मेरठ: जिले में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान योजना को निजी अस्पताल पलीता लगा रहे हैं. इस योजना में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. इसी कड़ी में जिले के अधिकारियों ने शहर के अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की.
इस बैठक में योजना के तहत इलाज कराने वाले पात्रों की जांच के बाद ही उन्हें योजना का लाभ देने के निर्देश दिया गया. इसी के साथ इस घोटाले में संदेह के दायरे में आए शहर के 61 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए गए.
- साल 2011 में हुई जनगणना को आधार बनाते हुए आयुष्मान योजना के लिए पात्रों का चयन किया गया था.
- अस्पताल और जनसेवा केंद्रों की मिलीभगत से अपात्र लोगों ने भी कार्ड बनवा लिए.
- कुछ दिन पहले योजना में हुए करोड़ों के घोटाले का खुलासा हुआ था.
- जिले के 61 अस्पताल जांच के दायरे में आ गए हैं.
- इस सिलसिले में जिला मुख्यालय परिसर में सास्थ्य विभाग के साथ बैठक की गई.
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जांच के दायरे में आए 61 अस्पतालों में से किसी को भी दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आने वाले समय में इसमें और सुधार की जाएगी, जिससे योजना का लाभ सिर्फ उचित पात्र ही उठा सकें.
-डॉक्टर राजकुमार, सीएमओ