख्या में किसान टमाटर की खेती करते हैं. ये किसान हजारों मजदूरों को काम देते हैं, लेकिन इनकी आज तक कोई जनप्रतिनिधि सुध नहीं लेता है. हर बार औने पौने दाम पर टमाटर बेचने को किसान मजबूर होते हैं. हर बार किसान इस इलाके में टमाटर की फैक्ट्री लगवाने की मांग करते हैं.

किसानों का मानना है कि टमाटर की फैक्ट्री लग जाए तो यहां पर टमाटर से उत्पाद बनने वाले सामग्री बनना शुरू हो जाएंगे तो दाम अच्छा मिलेगा और एक दाम भी फिक्स हो जाएगा. किसानों की मांग है कि टमाटर का एक रेट फिक्स किया जाए. साथ ही एक इस इलाके में फैक्ट्री लगाई जाए जिससे टमाटर की खेती करने वाले किसान खुशहाल हों और ज्यादा टमाटर का उत्पादन करें.


मड़िहान विधानसभा में वोटरों की संख्या

मड़िहान विधानसभा में 2022 में वोटरों की संख्या की बात किया जाए तो 365908 कुल मतदाता हैं. जिनमें से 191576 पुरुष 174318 महिला मतदाता हैं. थर्ड जेंडर भी इस इलाके में 14 मतदाता हैं.

2012 और 2017 का विधानसभा परिणाम

मड़िहान विधानसभा 2012 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ललितेश पति त्रिपाठी जीत दर्ज की. उन्होंने सपा से सत्येंद्र कुमार पटेल को हराया था. ललितेश पति त्रिपाठी को 63492 वोट तो सत्येंद्र पटेल को 54969 वोट मिले थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लहर में इस सीट से रमाशंकर सिंह पटेल विधायक बने, जो वर्तमान में ऊर्जा राज्य मंत्री हैं. बीजेपी के रमाशंकर सिंह पटेल को 165017 वोट तो कांग्रेस से ललितेश पति त्रिपाठी को 59919 वोट मिले थे.

जातिगत आंकड़ा

मड़िहान विधानसभा क्षेत्र के जातिगत आंकड़ा की बात किया जाए तो यह कुर्मी बाहुल्य इलाका है. यहां पर पटेल मतदाता सबसे ज्यादा है. दूसरे नंबर पर एससी-एसटी हैं. पटेल बिरादरी जिसे चाहता है वही इस इलाके का विधायक बनता है.

पटेल 11,0000
चमार 55,541
कोल 45,000
यादव 14042
मुस्लिम 13052
ब्राह्मण 10228
मौर्या 16381
ठाकुर5020
बिन्द निषाद 8000
पाल 7227
प्रजापति 6099
विश्वकर्मा 9269
चौहान 7431
नई 1749
राजभर 1587
चौरसिया 1052
कनौजिया 8152
सोनकर 9763
जयसवाल 4241
गौड़ 3699
जायसवाल 4241
अग्रवाल 1247
वैश्य 609
अग्रहरी 753
केसरवानी 2156
नट 1438
खरवार 434
डोम 609
कायस्थ 2320
पासी 5700
ईसाई458
मोदनवाल 942
बियार 8000
हलवाई 641



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मिर्जापुर : UP Assembly Elelction 2022 : जनपद की पांच विधानसभाओं में मड़िहान विधानसभा सीट पर अभी केवल दो बार चुनाव हुआ है. यह विधानसभा पहले राजगढ़ विधानसभा का हिस्सा हुआ करती थी. 2007 विधानसभा चुनाव के बाद परिसीमन में विधानसभा को खत्म कर दिया गया. नयी बनी मड़िहान विधानसभा सीट पर पहली बार 2012 में चुनाव हुआ. सपा की लहर के बावजूद भी 2012 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ललितेशपति त्रिपाठी ने जीत दर्ज की. 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की लहर में रमाशंकर सिंह पटेल विधायक बने, जो वर्तमान सरकार में ऊर्जा राज्यमंत्री हैं.


विधानसभा अस्तित्व में आने के बाद राजनीतिक स्थिति

मिर्जापुर का मड़िहान विधानसभा कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र है. 2012 विधानसभा चुनाव में सपा की लहर में ललितेश पति त्रिपाठी कांग्रेस से जीत दर्ज की थी. इस समय ललितेश पति त्रिपाठी कांग्रेस छोड़कर टीएमसी ज्वाइन कर लिए है. वर्तमान में बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है.

विधानसभा में मुख्य समस्या

मिर्जापुर मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूरी पर मड़िहान तहसील है. मड़िहान विधानसभा में आज भी किसानों के समक्ष खेतों की सिंचाई अहम समस्या बनी हुई है, जिसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है. यही नहीं, पीने का शुद्ध पानी तक कई इलाकों में नहीं मिल पाती है. यहां पर टैंकरों से सप्लाई की जाती है. यहां के कुछ क्षेत्रों के लोग आज भी कई किलोमीटर दूरी चलकर पीने का पानी लाने को विवश हैं. गर्मी में सबसे ज्यादा समस्या होती है. पहाड़ी इलाका होने के कारण कई क्षेत्रों में आज भी सड़कों की समस्या है, जिसका निराकरण विधायक 5 सालों में नहीं कर पाए हैं.

मड़िहान विधानसभा क्षेत्र के पर्यटन स्थल

मड़िहान विधानसभा क्षेत्र में कई मनोहारी आकर्षक पर्यटन स्थल हैं. लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते आज तक दुर्दशा झेल रहे हैं. पर्यटन स्थलों का समुचित विकास हो तो रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और मड़िहान विधानसभा का नाम भी होगा. दर्जनों वाटरफॉल इस इलाके में हैं. मुख्यतः लखनिया दरी, चुना दरी जैसे वाटरफॉल हैं.

मड़िहान विधानसभा का पत्थर कई जिलों में किया जाता है सप्लाई

मड़िहान विधानसभा में पत्थर यानी खनन का भी एक बड़ा व्यवसाय है. यहां का पत्थर प्रदेश के कई जनपदों में सप्लाई किया जाती है. मड़िहान विधानसभा के अहरौरा इलाके का पत्थर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के समय सुर्खियों में आया था. लखनऊ से लेकर नोएडा और मायावती के गांव तक का यहां के पत्थरों से निर्माण कराया गया है. लखनऊ के पार्क व नोएडा के पार्क में लाल पत्थर मिर्जापुर के लगाए गए हैं. हाल ही में यहां का पत्थर अयोध्या राम मंदिर में जा रहा है.

हर चुनाव में बनता है मुद्दा

मड़िहान विधानसभा के राजगढ़ इलाके में टमाटर की खेती किसान करते हैं. बताया जाता है, यहां के टमाटर विदेशों तक सप्लाई किए जाए हैं. सैकड़ों की संख्या में किसान टमाटर की खेती करते हैं. ये किसान हजारों मजदूरों को काम देते हैं, लेकिन इनकी आज तक कोई जनप्रतिनिधि सुध नहीं लेता है. हर बार औने पौने दाम पर टमाटर बेचने को किसान मजबूर होते हैं. हर बार किसान इस इलाके में टमाटर की फैक्ट्री लगवाने की मांग करते हैं.

किसानों का मानना है कि टमाटर की फैक्ट्री लग जाए तो यहां पर टमाटर से उत्पाद बनने वाले सामग्री बनना शुरू हो जाएंगे तो दाम अच्छा मिलेगा और एक दाम भी फिक्स हो जाएगा. किसानों की मांग है कि टमाटर का एक रेट फिक्स किया जाए. साथ ही एक इस इलाके में फैक्ट्री लगाई जाए जिससे टमाटर की खेती करने वाले किसान खुशहाल हों और ज्यादा टमाटर का उत्पादन करें.


मड़िहान विधानसभा में वोटरों की संख्या

मड़िहान विधानसभा में 2022 में वोटरों की संख्या की बात किया जाए तो 365908 कुल मतदाता हैं. जिनमें से 191576 पुरुष 174318 महिला मतदाता हैं. थर्ड जेंडर भी इस इलाके में 14 मतदाता हैं.

2012 और 2017 का विधानसभा परिणाम

मड़िहान विधानसभा 2012 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ललितेश पति त्रिपाठी जीत दर्ज की. उन्होंने सपा से सत्येंद्र कुमार पटेल को हराया था. ललितेश पति त्रिपाठी को 63492 वोट तो सत्येंद्र पटेल को 54969 वोट मिले थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लहर में इस सीट से रमाशंकर सिंह पटेल विधायक बने, जो वर्तमान में ऊर्जा राज्य मंत्री हैं. बीजेपी के रमाशंकर सिंह पटेल को 165017 वोट तो कांग्रेस से ललितेश पति त्रिपाठी को 59919 वोट मिले थे.

जातिगत आंकड़ा

मड़िहान विधानसभा क्षेत्र के जातिगत आंकड़ा की बात किया जाए तो यह कुर्मी बाहुल्य इलाका है. यहां पर पटेल मतदाता सबसे ज्यादा है. दूसरे नंबर पर एससी-एसटी हैं. पटेल बिरादरी जिसे चाहता है वही इस इलाके का विधायक बनता है.

पटेल 11,0000
चमार 55,541
कोल 45,000
यादव 14042
मुस्लिम 13052
ब्राह्मण 10228
मौर्या 16381
ठाकुर5020
बिन्द निषाद 8000
पाल 7227
प्रजापति 6099
विश्वकर्मा 9269
चौहान 7431
नई 1749
राजभर 1587
चौरसिया 1052
कनौजिया 8152
सोनकर 9763
जयसवाल 4241
गौड़ 3699
जायसवाल 4241
अग्रवाल 1247
वैश्य 609
अग्रहरी 753
केसरवानी 2156
नट 1438
खरवार 434
डोम 609
कायस्थ 2320
पासी 5700
ईसाई458
मोदनवाल 942
बियार 8000
हलवाई 641



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