मेरठः वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों को मत्स्य पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. स्टूडेंट्स को ट्रायल के तौर पर एक-एक तालाब दिए गए हैं, जिनमें उन्हें वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सिखाया जा रहा है. छात्रों को स्वावलंबी बनाने के लिए मत्स्य उत्पादन से जो लाभ होगा, वह छात्रों में बांट दिया जाएगा.
छात्रों को दिए गए हैं तालाब
बीएससी एग्रीकल्चर फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ स्वावलंबी बनाए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसी दिशा में उन्हें मत्स्य पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए उन्हें मछली पालन की न केवल जानकारी दी जा रही है बल्कि उन्हें यूनिवर्सिटी के मत्स्य पालन केंद्र पर तालाबों को प्रयोग के तौर पर दिए गए हैं.
मुनाफे के लिए छात्र कर रहे मेहनत
इन तालाबों में छात्र वैज्ञानिक तरीके से मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं. 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद तालाब में जो मछली उत्पादन होगा, उसे बेच दिया जाएगा और मुनाफे को ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट में ही बांट दिया जाएगा. छात्र भी मुनाफे के लिए पूरी लगन और मेहनत के साथ मत्स्य पालन करना सीख रहे हैं. मत्स्य पालन की ट्रेनिंग ले रहे स्टूडेंट दिग्विजय का कहना है कि इस ट्रेनिंग से उन्हें स्वावलंबी बनने का मौका मिलेगा. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मत्स्य पालन कर न केवल खुद आय प्राप्त कर सकेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे.
यह भी पढ़ेंः-मेरठ: बच्चों के बीच विज्ञान को लोकप्रिय बनाने वाले शिक्षक दीपक शर्मा को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार
स्वावलंबी बनाने का प्रयास
प्रोफेसर डीवी सिंह ने बताया कि कुलपति आर.के. मित्तल ने स्टूडेंट्स को स्वावलंबी बनाने के लिए यह प्रयोग कराया है. स्टूडेंट्स मत्स्य पालन सीख रहे हैं. प्रयोग के तौर पर तीन स्टूडेंट्स को एक तालाब दिया गया है. स्टूडेंट्स पूरी मेहनत और लगन से ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं. यह ट्रेनिंग उन्हें आगे भविष्य में काम आएगी.