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Meerut Teachers Dharna: सीसीएसयू परिसर में डिग्री कालेजों के शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, ये रखीं मांगे

संयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के बैनर तले मंगलवार को 50 एडिड कॉलेज के शिक्षकों ने मेरठ के चौधरी सिंह यूनिवर्सिटी प्रांगण में धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर शिक्षकों ने सरकार से अपनी लम्बे समय से उठाई जा रही मांगों को पूरा करने की मांग की.

Meerut Teachers Dharna
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Published : Oct 5, 2021, 10:56 PM IST

मेरठ : मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में आज 50 एडिड कॉलेजों के शिक्षण ने धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर प्रमुख रूप से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग की गई. इसके अलावा स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों को पुनः अनुदान सूची पर लिए जाने की मांग की गई. इस दौरान शिक्षकों ने मांग करते हुए जोरदार धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही शिक्षकों ने यूजीसी नियमावली के अनुसार प्रोफेसर पद देने, अधिवर्षिता 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किये जाने की मांग की. इस मौके पर एक ज्ञापन भी कुलपति को धरना दे रहे शिक्षकों की तरफ से सौंपा गया.

धरना दे रहे शिक्षकों का आरोप है कि यूपी में सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है, जबकि यूपी के बाहर के राज्यों में शिक्षकों के हित में सरकार फैंसला ले रही हैं. धरना दे रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के बाहर रिटारमेंट की आयु सीमा 65 वर्ष कर दी गई है, जबकि यूपी के विश्वविद्यालयों में ये उम्र की सीमा 62 वर्ष है. शिक्षकों का आरोप है कि 2005 के बाद के शिक्षकों को पेंशन तक भी नहीं मिलेगी. उन्होंने मांग की है कि सरकार इन सभी मांगों की तरफ गम्भीरता से ध्यान दे, ताकि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रह सके.

इसके अलावा शिक्षकों ने आकस्मिक अवकाश भी बढ़ाए जाने की मांग की. शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर लागू करने, स्ववित्तपोषित शिक्षकों के लिए सीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा की भी मांग समेत तमाम और भी मांगें की गईं. शिक्षकों को शोध में प्रवेश हेतु 10 प्रतिशत सीटों के आरक्षण का शासनादेश, मेडिकल लीव का अलग से प्रावधान, छुट्टियों की कटौती के लिए जारी शासनादेश को निरस्त करने, प्रबन्धन तन्त्र में शिक्षकों की 50 प्रतिशत की भागीदारी तय करने की मांग उठाई.


इस दौरान शिक्षकों द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि अगर सरकार ने जल्द इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश नेतृत्व से जो भी आह्वान होगा उसके आधार पर सभी एडिड शिक्षक एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे व लखनऊ में धरना दिया जाएगा. शिक्षक नेताओं का मानना है कि चूंकि यूपी में अगले वर्ष चुनाव होने हैं, अगर सरकार चाहे तो वो शिक्षकों के हित में निर्णय ले सकती है.

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर वाराणसी में शिक्षकों ने निकाली बाइक रैली

पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों पर सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए शिक्षकों, अन्य विभागों के कर्मचारियों और पेंशनरों ने मंगलवार को बाइक जुलूस निकाला. कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले भारत माता मंदिर से निकला यह जुलूस कलक्ट्रेट तक गया. शिक्षकों ने वहां मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा.

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच वाराणसी के जिलाध्यक्ष शशिकान्त श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती करने, पदोन्नति के पदों को मुहिम चलाकर तीन माह में भरने, कैशलेस इलाज सुविधा जिसका नाम दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस कर्मचारी योजना को अतिशीघ्र लागू करने, फील्ड कर्मचारियों को मोटरसाईकिल भत्ता दिये जाने, संविदा, आउट सोर्सिंग, मानदेय, दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे कार्मिकों को केन्द्र के समान नियमावली बनाकर उत्पीड़न रोकने तथा भविष्य सुरक्षित करने, विभागीय विवाद फोरम को सक्रिय कर अनावश्यक रूप से कर्मचारियों के न्यायालयी विवादों को कम करने की मांग रखी गई.

इसे भी पढ़ें- Ayodhya Ram Leela : दीप प्रज्वलित कर नीलकंठ तिवारी ने अयोध्या की रामलीला का किया शुभारंभ

मंच के जिलाध्यक्ष शशिकांत श्रीवास्तव, जिला संयोजक दिनेश कुमार सिंह, प्रधान महासचिव कैलाशनाथ यादव, चेयरमैन संघर्ष समिति दिनेश सिंह के नेतृत्व में बाइक जुलूस निकला. 11 सूत्री मांगों को लेकर नारे लगाते हुए रैली में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, मनरेगा कर्मचारी संघ, पंचायती राज ग्राम सफाई कर्मचारी संघ, नगर निगम कर्मचारी संघ, जलकल कर्मचारी संघ, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, वाराणसी विकास प्राधिकरण कर्मचारी संघ, शिक्षामित्र, प्राथमिक, संविदा कर्मचारी संघ, वर्कचार्ज दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ, सिंचाई राजस्व अधिकारी संघ, पेंशनर्स एसोसिएशन, जूनियर, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, मदरसा, कई शिक्षक संघ सहित कई संगठनों के लोग शामिल रहे. जिला मुख्यालय पहुंच हुई सभा में शिक्षकों सहित सभी विभागों के कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा हुई.

मेरठ : मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में आज 50 एडिड कॉलेजों के शिक्षण ने धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर प्रमुख रूप से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग की गई. इसके अलावा स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों को पुनः अनुदान सूची पर लिए जाने की मांग की गई. इस दौरान शिक्षकों ने मांग करते हुए जोरदार धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही शिक्षकों ने यूजीसी नियमावली के अनुसार प्रोफेसर पद देने, अधिवर्षिता 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किये जाने की मांग की. इस मौके पर एक ज्ञापन भी कुलपति को धरना दे रहे शिक्षकों की तरफ से सौंपा गया.

धरना दे रहे शिक्षकों का आरोप है कि यूपी में सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है, जबकि यूपी के बाहर के राज्यों में शिक्षकों के हित में सरकार फैंसला ले रही हैं. धरना दे रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के बाहर रिटारमेंट की आयु सीमा 65 वर्ष कर दी गई है, जबकि यूपी के विश्वविद्यालयों में ये उम्र की सीमा 62 वर्ष है. शिक्षकों का आरोप है कि 2005 के बाद के शिक्षकों को पेंशन तक भी नहीं मिलेगी. उन्होंने मांग की है कि सरकार इन सभी मांगों की तरफ गम्भीरता से ध्यान दे, ताकि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रह सके.

इसके अलावा शिक्षकों ने आकस्मिक अवकाश भी बढ़ाए जाने की मांग की. शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर लागू करने, स्ववित्तपोषित शिक्षकों के लिए सीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा की भी मांग समेत तमाम और भी मांगें की गईं. शिक्षकों को शोध में प्रवेश हेतु 10 प्रतिशत सीटों के आरक्षण का शासनादेश, मेडिकल लीव का अलग से प्रावधान, छुट्टियों की कटौती के लिए जारी शासनादेश को निरस्त करने, प्रबन्धन तन्त्र में शिक्षकों की 50 प्रतिशत की भागीदारी तय करने की मांग उठाई.


इस दौरान शिक्षकों द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि अगर सरकार ने जल्द इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो प्रदेश नेतृत्व से जो भी आह्वान होगा उसके आधार पर सभी एडिड शिक्षक एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे व लखनऊ में धरना दिया जाएगा. शिक्षक नेताओं का मानना है कि चूंकि यूपी में अगले वर्ष चुनाव होने हैं, अगर सरकार चाहे तो वो शिक्षकों के हित में निर्णय ले सकती है.

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर वाराणसी में शिक्षकों ने निकाली बाइक रैली

पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों पर सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए शिक्षकों, अन्य विभागों के कर्मचारियों और पेंशनरों ने मंगलवार को बाइक जुलूस निकाला. कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले भारत माता मंदिर से निकला यह जुलूस कलक्ट्रेट तक गया. शिक्षकों ने वहां मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा.

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच वाराणसी के जिलाध्यक्ष शशिकान्त श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती करने, पदोन्नति के पदों को मुहिम चलाकर तीन माह में भरने, कैशलेस इलाज सुविधा जिसका नाम दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस कर्मचारी योजना को अतिशीघ्र लागू करने, फील्ड कर्मचारियों को मोटरसाईकिल भत्ता दिये जाने, संविदा, आउट सोर्सिंग, मानदेय, दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे कार्मिकों को केन्द्र के समान नियमावली बनाकर उत्पीड़न रोकने तथा भविष्य सुरक्षित करने, विभागीय विवाद फोरम को सक्रिय कर अनावश्यक रूप से कर्मचारियों के न्यायालयी विवादों को कम करने की मांग रखी गई.

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मंच के जिलाध्यक्ष शशिकांत श्रीवास्तव, जिला संयोजक दिनेश कुमार सिंह, प्रधान महासचिव कैलाशनाथ यादव, चेयरमैन संघर्ष समिति दिनेश सिंह के नेतृत्व में बाइक जुलूस निकला. 11 सूत्री मांगों को लेकर नारे लगाते हुए रैली में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, मनरेगा कर्मचारी संघ, पंचायती राज ग्राम सफाई कर्मचारी संघ, नगर निगम कर्मचारी संघ, जलकल कर्मचारी संघ, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, वाराणसी विकास प्राधिकरण कर्मचारी संघ, शिक्षामित्र, प्राथमिक, संविदा कर्मचारी संघ, वर्कचार्ज दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ, सिंचाई राजस्व अधिकारी संघ, पेंशनर्स एसोसिएशन, जूनियर, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, मदरसा, कई शिक्षक संघ सहित कई संगठनों के लोग शामिल रहे. जिला मुख्यालय पहुंच हुई सभा में शिक्षकों सहित सभी विभागों के कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा हुई.

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