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मेरठ में तीन दिन तक चले ज्वैलरी शो समापन, सैकडों करोड़ का हुआ बिजनेस

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Published : Jan 11, 2023, 1:33 PM IST

मेरठ में तीन दिन तक चले ज्वैलरी शो समापन हो गया. करीब सौ करोड़ रुपये कीमत की ज्वैलरी एक ही छत के नीचे इस शो में पेश की गई थी. देशभर से हजारों ज्वैलर्स ने आकर एक से बढ़कर एक डिजाइनर ज्वैलरी को पसंद किया. इस दौरान सैंकड़ों करोड़ रुपये की ज्वैलरी के ऑर्डर बुक किए गए हैं.

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ज्वैलरी शो
यह बिजनेस टू बिजनेस शो होता है

मेरठः मेरठ शहर को स्वर्ण नगरी के तौर पर भी पहचान मिली हुई है. यहां बड़े पैमाने पर तमाम तरह की ज्वैलरी का निर्माण होता है. मेरठ को आभूषणों के क्षेत्र में अलग पहचान दिलाने के संकल्प के साथ मेरठ में रविवार को ज्वैलरी शो के तृतीय संस्करण का शुभारंभ हुआ था. इसमें अनेकों आभूषण निर्माताओं ने एक ही छत के नीचे अपने एक से बढ़कर एक तमाम तरह के आभूषणों से युक्त प्रोडक्ट प्रदर्शित किए. वहीं, मंगलवार देर रात ज्वैलरी शो का समापन हो गया. ज्वैलरी शो में मेरठ के ज्वैलरी निर्माता और थोक विक्रेताओं में अपने उत्पादों के प्रदर्शन से खासा उत्साह देखा गया. देशभर से लोग अलग-अलग ज्वैलरी के डिजाइन के ऑर्डर अपने लिए बुक करके गए.

बता दें कि मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (Meerut Bullion Traders Association) का मेरठ ज्वैलरी शो का तृतीय संस्करण था. इससे ओहले 2019 में पहली बार आयोजन हुआ था, जबकि कोरोना कारणों से बीच में इस शो का आयोजन नहीं किया गया था. वहीं, पिछले साल दिसंबर में दूसरे संस्करण में भी अच्छा रेस्पॉन्स मिला था. इस बार भी बाईपास स्थित बिग बाइट रिजॉर्ट में ही स्वर्ण नगरी सजी, जहां हजारों, करोड़ रुपये की ज्वैलरी प्रदर्शित की गई. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, केवल रजिस्ट्रेशन और पास के जरिये ही कड़े सुरक्षा इंतजामों से गुजरने के बाद आगन्तुकों को प्रवेश दिया गया. इसमें समस्त भारत से सर्राफा व्यापारी एवं मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा आमंत्रित अतिथि एवं व्यापारी, जनप्रतिनिधि समेत मीडिया कर्मियों और अधिकारियों को ही प्रवेश दिया गया था.

बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि यह बिजनेस टू बिजनेस शो (business to business show) होता है. इस बार 4 लाख 40 स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें करीब सौ करोड़ रुपये की ज्वैलरी यहां प्रदर्शित की गई. उन्होंने बताया कि कारोबार के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में लोजी यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना का असर था, लेकिन इस बार कोरोना का खतरा नहीं था तो बिजनेसमैन अधिक आए हैं. वह कहते हैं कि पूर्व में यहां कानून व्यवस्था गड़बड़ होने की वजह से आयोजन नहीं हो सकते थे, लेकिन अब सरकार ने सुरक्षा का भरोसा दिया है तो व्यवसायी भी खुश हैं और ऐसे आयोजन हो पा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि ऐसे आयोजनों से व्यापार तो बढ़ता ही है नई नई वैरायटी भी आसानी से प्रदर्शित की जा सकती हैं.

इस दौरान शो के आखिरी दिन वर्ष 2023 में मेरठ में ज्वैलरी पार्क/फैक्टरी फ्लेटेड कॉम्प्लेक्स की स्थापना का संकल्प भी मेरठ के सर्राफा व्यापारियों ने लिया है. तीन दिन तक चले इस शो में मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (Meerut Bullion Traders Association) ने उत्तर प्रदेश सरकार से मेरठ में स्वर्ण आभूषणों को ओडीओपी में शामिल करने की मांग को उठाने का भी संकल्प लिया गया. माना जा रहा है कि अगर मेरठ की आभूषण इंडस्ट्री को भी खेल उत्पादों की तर बहुत सी सरकारी सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध हो सकें, तो यह न सिर्फ प्रदेश में बल्कि देश में भी यहां का ज्वैलरी का बाजार बढ़ जाएगा.

पढ़ेंः 26 हजार दो सौ हीरों से बनी है ये नायाब अंगूठी देवमुद्रिका, जानें इसकी खासियत

यह बिजनेस टू बिजनेस शो होता है

मेरठः मेरठ शहर को स्वर्ण नगरी के तौर पर भी पहचान मिली हुई है. यहां बड़े पैमाने पर तमाम तरह की ज्वैलरी का निर्माण होता है. मेरठ को आभूषणों के क्षेत्र में अलग पहचान दिलाने के संकल्प के साथ मेरठ में रविवार को ज्वैलरी शो के तृतीय संस्करण का शुभारंभ हुआ था. इसमें अनेकों आभूषण निर्माताओं ने एक ही छत के नीचे अपने एक से बढ़कर एक तमाम तरह के आभूषणों से युक्त प्रोडक्ट प्रदर्शित किए. वहीं, मंगलवार देर रात ज्वैलरी शो का समापन हो गया. ज्वैलरी शो में मेरठ के ज्वैलरी निर्माता और थोक विक्रेताओं में अपने उत्पादों के प्रदर्शन से खासा उत्साह देखा गया. देशभर से लोग अलग-अलग ज्वैलरी के डिजाइन के ऑर्डर अपने लिए बुक करके गए.

बता दें कि मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (Meerut Bullion Traders Association) का मेरठ ज्वैलरी शो का तृतीय संस्करण था. इससे ओहले 2019 में पहली बार आयोजन हुआ था, जबकि कोरोना कारणों से बीच में इस शो का आयोजन नहीं किया गया था. वहीं, पिछले साल दिसंबर में दूसरे संस्करण में भी अच्छा रेस्पॉन्स मिला था. इस बार भी बाईपास स्थित बिग बाइट रिजॉर्ट में ही स्वर्ण नगरी सजी, जहां हजारों, करोड़ रुपये की ज्वैलरी प्रदर्शित की गई. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, केवल रजिस्ट्रेशन और पास के जरिये ही कड़े सुरक्षा इंतजामों से गुजरने के बाद आगन्तुकों को प्रवेश दिया गया. इसमें समस्त भारत से सर्राफा व्यापारी एवं मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा आमंत्रित अतिथि एवं व्यापारी, जनप्रतिनिधि समेत मीडिया कर्मियों और अधिकारियों को ही प्रवेश दिया गया था.

बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि यह बिजनेस टू बिजनेस शो (business to business show) होता है. इस बार 4 लाख 40 स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें करीब सौ करोड़ रुपये की ज्वैलरी यहां प्रदर्शित की गई. उन्होंने बताया कि कारोबार के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में लोजी यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना का असर था, लेकिन इस बार कोरोना का खतरा नहीं था तो बिजनेसमैन अधिक आए हैं. वह कहते हैं कि पूर्व में यहां कानून व्यवस्था गड़बड़ होने की वजह से आयोजन नहीं हो सकते थे, लेकिन अब सरकार ने सुरक्षा का भरोसा दिया है तो व्यवसायी भी खुश हैं और ऐसे आयोजन हो पा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि ऐसे आयोजनों से व्यापार तो बढ़ता ही है नई नई वैरायटी भी आसानी से प्रदर्शित की जा सकती हैं.

इस दौरान शो के आखिरी दिन वर्ष 2023 में मेरठ में ज्वैलरी पार्क/फैक्टरी फ्लेटेड कॉम्प्लेक्स की स्थापना का संकल्प भी मेरठ के सर्राफा व्यापारियों ने लिया है. तीन दिन तक चले इस शो में मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (Meerut Bullion Traders Association) ने उत्तर प्रदेश सरकार से मेरठ में स्वर्ण आभूषणों को ओडीओपी में शामिल करने की मांग को उठाने का भी संकल्प लिया गया. माना जा रहा है कि अगर मेरठ की आभूषण इंडस्ट्री को भी खेल उत्पादों की तर बहुत सी सरकारी सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध हो सकें, तो यह न सिर्फ प्रदेश में बल्कि देश में भी यहां का ज्वैलरी का बाजार बढ़ जाएगा.

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