मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जनपद सहारनपुर एक बार फिर सुर्खियों में है. दिल्ली पुलिस ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है तो यूपी एटीएस ने सहारनपुर से दो संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. आईबी और खुफिया विभाग से इनपुट मिलने पर एटीएस ने कार्रवाई की है. एटीएस ने दिल्ली में हुई कार्रवाई के बाद इन दोनों को पकड़ा है. पकड़े गए संदिग्ध बांग्लादेश के रहने वाले इकबाल और फारुख बताए जा रहे हैं. इनके पास से फर्जी आधारकार्ड और पहचान पत्र मिले हैं. एटीएस की टीम दोनों अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है.
दिल्ली में आतंकी मिलने के बाद UP ATS सक्रिय
मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया. दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद यूपी एटीएस हरकत में आ गई है. एटीएस की टीम ने सहारनपुर और कस्बा देवबंद में छापेमारी कर अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. एटीएस ने इनके पास से फर्जी आधारकार्ड और पहचान पत्र बरामद किए हैं. दोनोो अभियुक्त पहचान छिपा कर सहारनपुर में रह रहे थे.
फर्जी दस्तावेज से बनवाया पासपोर्ट
दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने सहारनपुर में फर्जी कागजों के आधार पर पासपोर्ट भी बनवा लिए थे. पासपोर्ट बनवाने में पुलिस रिपोर्ट के साथ खुफिया विभाग ( LIU ) जांच भी की जाती है, लेकिन विदेशी नागरिकों के सहारनपुर में पासपोर्ट बनने की खबर से हर कोई आश्चर्यचकित है.
देवबंद से भी रहा है आतंकी कनेक्शन
फतवों की नगरी देवबंद में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के पकड़े जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी बांग्लादेश, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत कई आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकी यहां पकड़े जा चुके हैं. फर्जी आधारकार्ड और पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. देश में किसी भी राज्य में आतंकी मिलते हैं तो यूपी पुलिस और एटीएस देवबंद में अपना डेरा डाल लेती है. किसी भी राज्य में आतंकी पकड़े जाते हैं तो देवबंद से उनका कनेक्शन जरूर मिलता रहा है.
मोबाइल से मिल सकता है राज
गिरफ्तार इकबाल और फारुख दोनों संदिग्धों ने सहारनपुर में न सिर्फ आधारकार्ड बनवा लिये, पासपोर्ट भी बनवाया हुआ है. मोबाइल फोन में मिले विदेशी संदिग्धों के नंबर और विदेशी लोगों से बातचीत का ब्योरा मिला है. एटीएस मोबाइल फोन की डिटेल खंगाल रही है. बताया जा रहा है कि मोबाइल फोन से संदिग्ध युवकों के कई राज खुल सकते हैं.
जेल की सजा काट चुके हैं अभियुक्त
मोहम्मद इकबाल और मोहम्मद फारुक दोनों सगे भाई बताए जा रहे हैं. दोनों मूल रूप से ग्राम सादाह मोनूपुरा, थाना शठकनिया, जिला चटगांव बांग्लादेश के हैं. यूपी एटीएस की पूछताछ में दोनों सगे भाई निकले हैं. दोनों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2007 -08 से भारत में रह रहे हैं. दोनों भाई वर्ष 2013 में अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किए गए थे और लगभग 2 साल तक जेल में भी रह चुके हैं. जेल से रिहा होने के बाद इन दोनों को बांग्लादेश भेज दिया गया था, लेकिन यह दोनों वर्ष 2015 में दोबारा अवैध रूप से सीमा पार कर भारत में घुस आए और दलालों के माध्यम से सहारनपुर में फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवा लिया था.
कागजों में दर्ज है यह पता
सभी दस्तावेजो में इन्होंने अपना पता मकान नम्बर 12/17, गली नंबर -2, कमेला कॉलोनी, निकट बिलाल मस्जिद सहारनपुर लिखवया है. मोबाइल फोन खंगालने पर पता चला कि दोनों भाई बांग्लादेश, अमेरिका, सऊदी अरब, इटली, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों में बातचीत करते थे.
एसएसपी ने झाड़ा पल्ला
एसएसपी डॉ एस. चनप्पा से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह कार्रवाई एटीएस ने की है. अभी पूरा मामला उनकी जानकारी में नहीं है. जैसे ही मामले की जानकारी मिलती है तो मीडिया से शेयर कर दी जाएगी.