मिर्जापुर: नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में तैनात सीएएफ जवान लॉकडाउन के कारण मां का अंतिम दर्शन नहीं कर पाया. निधन की खबर मिलने पर उसे अवकाश तो मिल गया, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह समय से घर नहीं पहुंच पाया. कई गाड़ियों और माल गाड़ियों की सहायता से वह 1500 किलोमीटर की यात्रा तय कर 4 दिनों बाद घर पहुंचा.
समय से नहीं पहुंच पाया जवान
जनपद के सीखड़ गांव का रहने वाला संतोष यादव छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में तैनात है. जवान के लिए लॉकडाउन संघर्ष की एक ऐसी दास्तां बन गई, जिसे लोग बरसों याद रखेंगे. बीते पांच अप्रैल को संतोष की मां राजकुमारी यादव की मृत्यु हो गई थी. बेटे को सूचना मिली तो मां के अंतिम दर्शन की चाहत लेकर वह चल पड़ा.
लॉकडाउन में ट्रेनें बंद, बसें बंद, लेकिन जवान के जज्बे ने सैकड़ों मीलों का सफर टुकड़ों में तय करने की ठानी. पहले धान लदे ट्रकों से, बोलेरो से, बाइक और फिर मालगाडियों से चार दिनों बाद गांव पहुंचा. जवान के पहुंचने से पहले ही मां का अंतिम संस्कार कर दिया गया था. छुट्टी के लिए 5 अप्रैल को ही अप्लाई कर दिया था, लेकिन छुट्टी मिली 7 अप्रैल को मगर फिर भी मां के अंतिम दर्शन के लिए वहां से निकल गया था.