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7 जून के बाद नहीं अपडेट हुई सरकारी मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट - पीकू वार्ड

विशेषज्ञ, कोरोना की तीसरी लहर को भी घातक बता रहे हैं. इसको लेकर शासन प्रशासन सजग नजर आ रहा है. साथ ही सरकार ने भी तीसरी लहर को लेकर प्रशासन से सक्रिय भूमिका निभाते हुए तैयारियां करने के लिए कहा है, ताकि बच्चों को इस लहर से बचाया जा सके. मगर पश्चिम उत्तर प्रदेश के एकमात्र मेडिकल कॉलेज में सरकारी वेबसाइट 7 जून के बाद बेड की स्थिति के बारे में अपडेट नहीं किया गया, क्योंकि वेबसाइट पर अभी भी 400 बेड में से 379 बेड खाली दिख रहे हैं और अन्य पर मरीज दर्शाए जा रहे हैं. जबकि वार्ड में मरीजों की संख्या शून्य है और सभी 400 बेड खाली है.

नहीं अपडेट हुई सरकारी मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट
नहीं अपडेट हुई सरकारी मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट
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Published : Jul 15, 2021, 8:25 PM IST

मेरठ: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरीजों को अस्पताल में बेड तक उपलब्ध नहीं हो पाए थे. इतना नहीं ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर त्राहि-त्राहि मच गई थी. इन्हीं बातों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी हॉस्पिटलों को ऑनलाइन कर दिया था. ताकि प्रत्येक हॉस्पिटल की बेड की व्यवस्था के बारे में तीमारदारों को पता चल सके. मरीजों को भर्ती करने में तीमादारदार को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो. शासन के निर्देश के बाद अस्पतालों ने नियमों का अच्छे से पालन किया, लेकिन अब यह व्यवस्था धराशाई होती दिख रही है.

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स्वास्थ सेवा में प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो सरकार के डर की वजह से प्राइवेट अस्पताल कोविड बेड की स्थिति को ऑनलाइन सार्वजनिक कर रहे हैं. वहीं, सरकारी स्वास्थ्य महकमे में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की बात की जाए तो 7 जून के पश्चात इसकी वेबसाइट पर कोविड-19 की नई जानकारी को अपलोड नहीं किया गया है. पश्चिम उत्तर प्रदेश के एकमात्र मेडिकल कॉलेज की सरकारी वेबसाइट https://meerut.nic.in/ को 7 जून के बाद बेड की स्थिति के बारे में अपडेट नहीं किया गया. वेबसाइट पर अभी भी 400 बेड में से 379 बेड खाली हैं और अन्य पर मरीज दर्शाए जा रहे हैं. जबकि वार्ड में मरीजों की संख्या शून्य है और सभी 400 बेड खाली है.

यह भी पढ़ें- मेरठ में तीसरी लहर की आशंका को लेकर हाई अलर्ट, जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे 100 से ज्यादा सैंपल



गौरतलब हो कि विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को भी घातक बता रहे हैं. इसलिए शासन प्रशासन से सक्रिय भूमिका निभाते हुए तैयारियां करने के लिए कहा है, ताकि बच्चों को इस लहर से बचाया जा सके. इसके लिए मेडिकल कॉलेज में 110 बेड का आधुनिक पीकू वार्ड बनाया गया है. वहीं, गौर करे तो तकनीकी समस्या की वजह या किसी और कारणवश आईडी में कोई दिक्कत होती है तो आकड़ों को थोड़ा विलंब से अपडेट किया जा सकता है, मगर जिस प्रकार से अभी के हालात देखने को मिल रहे हैं अगर इसी तरीके से व्यवस्थाएं अपडेट करने में लापरवाही रही तो आने वाले समय में क्या हालात होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

मेरठ: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरीजों को अस्पताल में बेड तक उपलब्ध नहीं हो पाए थे. इतना नहीं ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर त्राहि-त्राहि मच गई थी. इन्हीं बातों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी हॉस्पिटलों को ऑनलाइन कर दिया था. ताकि प्रत्येक हॉस्पिटल की बेड की व्यवस्था के बारे में तीमारदारों को पता चल सके. मरीजों को भर्ती करने में तीमादारदार को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो. शासन के निर्देश के बाद अस्पतालों ने नियमों का अच्छे से पालन किया, लेकिन अब यह व्यवस्था धराशाई होती दिख रही है.

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स्वास्थ सेवा में प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो सरकार के डर की वजह से प्राइवेट अस्पताल कोविड बेड की स्थिति को ऑनलाइन सार्वजनिक कर रहे हैं. वहीं, सरकारी स्वास्थ्य महकमे में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की बात की जाए तो 7 जून के पश्चात इसकी वेबसाइट पर कोविड-19 की नई जानकारी को अपलोड नहीं किया गया है. पश्चिम उत्तर प्रदेश के एकमात्र मेडिकल कॉलेज की सरकारी वेबसाइट https://meerut.nic.in/ को 7 जून के बाद बेड की स्थिति के बारे में अपडेट नहीं किया गया. वेबसाइट पर अभी भी 400 बेड में से 379 बेड खाली हैं और अन्य पर मरीज दर्शाए जा रहे हैं. जबकि वार्ड में मरीजों की संख्या शून्य है और सभी 400 बेड खाली है.

यह भी पढ़ें- मेरठ में तीसरी लहर की आशंका को लेकर हाई अलर्ट, जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे 100 से ज्यादा सैंपल



गौरतलब हो कि विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को भी घातक बता रहे हैं. इसलिए शासन प्रशासन से सक्रिय भूमिका निभाते हुए तैयारियां करने के लिए कहा है, ताकि बच्चों को इस लहर से बचाया जा सके. इसके लिए मेडिकल कॉलेज में 110 बेड का आधुनिक पीकू वार्ड बनाया गया है. वहीं, गौर करे तो तकनीकी समस्या की वजह या किसी और कारणवश आईडी में कोई दिक्कत होती है तो आकड़ों को थोड़ा विलंब से अपडेट किया जा सकता है, मगर जिस प्रकार से अभी के हालात देखने को मिल रहे हैं अगर इसी तरीके से व्यवस्थाएं अपडेट करने में लापरवाही रही तो आने वाले समय में क्या हालात होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

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