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मिर्जापुर: जिलाधिकारी का सख्त आदेश, पराली जलाने पर होगी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में खेतों में पराली जलाने पर किसानों को जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. इसके लिए जिलाधिकारी ने किसानों को खेतों में पराली जलाने से उसके नुकसान और अन्य जानकारियां दी हैं. खेतों में पराली जलाने पर उक्त किसान के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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पराली जलाने से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता है.
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Published : Oct 16, 2020, 8:32 PM IST

मिर्जापुर: खेतों में पराली जलाने से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. इसकी गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन पहले से सतर्क है. शुक्रवार को जिलाधिकारी ने अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक कर पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा है. जिलाधिकारी ने किसानों को खेतों में पराली जलाने से उसके नुकसान और अन्य जानकारियां दीं. डीएम ने किसानों से आग्रह किया कि पराली अधिक होने पर स्थानीय थाने को सूचित करें, ताकि व्यवस्था कराकर पराली को गोवंश संरक्षण केंद्र पहुंचाया जा सके. खेतों में पराली जलाने पर उक्त किसान के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है.


किसान अब खेतों में पराली नहीं जला सकते. इसके लिए जिला प्रशासन सैटेलाइट कैमरे से निगरानी कर रहा है. ऐसे में जो भी किसान पराली जलाता पाया जाएगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इस वर्ष अब तक चार लोगों को पराली जलाते हुए पकड़ा गया है. इनमें से दो किसानों पर ढाई-ढाई हजार का जुर्माना लगाया गया है और दो को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.

धान की फसल लगभग तैयार हो गई है, जिसकी कटाई शुरू होने वाली है. बची पराली को अधिकतर किसान खेतों में जला देते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता खराब होती है. वायु प्रदूषण रोकने के लिए जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की है कि धान के बचे अवशेष को जलाएं नहीं, बल्कि हमें सूचित करें. हम उस पराली को गो संरक्षण केंद्र तक पहुंचाएंगे, जिससे पशुओं को चारा मिल सके. जिले में कुल 2,72,631 किसान हैं, जिसमें दो लाख 50 हजार लघु सीमांत किसान हैं. इनमें से 1,81,750 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से लाभ दिया जा रहा है.

मिर्जापुर: खेतों में पराली जलाने से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. इसकी गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन पहले से सतर्क है. शुक्रवार को जिलाधिकारी ने अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक कर पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा है. जिलाधिकारी ने किसानों को खेतों में पराली जलाने से उसके नुकसान और अन्य जानकारियां दीं. डीएम ने किसानों से आग्रह किया कि पराली अधिक होने पर स्थानीय थाने को सूचित करें, ताकि व्यवस्था कराकर पराली को गोवंश संरक्षण केंद्र पहुंचाया जा सके. खेतों में पराली जलाने पर उक्त किसान के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है.


किसान अब खेतों में पराली नहीं जला सकते. इसके लिए जिला प्रशासन सैटेलाइट कैमरे से निगरानी कर रहा है. ऐसे में जो भी किसान पराली जलाता पाया जाएगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इस वर्ष अब तक चार लोगों को पराली जलाते हुए पकड़ा गया है. इनमें से दो किसानों पर ढाई-ढाई हजार का जुर्माना लगाया गया है और दो को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.

धान की फसल लगभग तैयार हो गई है, जिसकी कटाई शुरू होने वाली है. बची पराली को अधिकतर किसान खेतों में जला देते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता खराब होती है. वायु प्रदूषण रोकने के लिए जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की है कि धान के बचे अवशेष को जलाएं नहीं, बल्कि हमें सूचित करें. हम उस पराली को गो संरक्षण केंद्र तक पहुंचाएंगे, जिससे पशुओं को चारा मिल सके. जिले में कुल 2,72,631 किसान हैं, जिसमें दो लाख 50 हजार लघु सीमांत किसान हैं. इनमें से 1,81,750 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से लाभ दिया जा रहा है.

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