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बेजुबानों के दर्द से बेफिक्र सीएम योगी के अफसर, यहां तिल-तिल मरने को मजबूर हैं गोवंश

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बेसहारा गोवंशों को संरक्षित व सुरक्षित करने की योजना को मेरठ में अफसर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. मेरठ नगर निगम की तरफ से पशुओं के उपचार के लिए बनाए गए ट्रॉमा सेंटर में बेजुवान गोवंश पल पल तिल तिल तड़पते देखे जा सकते हैं.

बेजुबानों के दर्द से बेफिक्र सीएम योगी के अफसर
बेजुबानों के दर्द से बेफिक्र सीएम योगी के अफसर
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Published : Oct 31, 2021, 9:51 AM IST

Updated : Oct 31, 2021, 2:31 PM IST

मेरठ: नगर निगम की तरफ से पशुओं के उपचार के लिए बनाए गए ट्रॉमा सेंटर में बेजुबान गोवंश पल पल-तिल तिल तड़पते देखे जा सकते हैं, शहर के ट्रॉमा सेंटर पर बीमारी और भूख से गोवंश मरणासन्न की स्थिति में हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बेसहारा गोवंशों को संरक्षित व सुरक्षित करने की योजना को मेरठ में अफसर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. आलम ये है कि मेरठ में ये ट्रॉमा सेंटर खुद ही बीमार हैं. व्यवस्थाओं की बात की जाए तो यहां सब कुछ अव्यवस्थित है, कुछ भी ठीक नहीं है.

शहर के सूरजकुंड में नगर निगम के द्वारा संचालित ट्रॉमा सेंटर को बनाने के पीछे की मंशा यह थी कि यहां बेजुबान जानवरों को सिर्फ जरूरत के मुताबिक उपचार नहीं बल्कि बेहतर उपचार मिल सके. वहां इलाज हेतु आने वाले गोवंशों के भोजन पानी से लेकर उनके उठने बैठने व खाने पीने के लिए भी तमाम इंतजाम किये गए थे. एक ही छत के नीचे बेसहारा जानवरों को उपचार मिल सकेगा. 24 घंटे डॉक्टर रहेंगे व पशुओं का ठीक से इलाज हो सकेगा. लेकिन मेरठ में ये ट्रॉमा सेंटर खुद ही बीमार हैं. व्यवस्थाओं की बात की जाए तो यहां सब कुछ अव्यवस्थित है, कुछ भी ठीक नहीं है.

यहां तिल-तिल मरने को मजबूर हैं गोवंश

ईटीवी भारत ने इसका रियलिटी चेक किया तो मौके पर 9 गोवंश ट्रॉमा सेंटर में थे, जिनमें से तीन गोवंश आखिरी सांसें गिनते मिले, मौके पर कोई व्यवस्था नहीं थी. इस बारे में जब ईटीवी भारत का कैमरा चला तो नगर निगम के कुछ कर्मचारी जैसे एक्टिव हो गए. इस दौरान ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी देने वाले पशु चिकित्सक बीपी सिंह ने बताया कि उनका काम सिर्फ दवाएं देना और वहां आने वाले गोवंशों का टीकाकरण का कार्य प्रमुख है.

तीन गोवंशों की हालत बुधवार को बेहद ही नाजुक थी. उन्होंने माना कि जिस तरह के हालात हैं ऐसे में उपचार कर पाना मुश्किल होता है, समस्याओं के बारे में उन्होंने बताया कि तमाम परेशानियां इलाज के दौरान सामने आती हैं, लेकिन क्योंकि यहां जिस तरह से बदहाल व्यवस्था है उससे यहां के हालात को समझा जा सकता है. जिले के सीवीओ ने भी मौके पर पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं को परखा.

यह भी पढ़ें- आज सीएम योगी के गढ़ में गरजेंगी प्रियंका, अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करने का दिलाएंगी विश्वास

सीवीओ का भी जवाब एक ही था कि जैसे हालात में वो सेवाएं दे रहे हैं, उनकी परेशानियों का कोई सुनने वाला नहीं है. उन्होंने बताया कि उनकी नगर निगम के अधिकारियों से यहां की व्यवस्थाओं के लिए कई बार चर्चा हो चुकी हैं. जल्द सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा. फिलहाल नगर निगम के अफसर अपना बचाव करते हुए कहते हैं कि ट्रॉमा सेंटर में जो कुछ सुविधा होनी चाहिए वो नहीं हैं, नगर निगम स्वास्थ्य विभाग पर तो स्वास्थ्य विभाग नगर निगम को दोषी मनाकर अपना बचाव करते देखे जा सकते हैं.

मेरठ: नगर निगम की तरफ से पशुओं के उपचार के लिए बनाए गए ट्रॉमा सेंटर में बेजुबान गोवंश पल पल-तिल तिल तड़पते देखे जा सकते हैं, शहर के ट्रॉमा सेंटर पर बीमारी और भूख से गोवंश मरणासन्न की स्थिति में हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक बेसहारा गोवंशों को संरक्षित व सुरक्षित करने की योजना को मेरठ में अफसर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. आलम ये है कि मेरठ में ये ट्रॉमा सेंटर खुद ही बीमार हैं. व्यवस्थाओं की बात की जाए तो यहां सब कुछ अव्यवस्थित है, कुछ भी ठीक नहीं है.

शहर के सूरजकुंड में नगर निगम के द्वारा संचालित ट्रॉमा सेंटर को बनाने के पीछे की मंशा यह थी कि यहां बेजुबान जानवरों को सिर्फ जरूरत के मुताबिक उपचार नहीं बल्कि बेहतर उपचार मिल सके. वहां इलाज हेतु आने वाले गोवंशों के भोजन पानी से लेकर उनके उठने बैठने व खाने पीने के लिए भी तमाम इंतजाम किये गए थे. एक ही छत के नीचे बेसहारा जानवरों को उपचार मिल सकेगा. 24 घंटे डॉक्टर रहेंगे व पशुओं का ठीक से इलाज हो सकेगा. लेकिन मेरठ में ये ट्रॉमा सेंटर खुद ही बीमार हैं. व्यवस्थाओं की बात की जाए तो यहां सब कुछ अव्यवस्थित है, कुछ भी ठीक नहीं है.

यहां तिल-तिल मरने को मजबूर हैं गोवंश

ईटीवी भारत ने इसका रियलिटी चेक किया तो मौके पर 9 गोवंश ट्रॉमा सेंटर में थे, जिनमें से तीन गोवंश आखिरी सांसें गिनते मिले, मौके पर कोई व्यवस्था नहीं थी. इस बारे में जब ईटीवी भारत का कैमरा चला तो नगर निगम के कुछ कर्मचारी जैसे एक्टिव हो गए. इस दौरान ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी देने वाले पशु चिकित्सक बीपी सिंह ने बताया कि उनका काम सिर्फ दवाएं देना और वहां आने वाले गोवंशों का टीकाकरण का कार्य प्रमुख है.

तीन गोवंशों की हालत बुधवार को बेहद ही नाजुक थी. उन्होंने माना कि जिस तरह के हालात हैं ऐसे में उपचार कर पाना मुश्किल होता है, समस्याओं के बारे में उन्होंने बताया कि तमाम परेशानियां इलाज के दौरान सामने आती हैं, लेकिन क्योंकि यहां जिस तरह से बदहाल व्यवस्था है उससे यहां के हालात को समझा जा सकता है. जिले के सीवीओ ने भी मौके पर पहुंचकर वहां की व्यवस्थाओं को परखा.

यह भी पढ़ें- आज सीएम योगी के गढ़ में गरजेंगी प्रियंका, अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करने का दिलाएंगी विश्वास

सीवीओ का भी जवाब एक ही था कि जैसे हालात में वो सेवाएं दे रहे हैं, उनकी परेशानियों का कोई सुनने वाला नहीं है. उन्होंने बताया कि उनकी नगर निगम के अधिकारियों से यहां की व्यवस्थाओं के लिए कई बार चर्चा हो चुकी हैं. जल्द सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा. फिलहाल नगर निगम के अफसर अपना बचाव करते हुए कहते हैं कि ट्रॉमा सेंटर में जो कुछ सुविधा होनी चाहिए वो नहीं हैं, नगर निगम स्वास्थ्य विभाग पर तो स्वास्थ्य विभाग नगर निगम को दोषी मनाकर अपना बचाव करते देखे जा सकते हैं.

Last Updated : Oct 31, 2021, 2:31 PM IST
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