मेरठ: जिले में सिर्फ मेरठ सदर विधानसभा ही ऐसी है जहां 2017 में कमल को खिलने से साइकिल ने रोक दिया था. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष औऱ 4 बार के विधायक रहे डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को मेरठ शहर से रफीक ने पटखनी दी थी. इस बार फिर रफीक अंसारी पर समाजवादी पार्टी ने भरोसा जताया है. सपा-रालोद गठबंधन के वो प्रत्याशी हैं.
यह भी पढ़ें : मेरठ में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सपा पर कसा तंज, कहा राजनीति के अपराधीकरण में सपा की प्रमुख भूमिका
शहर सीट गठबंधन की तरफ से सपा के खाते में है. रफीक अंसारी का कहना है कि विकास कराने का काम सरकार का होता है. उन्हें तो जो निधि मिली, उसी से काम करा पाए. सत्ता में भारतीय जनतापार्टी है. इस वजह से वो उतना काम अपनी विधानसभा में चाहकर भी नहीं करा पाए जितना चाहते थे. रफीक अंसारी ने कहा कि इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी से है.
ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में गठबंधन प्रत्याशी रफ़ीक़ अंसारी ने कहा कि उनके घर के दरवाजे सभी के लिए हमेशा खुले रहते हैं. गठबंधन कैंडिडेट रफीक का कहना है कि शहर में विकास उस तरह से नहीं हुआ जिस तरह लोग चाहते थे. वो कहते हैं कि क्योंकि प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार नहीं थी, लिहाजा वो चाहकर भी उतना कुछ विकास नहीं कर पाए.