मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक बार फिर कोरोना वायरस ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. यहां आए दिन 350 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. जिसके चलते प्रशासन ने मॉस्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए अभियान छेड़ दिया है. यहां पुलिस जगह-जगह जहां बिना मॉस्क लगाए मिलने वाले लोगों का चालान कर जुर्माना वसूल रही है. इसी क्रम में सीओ अरविंद चौरसिया ने बिना मॉस्क लगाए मिलने पर एक गरीब रिक्शा चालक को अनोखी सजा दी है. उन्होंने रिक्शा चालक को सजा के तौर पर कोरोना से बचाव के लिए माइक से मुनादी कर लोगों को जागरूक करने को कहा है.
पुलिस ने चलाया चेकिंग अभियान
पुलिस और जिला प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए अभियान शुरु दिया है. जिले के सभी चौराहों और बाजारों में न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है साथ ही बिना मॉस्क घूमने वालों के खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई भी की जा रही है. इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. बावजूद इसके लोग कोरोना प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
गरीब रिक्शा चालक का कटा अनोखा चालान
सीओ सिटी अरविंद चौरसिया के नेतृत्व में पुलिस टीम कोतवाली इलाके में चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान एक रिक्शा चालक माइक से प्रचार करता हुआ आ गया. सीओ ने रिक्शा चालक को बुलाकर मॉस्क नहीं लगाने का कारण पूछा तो उसने मॉस्क खरीदने से असमर्थता बताई. इसके बाद सीओ ने सबसे पहले उसके लिए मॉस्क उपलब्ध कराया और चालान काटने की बजाए माइक से मुनादी कर लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करने की सजा सुना दी.
माइक से की मुनादी
सजा मिलने पर रिक्शा चालक ने प्रचार करने के साथ कोरोना वायरस से बचाव के लिए मुनादी भी की. शहर के कई हिस्सों में घूमकर उसने मॉस्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने के लिए लोगों को जागरूक किया.
एसएसपी अजय कुमार साहनी ने सीओ साहब की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के लिए जागरूक करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है. हर किसी को आगे आकर मॉस्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए, ताकि पूरे देश को कोरोना महामारी से बचाया जा सके.