मिर्जापुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर (Vindhyachal Corridor) का काम तेजी से विंध्याचल धाम में चल रहा है. कॉरिडोर के निर्माण में आने वाले सभी मकानों और रास्तों ध्वस्तीकरण भी कर दिया गया है. जो सकरी गलियां थी उन्हें 35 फीट चौड़ा करने का काम प्रगति पर है. परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी और गंगा से जुड़ने वाली सड़कों को भव्य रुप दिया जा रहा है. इस कॉरिडोर का एक अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) शिलान्यास करेंगे.
बता दें अक्टूबर 2020 में कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नवंबर 2020 में विंध्य कॉरिडोर का काम शुरू हो गया था. अक्टूबर 2021 तक बनने की उम्मीद जताई जा रही है. विंध्य कॉरिडोर की कुल लागत 331 करोड़ है. परिक्रमा पथ 50 फीट, न्यू वीआईपी गली 35 फीट, पुरानी वीआईपी गली 40 फीट, कोतवाली गली 35 फीट और पक्का घाट की गली 35 फीट की बनाई जाएंगी. इसके बनने के बाद आसपास के मंदिरों का भी विकास किया जाएगा.
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सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह एक अगस्त को विंध्य कॉरिडोर के साथ ही अन्य 117 परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करेंगे. इन परियोजनाओं की कुल लागत 470 करोड़ रुपये है. इनमें 16 करोड़ रुपये की लागत से तैयार रोप-वे का लोकार्पण किया जाएगा. इन कार्यक्रमों के लिए शिलापट्ट तैयार कराने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्थाओं को दे दी गई है.
मिर्जापुर में विराजमान मां विंध्यवासिनी का मंदिर गंगा नदी के किनारे विंध्याचल की पहाड़ियों पर बना है. मां विंध्यवासिनी का दरबार 51 शक्तिपीठों में से एक है जो हिंदुओं के आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. मान्यता है कि मां विंध्यवासिनी एक ऐसी जागृति शक्तिपीठ है, जिसका अस्तित्व सृष्टि प्रारंभ होने से पहले और प्रलय के बाद भी रहेगा. यहां पर भक्तों को देवी मां तीन रूपों में दर्शन देती हैं. त्रिकोण यंत्र पर विंध्याचल देवी मां विंध्यवासिनी महालक्ष्मी, कालीखोह महाकाली और अष्ठभुजा महासरस्वती का रूप धारण कर भक्तों को दर्शन देती हैं.