मेरठ: बिजली विभाग की ओर से 65 प्रतिशत की छूट ऐसे लोगों के लिए उत्तर प्रदेश में पहली बार देने की योजना लाई गई, जो बिजली चोरी के मामलों में लिप्त हैं. इसके बावजूद विभाग की यह स्कीम कटियाबाजों को अपनी तरफ आकर्षित नहीं कर पा रही है. आलम यह है कि PVVNL के दायरे में आने वाले 14 जिलों में अभी तक दो लाख 44 हजार 835 कटियाबाजों में से सिर्फ 403 ने ही दिलचस्पी दिखाई है.
प्रदेश में योगी सरकार का ऊर्जा विभाग इन दिनों एक मुक्त समाधान योजना (OTS scheme ) लेकर आया आया हुआ है. इस बार ऊर्जा विभाग ने लचीला रुख अपनाते हुए पहली बार ऐसी स्कीम लांच की है जो प्रदेश के कटियाबाजों यानी बिजली चोरी में फंसे लोगों के लिए वरदान से कम नहीं है. आठ नवंबर से OTS स्कीम लागू की गई है. 30 नवंबर तक पंजीकरण कराने वालों के लिए खास छूट का प्रलोभन दिया गया है.
हैरानी की बात यह है कि 65 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान होने के बावजूद यूपी वेस्ट के 14 जिलों में सिर्फ 403 कटियाबाजों ने ही स्कीम का लाभ लेने के लिए अभी तक पंजीकरण कराया है, जबकि विभाग के अधिकारियों की मानें तो कुल दो लाख 44 हजार 835 ऐसे लोग हैं, जिन्हें विभाग बिजली चोरी के मामले में पकड़ चुका है. इन्हीं को इस स्कीम में सर्वाधिक फायदा भी है. ये लोग इस स्कीम से अभी जुड़ते नहीं दिख रहे हैं.
इस बारे में ईटीवी भारत ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (वाणिज्य) संजय जैन ने बताया कि इस बार की ओटीएस स्कीम बहुत ही अच्छी है. जिन पर बिजली चोरी के मामले हैं, इस स्कीम में उन्हें भी शामिल किया गया है. जो 10 प्रतिशत असेसमेंट का चार्ज है, उसको जमा कराके रजिस्ट्रेशन कराकर कुल 35 प्रतिशत धन जमा करके लाभ ले सकते हैं और मुक्ति पा सकते हैं, पहली बार ऐसी स्कीम आई है.
निदेशक वाणिज्य संजय जैन बताते हैं कि पश्चिमांचल विधुत वितरण निगम के अंतर्गत 14 जिले आते हैं और जो भी एलएमवी -1 (घरेलू ) LMV -2 (वाणिज्य ) LMV -4 बी, LMV 5 (निजी ट्यूबबेल ) में, LMV -6 इंडस्ट्री से जुड़े क्षेत्र के उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा. इसमें अगर एक मुश्त धनराशि जमा कराते हैं तो सबसे ज्यादा इसका लाभ ऐसे लोगों को मिलेगा.
किस्तों में भी बकाया जमा करने का सिस्टमः इसके अतिरिक्त ऐसे उपभोक्ता जो एक साथ पैसा जमा करने में असमर्थ हैं उनके लिए किस्त में भी भुगतान करने का इंतजाम है. ऐसे लोग 6 से 12 किस्तों में भी भुगतान कर सकते हैं. Pvvnl के निदेशक वाणिज्य संजय जैन बताते हैं कि पश्चिमांचल विधुत वितरण निगम लिमिटेड के 14 जिलों के कुल बिजली कनेक्शन की बात करें तो लगभग 70 लाख कनेक्शन 14 जिलों में हैं. इनमें से कुल 7 हजार 500 करोड़ रुपये की राशि उपभोक्ताओं पर बकाया है. लगभग दो लाख बिजली चोरों से पैसा जमा कराने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.
कब से शुरू हुई है एक मुश्त समाधाना योजनाः मेरठ क्षेत्र के चीफ इंजीनियर धीरज सिंहा बताते हैं कि 8 नवंबर से जो ओटीएस योजना लाई गई है. इसमें कई खास बात हैं. जो घरेलू उपभोक्ता हैं उनके लिए शत-प्रतिशत माफी है. इसके अलावा जो कॉमर्शियल उपभोक्ता हैं, उनके लिए 80% ब्याज की माफी है. इस श्रेणी में आने वाले निजी संस्थान, निजी नलकूप के साथ ही जो छोटे उद्योग हैं, उन सभी के लिए यह योजना लागू है.
कितने हैं बिजली चोरी के केसः मेरठ क्षेत्र के चीफ इंजीनियर धीरज सिन्हा बताते हैं कि जनपद में ही कुल बकायदारों की संख्या 3 लाख 61 हजार है, जिन पर कुल 973 करोड़ रुपया बकाया है. जिसमें तीन सौ करोड़ तो ब्याज ही है. प्रयास है शत प्रतिशत उपभोक्ताओं को योजना का लाभ मिले. मेरठ के शहरी क्षेत्र में लगभग 1600 केस चोरी के हैं. मेरठ बागपत क्षेत्र के चीफ इंजिनियर राघवेंद्र ने ईटीवी भारत को बताया कि लगभग 23 हजार से अधिक चोरी के मामले उनके सर्किल में भी दर्ज हैं.
बिजली विभाग का बड़ा दावाः फिलहाल विभाग के अफसरों का दावा है कि 31 दिसंबर तक चोरी के मामलों में से दो लाख लोगों को एक मुश्त समाधान योजना के माध्यम से छूट देते हुए धनराशि संग्रह करने का लक्ष्य रखा है. हालांकि ऐसा हो पाएगा यह अभी तो होता नजर नहीं आ रहा.
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