मिर्जापुर: संविदा पर काम करने वाले एम्बुलेंस कर्मियों ने भूख हड़ताल की. GVK EMRI कंपनी की 108, 102 और एएलएस एम्बुलेंस पर तैनात संविदा कर्मियों का आरोप है कि कंपनी के अधिकारियों की मनमानी के चलते दो महीने से सैलरी नहीं मिल रही है. जो आती है वह कटकर मिलती है और ग्रेच्युटी खत्म की जा रही है. जबकि कोरोना महामारी के दौरान वह अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं. कर्मियों ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो प्रदेश कमेटी जैसा निर्णय लेगी उसी तरह वह काम करेंगे. फिलहाल ये लोग जिले में एम्बुलेंस सुचारू रूप से चलाते हुए भूख हड़ताल में शामिल हुए.
सेवा देते हुए भूख हड़ताल
प्रदेश कमेटी के आह्वान पर स्वास्थ्य विभाग की सरकारी एम्बुलेंस के संविदा कर्मचारी शनिवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे. मिर्जापुर में भी महिला अस्पताल परिसर में जीवीके इएमआरआई कंपनी की 108 ,102 और एएलएस एम्बुलेंस में संविदा पर तैनात कर्मचारी वेतन नहीं मिलने के कारण भूख हड़ताल पर हैं. इन कर्मचारियों का आरोप है कि संस्था कई महीनों से वेतन भुगतान समय पर नहीं कर रही है, जिसके चलते कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पीएफ में खेल करने की बात
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय में कर्मचारी मरीजों को तुरंत एम्बुलेंस सेवाएं देते हुए निर्धारित स्वास्थ्य केंद्र पर जान जोखिम में डाल कर पहुंचा रहे हैं. कंपनी के अधिकारियों की मनमानी के चलते इनको दो महीने से सैलरी नहीं मिली है. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि वे 8 साल से काम कर रहे हैं लेकिन उनका काम सिर्फ एक वर्ष दिखाया जा रहा है. वहीं पीएफ को लेकर इन लोगों ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
जिले तैनात हैं 240 एम्बुलेंस कर्मी
बता दें कि जिले में 65 एम्बुलेंस पर कुल 240 एम्बुलेंस संविदा कर्मचारी तैनात हैं. एम्बुलेंस चालक शारदा प्रसाद ने बताया कि 2 महीने से हम लोगों की सैलरी नहीं मिल रही है. हम लोग 8 वर्षों से काम कर रहे हैं तब भी 1 वर्ष का कार्यकाल दिखाया जा रहा है. जो सैलरी आती है, कट कर आती है जिसके चलते परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. उसी के विरोध में कर्मचारियों ने भूख हड़ताल की है.