मिर्जापुर: कोरोनावायरस के चलते कालीन कारोबार चौपट हो गया है. कई इंटरनेशनल-नेशनल फेयर कैंसिल हो जाने से लाखों डॉलर का नुकसान कालीन कारोबार को हुआ है. विदेशी खरीदारों ने जो पुराने ऑर्डर दिए थे वह उनकी आपूर्ति लॉकडाउन के कारण नहीं हो पायी है. इससे करोड़ों रुपये के तैयार कालीन कारोबारियों के गोदामों में डंप हैं. वहीं जो ऑर्डर कालीन कारोबारियों के हाथ में हैं अगर वह कैंसिल हुए तो वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. साथ ही नया काम नहीं मिलने से बुनकरों पर भी असर पड़ेगा जो रोजाना कमा कर घर चलाते हैं. ऐसी ही स्थिति रही तो कालीन के क्षेत्र में बुनकरों के लिए रोजगार की समस्या आ सकती है.
इन देशों में होती है सप्लाई
मिर्जापुर का कालीन अमेरिका, दुबई, सऊदी अरब सहित यूरोप के देशों में जाता है, लेकिन मेन मार्केट यूएस, यूरोप और यूके है. मिर्जापुर में बनी हुई कालीन सबसे ज्यादा अमेरिका में एक्सपोर्ट की जाती है. कोरोनावायरस के चलते यहां से आर्डर आना बंद हो गए, जिसके कारण पेमेंट आना भी बंद हैं. वहीं जो ऑर्डर हैं वह उन लोगों तक पहुंच नहीं पा रहे हैं. अभी तक कई ऑर्डर कैंसिल भी हो चुके हैं.
ऑर्डर कैंसल हुए तो बर्बाद होंगे कारोबारी
वहीं जो वर्कर काम करते थे, उनका काम बंद हो गया है. लेबर से लेकर कालीन कारोबारी तक प्रभावित हुए हैं. हजारों बुनकर कालीन फैक्ट्री में काम किया करते हैं. कारोबारियों का कहना है कि पहले से ऑर्डर जो मिले हैं अगर वह कैंसिल हुए तो वे पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे. उस मामले को लेकर किसी तरह जिलाधिकारी से बात करने पर थोड़ी बहुत रियायत मिली है. 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम कराया जा रहा है, लेकिन लॉकडाउन के कारण माल बाहर नहीं भेजा जा पा रहा है, जिसके कारण कारोबारी परेशान हैं.
क्या कहते हैं कारोबारी
कालीन कारोबारियों का कहना है कि अगर परिस्थितियों पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा. सप्लाई न होने के कारण उनको आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है.