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ब्लैक फंगस : बढ़ रही मरीजों की संख्या, मेरठ में महिला की मौत

यूपी के मेरठ में शुक्रवार शाम ब्लैक फंगस संक्रमित महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस से कुल चार लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 76 लोगों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है.

मेरठ में महिला की मौत
मेरठ में महिला की मौत
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Published : May 15, 2021, 10:22 AM IST

मेरठ: कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस की बीमारी ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है. कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें ब्लैक फंगस नाम की बीमारी से दो चार होना पड़ रहा है. जिसमें कई लोग अपनी आंख की रोशनी गंवा बैठे हैं. वहीं मेरठ में एक महिला ने ब्लैक फंगस की वजह से दम तोड़ दिया है. हाल ही में इस महिला ने कोरोना से तो जंग जीत ली थी.

राजधानी लखनऊ समेत तीन शहरों में ब्लैक फंगस से 4 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. लखनऊ और मेरठ में एक-एक और झांसी में दो ब्लैक फंगस पीड़ितों की मौत से शासन प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. सरकारी एवं प्राइवेट कोविड अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. जहां कई की हालत गंभीर बनी है. स्वास्थ्य विभाग सभी अस्पतालों एवं ईएनटी क्लीनिकों से ब्लैक फंगस के लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी जुटाकर सूची बना रहा है.

ब्लैक फंगस में जिले में पहली मौत
शुक्रवार को मेरठ के न्यूटिमा में भर्ती मुजफ्फरनगर निवासी एक मरीज की ब्लैक फंगस से मौत हो गई. जबकि एक मरीज की आंख खराब हो गई है. जिसके चलते डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मरीज की आंख निकालनी पड़ी. मेरठ जिले में अब तक 12 से ज्यादा मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है. मेडिकल कॉलेज से दो मरीजों को दिल्ली के लिए रेफर किया गया है. जबकि कई मरीज मेडिकल कॉलेज और न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती हैं.

जानिए क्यों होता है ब्लैक फंगस
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि म्यूकरमाइकोसिस नामक फंगस वातावरण में हमेशा रहता है. इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों को अपना शिकार बना रहा है. ब्लैक फंगस एक खतरनाक बीमारी है, जो गंभीर एवं कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों पर हावी हो रही है. डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के मुताबिक, लंबे समय तक आइसीयू में भर्ती रहने, स्टेरायड खाने एवं अनियंत्रित शुगर वाले मरीजों में ब्लैक फंगस मिल रहा है. ब्लैक फंगस की चपेट में आने वाले कुछ मरीजों की आंखों की पुतली घूमना बंद कर देती है. कुछ मरीजों की चेहरे की नसें ठंडा-गरम का अहसास नहीं कर पाती हैं.

ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ रही संख्या
ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक सिंह का कहना है कि वे पिछले एक सप्ताह में ब्लैक फंगस के 15 से ज्यादा मरीज देख चुके हैं. ब्लैक फंगस की चपेट में ज्यादातर ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनका शुगर लेवल 400 तक पहुंच जाता है. साथ ही वे लंबे समय तक स्टेरायड खा चुके हैं. डॉ. अभिषेक के मुताबिक, ब्लैक फंगस के मरीज पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भी मिले थे, लेकिन इस बार ऐसे मरीजों के संख्या बढ़ती जा रही है. अगर समय पर सही इलाज और ऑपरेशन नहीं होता है तो मरीज की आंख खराब होने के साथ ही मौत भी हो सकती है.

प्रदेश में 4 मरीजों की मौत
उत्तर प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 76 मरीज मिल चुके हैं. वहीं चार मरीजों की मौत हो चुकी है. लखनऊ के लोहिया संस्थान की होल्डि‍ंग एरिया में एक महिला की ब्लैक फंगस के चलते मौत हो गई. कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद आंख व नाक में सूजन होने पर सोमवार को महिला को लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था.

वहीं झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती ब्लैक फंगस के दो मरीजों ने भी दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि मंगलवार को एमआरआई जाच में पांच मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई थी. दो मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

मेरठ: कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस की बीमारी ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है. कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें ब्लैक फंगस नाम की बीमारी से दो चार होना पड़ रहा है. जिसमें कई लोग अपनी आंख की रोशनी गंवा बैठे हैं. वहीं मेरठ में एक महिला ने ब्लैक फंगस की वजह से दम तोड़ दिया है. हाल ही में इस महिला ने कोरोना से तो जंग जीत ली थी.

राजधानी लखनऊ समेत तीन शहरों में ब्लैक फंगस से 4 मरीजों की मौत भी हो चुकी है. लखनऊ और मेरठ में एक-एक और झांसी में दो ब्लैक फंगस पीड़ितों की मौत से शासन प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. सरकारी एवं प्राइवेट कोविड अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. जहां कई की हालत गंभीर बनी है. स्वास्थ्य विभाग सभी अस्पतालों एवं ईएनटी क्लीनिकों से ब्लैक फंगस के लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी जुटाकर सूची बना रहा है.

ब्लैक फंगस में जिले में पहली मौत
शुक्रवार को मेरठ के न्यूटिमा में भर्ती मुजफ्फरनगर निवासी एक मरीज की ब्लैक फंगस से मौत हो गई. जबकि एक मरीज की आंख खराब हो गई है. जिसके चलते डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मरीज की आंख निकालनी पड़ी. मेरठ जिले में अब तक 12 से ज्यादा मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है. मेडिकल कॉलेज से दो मरीजों को दिल्ली के लिए रेफर किया गया है. जबकि कई मरीज मेडिकल कॉलेज और न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती हैं.

जानिए क्यों होता है ब्लैक फंगस
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि म्यूकरमाइकोसिस नामक फंगस वातावरण में हमेशा रहता है. इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों को अपना शिकार बना रहा है. ब्लैक फंगस एक खतरनाक बीमारी है, जो गंभीर एवं कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों पर हावी हो रही है. डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार के मुताबिक, लंबे समय तक आइसीयू में भर्ती रहने, स्टेरायड खाने एवं अनियंत्रित शुगर वाले मरीजों में ब्लैक फंगस मिल रहा है. ब्लैक फंगस की चपेट में आने वाले कुछ मरीजों की आंखों की पुतली घूमना बंद कर देती है. कुछ मरीजों की चेहरे की नसें ठंडा-गरम का अहसास नहीं कर पाती हैं.

ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ रही संख्या
ईएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक सिंह का कहना है कि वे पिछले एक सप्ताह में ब्लैक फंगस के 15 से ज्यादा मरीज देख चुके हैं. ब्लैक फंगस की चपेट में ज्यादातर ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनका शुगर लेवल 400 तक पहुंच जाता है. साथ ही वे लंबे समय तक स्टेरायड खा चुके हैं. डॉ. अभिषेक के मुताबिक, ब्लैक फंगस के मरीज पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भी मिले थे, लेकिन इस बार ऐसे मरीजों के संख्या बढ़ती जा रही है. अगर समय पर सही इलाज और ऑपरेशन नहीं होता है तो मरीज की आंख खराब होने के साथ ही मौत भी हो सकती है.

प्रदेश में 4 मरीजों की मौत
उत्तर प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 76 मरीज मिल चुके हैं. वहीं चार मरीजों की मौत हो चुकी है. लखनऊ के लोहिया संस्थान की होल्डि‍ंग एरिया में एक महिला की ब्लैक फंगस के चलते मौत हो गई. कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद आंख व नाक में सूजन होने पर सोमवार को महिला को लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था.

वहीं झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती ब्लैक फंगस के दो मरीजों ने भी दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि मंगलवार को एमआरआई जाच में पांच मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई थी. दो मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

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