मेरठः ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बुधवार को मेरठ पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक तरफ तो लव जिहाद पर कानून बनाने की बात हो रही है वहीं दूसरी ओर पीएम खुद आरएसएस नेता की गैर समुदाय के युवक से शादी के समारोह में शिरकत करने पहुंच रहे हैं. शंकराचार्य राज राजेश्वरी मन्दिर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे.
शंकराचार्य ने कहा कि लव जिहाद पर कानून बनाने के बारे में कहा कि यह तो भाजपा की दोहरी नीति है. शंकराचार्य ने कहा कि एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी लव जिहाद का विरोध करने का दम भरती है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ प्रचारक रामलाल की बेटी की शादी में आशीर्वाद देने पहुंचे थे जबकि उनकी बेटी की शादी मुस्लिम युवक से हुई थी.
इस मौके पर शंकराचार्य ने कहा कि दो तरह के हिंदू हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं संघ के मोहन वैद्य ने कहा था कि उत्तर पूर्व के 30 हजार स्वयं सेवक गो मांस खाते हैं. हम किसी के खाने-पीने पर रोक नहीं लगाते. शंकराचार्य ने कहा कि जब तुम्हारे सेवक गाय का मांस भी खाएं, मुसलमानों में में विवाह भी करें, तब भी वह हिंदू, और हम उनसे परहेज करें. दोनों में कैसे बनेगी बात. उन्होंने कहा कि हिंदू दो तरह के हो रहे हैं.
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हम तो सनातनी के आचार्य हैं और सनातनी के ही आचार्य बने रहना चाहते हैं. वह बोले कि हमारा तो यही कहना है कि सभी में परमात्मा को देखो, किसी का अपमान मत करो और अपनी परंपरा और संस्कृति को बनाए रखते हुए संस्कृति का संकरीकरण मत करो.
उन्होंने कहा कि जिसको लव कहते हैं वह अंधा होता है. शादी की उम्र बढ़ने जाने को लेकर कहा कि एक तरफ तो शादी की उम्र सरकार बढ़ा रही है जबकि वहीं दूसरी तरफ उचित कदम भी कोई नहीं उठा रही है. उन्होने कहा कि जब देर से शादी होती है बच्चे बाहर पढ़ने चले जाते हैं. परिवार वाले उन्हें समय नहीं देते हैं. उनको एक साथी की जरूरत पड़ने लगती है, तो वह प्रेम में पड़ जाते हैं. अपोजिट सेक्स के दिलचस्पी बढ़ना स्वभाविक है. वह कहते हैं न प्यार आदमी को अंधा बना देता है. उन्होंने कहा कि प्यार होने से रोकने के लिए योजना बनानी होगी वरना ये होता रहेगा. जब साथ में लड़का-लड़की पढ़ेंगे तो ऐसी परिस्थिति में प्यार हो ही जाएगा.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आदि पुरुष फ़िल्म को लेकर कहा कि फ़िल्म से कुछ अंश हटाने से कुछ नहीं होने वाला है. ऐसी फिल्मों पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के साथ समाज में भी भगवान के प्रति गलत संदेश जा रहा है. उन्होंने मांग की कि ऐसी फिल्मों पर सेंसर बोर्ड रोक लगाए जिससे समाज में नफरत ना फैले.
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