कानपुर: कानपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों ने शहर के पनकी गंगागंज में 1.68 अरब रुपये की जमीनों का फर्जीवाड़ा पकड़ा है. केडीए अफसरों का दावा है कि इतनी अधिक राशि वाली जमीनों का फर्जीवाड़ा पहली बार सामने आया है. शहर के पनकी गंगागंज में 68 कब्जाधारकों ने फर्जी व कूटरचित ढंग से अपने मकानों की रजिस्ट्री करा रखी थी, जो जमीन जांच में पूरी तरह से केडीए की निकली.
केडीए के आला अफसरों ने तहसीलदार व लेखपाल की संयुक्त टीम बनाकर पनकी गंगागंज में 68 मकानों की जांच कराई तो सामने आया सभी मकानों के कागज निजी काश्तकारों (इंद्राज) की मदद से तैयार कराए गए. यह पूरी तरह से फर्जी थे. केडीए के विशेष कार्याधिकारी भूमि बैंक (जोन दो) डॉ. रवि प्रताप सिंह ने बताया, सभी कब्जा धारकों को अब नोटिसें जारी की जाएंगी. केडीए अपनी जमीनों पर कब्जा वापस लेगा. अगर सरकारी काम में किसी ने बाधा का प्रयास किया तो उसके खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी.
कुछ दिनों पहले करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था: केडीए के आला अफसरों ने बताया, कुछ दिनों पहले शहर में बारासिरोही व कल्याणपुर खुर्द में केडीए अफसरों ने 57.93 करोड़ रुपये की जमीनों का फर्जीवाड़ा पकड़ा था. उन जमीनों में भी निजी काश्तकारों की मदद से जिन लोगों ने भूखंड खरीदे थे. उनके कागज फर्जी थे. अब अफसरों ने पूरे शहर में केडीए की सभी जमीनों की दोबारा जांच के आदेश दे दिए हैं.
लैंडबैंक बनेगा और आम लोगों के लिए आएंगी योजनाएं: केडीए वीसी मदन सिंह गर्ब्याल ने कहा कि केडीए को जहां-जहां अब अपनी जमीनें मिल रही हैं, वहां पर लैंड बैंक बनाया जाएगा. इसके बाद केडीए की ओर से इन जमीनों पर योजनाएं लाई जाएंगी. इससे आमजन अपने पसंदीदा भूखंड केडीए से ले सकेंगे. इसके बदले में केडीए को राजस्व मिलेगा.
ये भी पढ़ें- कानपुर में शुद्ध प्लस पान मसाला के मालिक को धमकी, कॉलर बोला- व्यापार ठीक से करना है तो रुपए दे दो, नहीं तो जान से मार दूंगा