ETV Bharat / state

मेरठ: छोटे पौधों को ठंड से बचाने के लिए अपनाएं यह तरीका - ठंड का प्रकोप

छोटे पेड़-पौधों पर ठंड का असर सबसे अधिक होता है. ऐसे में पाले की वजह से छोटे पौधे नष्ट हो जाते हैं. वहीं नर्सरी और खेतों में पौधों का प्रबंधन जरूरी है. इस तरह के छोटे पौधों के लिए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को कुछ सलाह भी दी है.

etv bharat
पौधों को ठंड से बचाने के उपाय.
author img

By

Published : Jan 9, 2020, 6:42 PM IST

मेरठ: कड़ाके की ठंड का असर पौधों पर भी पड़ता है. ठंड और पाले के असर से खेतों और नर्सरी में छोटे पेड़-पौधे नष्ट हो जाते हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यदि समय रहते प्रबंधन कर लिया जाए तो किसान पेड़-पौधों में होने वाले नुकसान को बचा सकते हैं.

पौधों को ठंड से बचाने के उपाय.

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से मौसम प्रतिकूल बना हुआ है, उसके चलते इस समय फसलों का रख-रखाव बेहद जरूरी हो गया है. बारिश से फसलों को लाभ जरूर हुआ है, लेकिन अभी आगामी दिनों में पाला फसलों पर और भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. यदि किसान समय रहते प्रबंधन कर लें तो नुकसान से बचा जा सकता है. पपीते की छोटी फसल को इस समय पाले से बचाने की बेहद आवश्यकता है.

इसे भी पढ़ें- यूपी में कड़ाके की ठंड, आज भी बूंदाबांदी के आसार

छोटी पौध को बचाने के लिए यदि किसान उसे पॉली बैग से ढक दें तो उसे पाले से बचाया जा सकता है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के रिसर्च फॉर्म पर किसानों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है. किसानों से कहा गया है कि यदि पाले की शिकायत हो तो छोटे पेड़-पौधों को पॉली बैग से ढक दें या फिर धान की पराली से पौधों को ढक दें.

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. आरएस सेंगर ने बताया कि आजकल जो पॉली बैग बाजार में मौजूद हैं, उनका इस्तेमाल नर्सरी या खेत में खड़े छोटे पेड़-पौधों को ढकने में किया जा सकता है. इसके अलावा पराली से फसलों को बचाया जा सकता है. इस समय पेड़-पौधों को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन बेहद जरूरी है.

मेरठ: कड़ाके की ठंड का असर पौधों पर भी पड़ता है. ठंड और पाले के असर से खेतों और नर्सरी में छोटे पेड़-पौधे नष्ट हो जाते हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यदि समय रहते प्रबंधन कर लिया जाए तो किसान पेड़-पौधों में होने वाले नुकसान को बचा सकते हैं.

पौधों को ठंड से बचाने के उपाय.

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से मौसम प्रतिकूल बना हुआ है, उसके चलते इस समय फसलों का रख-रखाव बेहद जरूरी हो गया है. बारिश से फसलों को लाभ जरूर हुआ है, लेकिन अभी आगामी दिनों में पाला फसलों पर और भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. यदि किसान समय रहते प्रबंधन कर लें तो नुकसान से बचा जा सकता है. पपीते की छोटी फसल को इस समय पाले से बचाने की बेहद आवश्यकता है.

इसे भी पढ़ें- यूपी में कड़ाके की ठंड, आज भी बूंदाबांदी के आसार

छोटी पौध को बचाने के लिए यदि किसान उसे पॉली बैग से ढक दें तो उसे पाले से बचाया जा सकता है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के रिसर्च फॉर्म पर किसानों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है. किसानों से कहा गया है कि यदि पाले की शिकायत हो तो छोटे पेड़-पौधों को पॉली बैग से ढक दें या फिर धान की पराली से पौधों को ढक दें.

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. आरएस सेंगर ने बताया कि आजकल जो पॉली बैग बाजार में मौजूद हैं, उनका इस्तेमाल नर्सरी या खेत में खड़े छोटे पेड़-पौधों को ढकने में किया जा सकता है. इसके अलावा पराली से फसलों को बचाया जा सकता है. इस समय पेड़-पौधों को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन बेहद जरूरी है.

Intro:मेरठ: छोटे पेड़ पौधों को ठंड से बचाने के लिए अपनाए ये तरीका

सर्दी के मौसम में छोटे पेड़ पौधों पर ठंड का असर सबसे अधिक होता है। पाले की वजह से छोटे पौधे नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में नर्सरी और खेतों में पौधों का प्रबंधन जरूरी है।

मेरठ। कड़ाके की ठंड का असर पौधों पर भी होता है। ठंड और पाले के असर से खेतों में और नर्सरी में खड़े छोटे पेड़ पौधे नष्ट हो जाते हैं। जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि समय रहते प्रबंधन कर लिया जाए तो किसान पेड़ पौधों में होने वाले नुकसान को बचा सकते हैं।




Body:कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से मौसम प्रतिकूल बना हुआ है, उसके चलते इस समय फसलों का रखरखाव बेहद जरूरी हो गया है। बारिश से फसलों को जरूर लाभ हुआ है लेकिन अभी आगामी दिनों में पाला फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में यदि किसान समय रहते प्रबंधन कर ले तो नुकसान से बचा जा सकता है। पपीते की छोटी फसल को इस समय पाले से बचाने की बेहद आवश्यकता है। छोटी पौध को बचाने के लिए यदि किसान उसे पाली बैग से ढक दें तो उसे पाले से बचाया जा सकता है। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विद्यालय के रिसर्च फॉर्म पर किसानों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है। किसानों से कहा गया है कि यदि पाला दिखाई दे तो छोटे पेड़ पौधों को पाली बैग से ढक दें या फिर धान की पराली से पौधों को ढक दें। पौधों को ढकने से पौधों पर असर नहीं होगा।




Conclusion:सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ आर एस सेंगर ने बताया कि आजकल जो पाली बैग बाजार में मौजूद है, उनका इस्तेमाल नर्सरी या खेत में खड़े छोटे पेड़ पौधों को ढकने में किया जा सकता है। इसके अलावा पराली से फसलों को बचाया जा सकता है। इस समय पेड़ पौधों को सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन बेहद जरूरी है।

बाइट- डॉ आरएस सेंगर, प्रोफेसर कृषि विश्वविद्यालय

अजय चौहान
9897799794
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.