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मेरठ: गेहूं फसल के लिए लाभकारी है सर्दी की बारिश

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Published : Jan 17, 2020, 3:54 PM IST

यूपी में हो रही बारिश से किसान खुश नजर आ रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश गेहूं की फसल के लिए वरदान है.

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गेंहूं की फसल

मेरठ: यूपी में इन दिनों बारिश हो रही है. बारिश होने से किसान खुश नजर आ रहे हैं. ठंड में हो रही यह बारिश गेहूं की फसल के लिए लाभकारी साबित हो रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट भी फसलों के लिए अनुकूल है.

बारिश से खिले किसानों के चेहरे.
इस बार दिसंबर माह में भी रिकॉर्ड स्तर पर बारिश हुई. जनवरी माह में भी अच्छी बारिश हो रही है. यह बारिश गेहूं की फसल के लिए सबसे अधिक लाभकारी बताई जा रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की अगेती प्रजाति के लिए यह बारिश सबसे अधिक लाभकारी है. इस बारिश से जहां सिंचाई की फिलहाल जरूरत नहीं होगी, वहीं तापमान में नमी रहने से फसल में बढ़ोतरी भी अधिक होगी.

इसे भी पढ़ें - प्रयागराजः बारिश ने बिगाड़ा माघ मेले का सूरते हाल, बढ़ी ठंड से लोग बेहाल

कहीं कहीं पिछड़ गई है बुवाई
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश से गेहूं की पछेती बुवाई का कार्य पिछड़ गया है. वेस्ट यूपी में किसान गन्ने की फसल काटने के बाद गेहूं की बुवाई का कार्य करते हैं. मेरठ और आसपास के जिले में जनवरी में भी गेहूं की बुवाई की जाती है. ऐसे में इस बारिश से जनवरी में की जाने वाली गेहूं की बुवाई का कार्य रुक गया है.

अमृत समान है बारिश
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. आरएस सेंगर ने बताया कि यह बारिश गेहूं की फसल के लिए अमृत समान है. जो किसान गेहूं की जनवरी महीने में बुवाई करते हैं. उन्हें अब गेहूं की बुवाई नहीं करनी चाहिए. अब देर से की जाने वाली वेरायटी का समय भी निकल गया है. अब यदि गेहूं की बुवाई की जाएगी तो उसका उत्पादन अच्छा नहीं होगा.

मेरठ: यूपी में इन दिनों बारिश हो रही है. बारिश होने से किसान खुश नजर आ रहे हैं. ठंड में हो रही यह बारिश गेहूं की फसल के लिए लाभकारी साबित हो रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट भी फसलों के लिए अनुकूल है.

बारिश से खिले किसानों के चेहरे.
इस बार दिसंबर माह में भी रिकॉर्ड स्तर पर बारिश हुई. जनवरी माह में भी अच्छी बारिश हो रही है. यह बारिश गेहूं की फसल के लिए सबसे अधिक लाभकारी बताई जा रही है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की अगेती प्रजाति के लिए यह बारिश सबसे अधिक लाभकारी है. इस बारिश से जहां सिंचाई की फिलहाल जरूरत नहीं होगी, वहीं तापमान में नमी रहने से फसल में बढ़ोतरी भी अधिक होगी.

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कहीं कहीं पिछड़ गई है बुवाई
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश से गेहूं की पछेती बुवाई का कार्य पिछड़ गया है. वेस्ट यूपी में किसान गन्ने की फसल काटने के बाद गेहूं की बुवाई का कार्य करते हैं. मेरठ और आसपास के जिले में जनवरी में भी गेहूं की बुवाई की जाती है. ऐसे में इस बारिश से जनवरी में की जाने वाली गेहूं की बुवाई का कार्य रुक गया है.

अमृत समान है बारिश
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. आरएस सेंगर ने बताया कि यह बारिश गेहूं की फसल के लिए अमृत समान है. जो किसान गेहूं की जनवरी महीने में बुवाई करते हैं. उन्हें अब गेहूं की बुवाई नहीं करनी चाहिए. अब देर से की जाने वाली वेरायटी का समय भी निकल गया है. अब यदि गेहूं की बुवाई की जाएगी तो उसका उत्पादन अच्छा नहीं होगा.

Intro:मेरठ: गेहूं की फसल के लिए लाभकारी है सर्दी की यह बारिश

सर्दी की बारिश गेहूं की फसल के लिए लाभकारी होती है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है इस समय हो रही बारिश से गेहूं की फसल को लाभ होगा।

मेरठ। इस बार हो रही रिकॉर्ड बारिश गेहूं की फसल के लिए लाभकारी साबित हो रही है। किसानों के चेहरे भी बारिश होने से खिले हैं। तापमान में आ रही गिरावट भी फसलों के लिए अनुकूल बनी हुई है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की फसल के लिए बारिश अमृत समान है। हालांकि देर से की जा रही गेहूं की बुवाई बारिश के बाद बिछड़ गई है।




Body:इस बार दिसंबर माह में भी रिकॉर्ड स्तर पर बारिश हो रही है। जनवरी माह में भी अच्छी बारिश हो रही है। यह बारिश गेहूं की फसल के लिए सबसे अधिक लाभकारी बताई जा रही है।न कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की अगेती प्रजाति के लिए यह बारिश सबसे अधिक लाभकारी है। इस बारिश से जहां सिंचाई की फिलहाल जरूरत नहीं होगी वही तापमान में नमी रहने से फसल में बढ़ोतरी भी अधिक होगी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश से गेहूं की पछेती बुवाई का कार्य पिछड़ गया है। वेस्ट यूपी में किसान गन्ने की फसल काटने के बाद गेहूं की बुवाई का कार्य करते हैं। मेरठ और आसपास के जिले में जनवरी में भी गेहूं की बुवाई की जाती है। ऐसे में इस बारिश से जनवरी में की जाने वाली गेहूं की बुवाई का कार्य रुक गया है।




Conclusion:सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ आर एस सेंगर ने बताया कि यह बारिश गेहूं की फसल के लिए अमृत समान है। जो किसान गेहूं की जनवरी महीने में बुवाई करते हैं उन्हें अब गेहूं की बुवाई नहीं करनी चाहिए। अब देर से की जाने वाली वैरायटी का समय भी निकल गया है। अब यदि गेहूं की बुवाई की जाएगी तो उसका उत्पादन अच्छा नहीं होगा।

बाइट-बाइट आरएस सेंगर, प्रोफेसर कृषि विश्वविद्यालय

अजय चौहान
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