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मेरठ: छात्रों को पढ़ाई के साथ दी जा रही मत्स्य पालन की ट्रेनिंग

यूपी के मेरठ जिले में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ मत्स्य पालन की भी जानकारी दी जा रही है. प्रोफेसर के अनुसार छात्रों को स्वावलंबी बनाने के दिशा में यह एक प्रयास है.

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Published : Feb 6, 2020, 12:30 PM IST

मेरठः वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों को मत्स्य पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. स्टूडेंट्स को ट्रायल के तौर पर एक-एक तालाब दिए गए हैं, जिनमें उन्हें वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सिखाया जा रहा है. छात्रों को स्वावलंबी बनाने के लिए मत्स्य उत्पादन से जो लाभ होगा, वह छात्रों में बांट दिया जाएगा.

मछली पालन की ट्रेनिंग ले रहे छात्र.

छात्रों को दिए गए हैं तालाब
बीएससी एग्रीकल्चर फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ स्वावलंबी बनाए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसी दिशा में उन्हें मत्स्य पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए उन्हें मछली पालन की न केवल जानकारी दी जा रही है बल्कि उन्हें यूनिवर्सिटी के मत्स्य पालन केंद्र पर तालाबों को प्रयोग के तौर पर दिए गए हैं.

मुनाफे के लिए छात्र कर रहे मेहनत
इन तालाबों में छात्र वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं. 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद तालाब में जो मछली उत्पादन होगा, उसे बेच दिया जाएगा और मुनाफे को ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट में ही बांट दिया जाएगा. छात्र भी मुनाफे के लिए पूरी लगन और मेहनत के साथ मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं. मत्स्य पालन की ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट दिग्विजय का कहना है कि इस ट्रेनिंग से उन्हें स्वावलंबी बनने का मौका मिलेगा. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मत्स्य पालन कर न केवल खुद आय प्राप्त कर सकेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे.

यह भी पढ़ेंः-मेरठ: बच्चों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाले शिक्षक दीपक शर्मा को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

स्वावलंबी बनाने का प्रयास
प्रोफेसर डीवी सिंह ने बताया कि कुलपति आर.के. मित्तल ने स्टूडेंट्स को स्वावलंबी बनाने के लिए यह प्रयोग कराया है. स्टूडेंट्स मत्स्य पालन सीख रहे हैं. प्रयोग के तौर पर तीन स्टूडेंट्स को एक तालाब दिया गया है. स्टूडेंट्स पूरी मेहनत और लगन से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं. यह ट्रेनिंग उन्हें आगे भविष्य में काम आएगी.

मेरठः वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों को मत्स्य पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. स्टूडेंट्स को ट्रायल के तौर पर एक-एक तालाब दिए गए हैं, जिनमें उन्हें वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सिखाया जा रहा है. छात्रों को स्वावलंबी बनाने के लिए मत्स्य उत्पादन से जो लाभ होगा, वह छात्रों में बांट दिया जाएगा.

मछली पालन की ट्रेनिंग ले रहे छात्र.

छात्रों को दिए गए हैं तालाब
बीएससी एग्रीकल्चर फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ स्वावलंबी बनाए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसी दिशा में उन्हें मत्स्य पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए उन्हें मछली पालन की न केवल जानकारी दी जा रही है बल्कि उन्हें यूनिवर्सिटी के मत्स्य पालन केंद्र पर तालाबों को प्रयोग के तौर पर दिए गए हैं.

मुनाफे के लिए छात्र कर रहे मेहनत
इन तालाबों में छात्र वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं. 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद तालाब में जो मछली उत्पादन होगा, उसे बेच दिया जाएगा और मुनाफे को ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट में ही बांट दिया जाएगा. छात्र भी मुनाफे के लिए पूरी लगन और मेहनत के साथ मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं. मत्स्य पालन की ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट दिग्विजय का कहना है कि इस ट्रेनिंग से उन्हें स्वावलंबी बनने का मौका मिलेगा. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मत्स्य पालन कर न केवल खुद आय प्राप्त कर सकेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे.

यह भी पढ़ेंः-मेरठ: बच्चों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाले शिक्षक दीपक शर्मा को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

स्वावलंबी बनाने का प्रयास
प्रोफेसर डीवी सिंह ने बताया कि कुलपति आर.के. मित्तल ने स्टूडेंट्स को स्वावलंबी बनाने के लिए यह प्रयोग कराया है. स्टूडेंट्स मत्स्य पालन सीख रहे हैं. प्रयोग के तौर पर तीन स्टूडेंट्स को एक तालाब दिया गया है. स्टूडेंट्स पूरी मेहनत और लगन से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं. यह ट्रेनिंग उन्हें आगे भविष्य में काम आएगी.

Intro:मेरठ: छात्रों को पढ़ाई के साथ दी जा रही मछली पालने की ट्रेनिंग

यूपी के मेरठ जिले में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ साथ मत्स्य पालन की जानकारी भी दी जा रही हैl

मेरठ। पढ़ाई के साथ साथ स्टूडेंट्स को मत्स्य पालन की ट्रेनिंग भी दी जा रही है स्टूडेंट्स को ट्रायल के तौर पर एक एक तालाब दिए गए हैं। जिनमें उन्हें वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सिखाया जा रहा है। यही नहीं मत्स्य उत्पादन से जो लाभ होगा वह स्टूडेंट में ही बांट दिया जाएगा।


Body:सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में यह अनूठी पहल की जा रही है। बीएससी एग्रीकल्चर फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ स्वावलंबी बनाए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसी दिशा में उन्हें मत्स्य पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए उन्हें मछली पालन की न केवल जानकारी दी जा रही है बल्कि उन्हें यूनिवर्सिटी के मत्स्य पालन केंद्र पर तालाबों भी प्रयोग के तौर पर दिए गए हैं। इन तालाबों में स्टूडेंट्स बताए जा रहे वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं। 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद तालाब में जो मछली उत्पादन होगा उसे बेचकर जो मुनाफा होगा उसे ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट में ही बांट दिया जाएगा। स्टूडेंट्स भी मुनाफे के लिए पूरी लगन और मेहनत के साथ मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं।

मत्स्य पालन की ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट दिग्विजय का कहना है कि इस ट्रेनिंग से उन्हें स्वावलंबी बनने का मौका मिलेगा। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मत्स्य पालन कर न केवल खुद आय प्राप्त कर सकेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे।




Conclusion:प्रोफेसर डीवी सिंह ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर आरके मित्तल ने स्टूडेंट्स को स्वावलंबी बनाने के लिए यह प्रयोग कराया है। स्टूडेंट्स मत्स्य पालन सीख रहे हैं। प्रयोग के तौर पर तीन स्टूडेंट्स को एक तालाब दिया गया है। स्टूडेंट्स पूरी मेहनत और लगन से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं। यह ट्रेनिंग उन्हें आगे भविष्य में काम आएगी।

बाइट- डा डीवी सिंह, प्रोफेसर कृषि विश्वविद्यालय

बाइट- दिग्विजय सिंह

अजय चौहान
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