ETV Bharat / state

मिर्जापुर: नवरात्रि के पहले दिन मां विंध्यवासिनी के दरबार में लगा भक्तों का तांता - मां विंध्यवासिनी दरबार में भक्तों की भीड़

शारदीय नवरात्र के पहले दिन मिर्जापुर जिले में विंध्य पर्वत और गंगा नदी के संगम पर विराजमान आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी के शैलपुत्री स्वरूप का भक्त दर्शन-पूजन कर रहे हैं. मंदिर में लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. इस दिन मां के दरबार में जो भी आता है, वह कभी खाली नहीं जाता है. सच्चे दिल से जो भी भक्त कुछ मांगता है, मां उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं.

मां विंध्यवासिनी दरबार
मां विंध्यवासिनी दरबार
author img

By

Published : Oct 17, 2020, 10:06 AM IST

Updated : Oct 17, 2020, 10:44 AM IST

मिर्जापुर: शनिवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो गया है. विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में भी आधी रात से भक्तों का आना शुरू हो गया था. मां विंध्यवासिनी की मंगला आरती के बाद श्रद्धालु लंबी-लंबी लाइनों में लगकर कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए दर्शन-पूजन कर रहे हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री स्वरूप का भक्त दर्शन कर रहे हैं.

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री स्वरूप का भक्त कर रहे हैं दर्शन.

बता दें कि विंध्याचल धाम एक ऐसा धाम है, जहां तीन देवियां विराजमान हैं. महालक्ष्मी के रूप में मां विंध्यवासिनी, महाकाली के रूप में कालीखोह की देवी और महासरस्वती के रूप में अष्टभुजा देवी हैं. नवरात्रि में यहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं. मान्यता है कि मां अपने साधकों की हर मुराद पूरी करती हैं.

मिर्जापुर जिले के विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी का भोर में मंगला आरती के साथ ही नौ दिन तक चलने वाला शारदीय नवरात्र आरंभ हो गया. इन नौ दिनों तक दूर-दूर से आने वाले भक्त यहां पर मां विंध्यवासिनी की पूजा आराधना करेंगे. नवरात्र के पहले दिन कोविड-19 की महामारी के दौरान भी भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे. सुबह तो भीड़ कम थी जैसे-जैसे दिन चढ़ा वैसे से भीड़ बढ़ती गई. भक्तों के हाथों में मां को चढ़ाने के लिए नारियल, चुनरी और लगातार जयकारे लगाते हुए मंदिर की तरफ बढ़ते जा रहे थे.

मां विंध्यवासिनी दरबार में लगा भक्तों का तांता.
मां विंध्यवासिनी दरबार में लगा भक्तों का तांता.

मास्क लगाना अनिवार्य
पहले की तरह इस बार भक्तों में कोरोना की महामारी को देखते हुए खास सुरक्षा के पालन की हिदायत दी गई है. मंदिर में दर्शन के लिए मास्क लगाना जिला प्रशासन ने अनिवार्य कर दिया है. इस बार नवरात्र में कुछ व्यवस्था बदली है. मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोला बनाया गया है. बारी-बारी से होते हुए मंदिर तक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. हालांकि नवरात्र के पहले दिन मां के दर्शन आए भक्तों का उत्साह कोरोना काल में भी कम नहीं दिखाई दिया.

भक्त कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए मां का दर्शन कर रहे हैं. भक्तों का कहना है कि कोरोना काल हो या चाहे जो काल हो, मां का दर्शन करने से कोई रोग नहीं होता है. सभी रोगों का निवारण मां करती हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन यहां नहीं हो पाएगा फिर भी व्यवस्था ठीक है.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बता दें कि पूरे मेले को 8 जोन और 16 सेक्टर में बांटा गया है, जिसमें अधिकारियों के साथ 1,400 सिपाही, 16 इंस्पेक्टर, 220 सब इंस्पेक्टर 8 डीएसपी और एक अपर पुलिस अधीक्षक लगाए गए हैं. साथ ही गंगा नदी में दो मोटर बोट के अलावा नाव, गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम भी है.

मिर्जापुर: शनिवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो गया है. विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में भी आधी रात से भक्तों का आना शुरू हो गया था. मां विंध्यवासिनी की मंगला आरती के बाद श्रद्धालु लंबी-लंबी लाइनों में लगकर कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए दर्शन-पूजन कर रहे हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री स्वरूप का भक्त दर्शन कर रहे हैं.

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री स्वरूप का भक्त कर रहे हैं दर्शन.

बता दें कि विंध्याचल धाम एक ऐसा धाम है, जहां तीन देवियां विराजमान हैं. महालक्ष्मी के रूप में मां विंध्यवासिनी, महाकाली के रूप में कालीखोह की देवी और महासरस्वती के रूप में अष्टभुजा देवी हैं. नवरात्रि में यहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं. मान्यता है कि मां अपने साधकों की हर मुराद पूरी करती हैं.

मिर्जापुर जिले के विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी का भोर में मंगला आरती के साथ ही नौ दिन तक चलने वाला शारदीय नवरात्र आरंभ हो गया. इन नौ दिनों तक दूर-दूर से आने वाले भक्त यहां पर मां विंध्यवासिनी की पूजा आराधना करेंगे. नवरात्र के पहले दिन कोविड-19 की महामारी के दौरान भी भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे. सुबह तो भीड़ कम थी जैसे-जैसे दिन चढ़ा वैसे से भीड़ बढ़ती गई. भक्तों के हाथों में मां को चढ़ाने के लिए नारियल, चुनरी और लगातार जयकारे लगाते हुए मंदिर की तरफ बढ़ते जा रहे थे.

मां विंध्यवासिनी दरबार में लगा भक्तों का तांता.
मां विंध्यवासिनी दरबार में लगा भक्तों का तांता.

मास्क लगाना अनिवार्य
पहले की तरह इस बार भक्तों में कोरोना की महामारी को देखते हुए खास सुरक्षा के पालन की हिदायत दी गई है. मंदिर में दर्शन के लिए मास्क लगाना जिला प्रशासन ने अनिवार्य कर दिया है. इस बार नवरात्र में कुछ व्यवस्था बदली है. मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोला बनाया गया है. बारी-बारी से होते हुए मंदिर तक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. हालांकि नवरात्र के पहले दिन मां के दर्शन आए भक्तों का उत्साह कोरोना काल में भी कम नहीं दिखाई दिया.

भक्त कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए मां का दर्शन कर रहे हैं. भक्तों का कहना है कि कोरोना काल हो या चाहे जो काल हो, मां का दर्शन करने से कोई रोग नहीं होता है. सभी रोगों का निवारण मां करती हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन यहां नहीं हो पाएगा फिर भी व्यवस्था ठीक है.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बता दें कि पूरे मेले को 8 जोन और 16 सेक्टर में बांटा गया है, जिसमें अधिकारियों के साथ 1,400 सिपाही, 16 इंस्पेक्टर, 220 सब इंस्पेक्टर 8 डीएसपी और एक अपर पुलिस अधीक्षक लगाए गए हैं. साथ ही गंगा नदी में दो मोटर बोट के अलावा नाव, गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम भी है.

Last Updated : Oct 17, 2020, 10:44 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.