मेरठ: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुरुवार को मेरठ कॉलेज में बंद हॉस्टल को खुलवाने पहुंचे और धरनारत छात्रों के बीच बैठकर धरने को समर्थन (Rakesh Tikait support to students protest) दिया. बता दें कि राकेश टिकैत 26 नवंबर को लखनऊ में होने वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए जाते समय यहां रुके. इस दौरान उन्होंने ईटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कहा कि अब देश में कोई सरकार नहीं है. सरकार न कानून को मानती है न इलेक्शन कमीशन को मानती है. ये तो तानाशाह हैं, ये तो झूठिस्तान के बादशाह हैं.
बीते एक सप्ताह से मेरठ कॉलेज पर छात्रों द्वारा बन्द छात्रावासों को खुलवाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है. गुरुवार शाम को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मेरठ पहुंचे और धरना दे रहे छात्रों के बीच बैठकर उनका समर्थन किया. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राकेत टिकैत ने कहा कि हॉस्टल को बेचने की मंशा की वजह से छात्रों के लिए हॉस्टल के दरवाजे नहीं खोले जा रहे. किसानों के बच्चे दूर दराज से आते हैं लेकिन उनकी तकलीफ से किसी को कोई वास्ता नहीं है.
राकेश टिकैत ने बताया कि 26 नवंबर को देशभर में सभी प्रदेशों की राजधानी में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से महापंचायत की जा रही है. राज्यपाल से मिलकर एमएसपी समेत तमाम मुद्दों को लेकर ज्ञापन देने का कार्यक्रम तय किया है. लखनऊ में भी इको पार्क में महापंचायत होगी.
8 दिसम्बर को दिल्ली में SKM की होगी अहम बैठक
टिकैत ने बताया कि 8 दिसम्बर को संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली में महत्वपूर्ण मीटिंग होगी. जिसमें वे आगे की तैयारी करेंगे. उन्होंने बताया कि पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के लोग आमजन के बीच जाकर उनसे जुड़ने का काम कर रहा है.
देश में नहीं कोई सरकार
राकेश टिकैत ने कहा कि अब देश में कोई सरकार नहीं है. सरकार न कानून को मानती है, न इलेक्शन कमीशन को मानती है. ये तो तानाशाह हैं. ये तो झूठिस्तान के बादशाह हैं.
अग्निवीर क्रांतिवीर बनके लौटेंगे- टिकैत
टिकैत अकसर कहा करते है कि देश को एक मजबूत आंदोलन की जरूरत है. जब ईटीवी भारत ने उनसे इस मुद्दे पर सवाल किया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि आंदोलन की फिर शुरुआत होगी. इस बार छात्र भी लड़ाई लड़ेंगे. अग्निवीर क्रांतिवीर बनके लौटेंगे और वो भी लड़ाई लड़ेंगे. इस आंदोलन में बेरोजगार, दुकान रेहड़ी पटरी वाले भी इस आंदोलन में हिस्सा लेंगे.
टिकैत ने सरकार पर हमलावर करते हुए कहा कि ये जमीनें फ्री में लेंगे. दस साल पुराने ट्रैक्टर बन्द होंगे. 2013 के जो भूमि को लेकर एक्ट बना था, उसमें सरकार ने संसोधन कर दिया और उसका मॉडल एक्ट बना दिया है. उन्होंने कहा कि लखनऊ एयरपोर्ट के लिए सरकार ने जमीन बिना किसी मुआवजे के फ्री में ले ली. सरकार की नजरें जमीन पर हैं.
यह भी पढ़ें: किसान नेता राकेश टिकैत का बयान, बीजेपी झूठिस्तान की बादशाह