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मेरठ: आयुष्मान योजना को पलीता लगा रहे हैं निजी अस्पताल, जांच के आधार पर होगी कार्रवाई - आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पताल लूट मचाने में जुटे हुए हैं. इस सिलसिले में अधिकारियों ने बैठक कर संदेह के दायरे में आए शहर के 61 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं.

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61 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत.
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Published : Dec 1, 2019, 9:27 AM IST

मेरठ: जिले में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान योजना को निजी अस्पताल पलीता लगा रहे हैं. इस योजना में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. इसी कड़ी में जिले के अधिकारियों ने शहर के अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की.

इस बैठक में योजना के तहत इलाज कराने वाले पात्रों की जांच के बाद ही उन्हें योजना का लाभ देने के निर्देश दिया गया. इसी के साथ इस घोटाले में संदेह के दायरे में आए शहर के 61 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए गए.

61 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत.
  • साल 2011 में हुई जनगणना को आधार बनाते हुए आयुष्मान योजना के लिए पात्रों का चयन किया गया था.
  • अस्पताल और जनसेवा केंद्रों की मिलीभगत से अपात्र लोगों ने भी कार्ड बनवा लिए.
  • कुछ दिन पहले योजना में हुए करोड़ों के घोटाले का खुलासा हुआ था.
  • जिले के 61 अस्पताल जांच के दायरे में आ गए हैं.
  • इस सिलसिले में जिला मुख्यालय परिसर में सास्थ्य विभाग के साथ बैठक की गई.

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट का आदेश, अब किराए के भवनों में चल सकेंगे प्राइमरी स्कूल

जांच के दायरे में आए 61 अस्पतालों में से किसी को भी दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आने वाले समय में इसमें और सुधार की जाएगी, जिससे योजना का लाभ सिर्फ उचित पात्र ही उठा सकें.
-डॉक्टर राजकुमार, सीएमओ

मेरठ: जिले में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान योजना को निजी अस्पताल पलीता लगा रहे हैं. इस योजना में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है. इसी कड़ी में जिले के अधिकारियों ने शहर के अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की.

इस बैठक में योजना के तहत इलाज कराने वाले पात्रों की जांच के बाद ही उन्हें योजना का लाभ देने के निर्देश दिया गया. इसी के साथ इस घोटाले में संदेह के दायरे में आए शहर के 61 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए गए.

61 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत.
  • साल 2011 में हुई जनगणना को आधार बनाते हुए आयुष्मान योजना के लिए पात्रों का चयन किया गया था.
  • अस्पताल और जनसेवा केंद्रों की मिलीभगत से अपात्र लोगों ने भी कार्ड बनवा लिए.
  • कुछ दिन पहले योजना में हुए करोड़ों के घोटाले का खुलासा हुआ था.
  • जिले के 61 अस्पताल जांच के दायरे में आ गए हैं.
  • इस सिलसिले में जिला मुख्यालय परिसर में सास्थ्य विभाग के साथ बैठक की गई.

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जांच के दायरे में आए 61 अस्पतालों में से किसी को भी दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आने वाले समय में इसमें और सुधार की जाएगी, जिससे योजना का लाभ सिर्फ उचित पात्र ही उठा सकें.
-डॉक्टर राजकुमार, सीएमओ

Intro:मेरठ


केंद्र सरकार की आयुष्मान यौजना को पलीता लगा रहे हैं निजी अस्पताल,


गरीबो के लीए शुरू की गई यौजना का लाभ अमीर ले रहे है,


सफेदपोश लोगो का ये काला कारोबार फलफूल रहा है,


आज बचत भवन में इन मुद्दों पर चर्चा में शामिल रहे डीएम,सीएमओ,सांसद, सीडीओ ,




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मेरठ। गरीबों के उद्धार के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी 'आयुष्मान योजना' में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। आज इसी कड़ी में जिले के अधिकारियों ने शहर के अस्पताल संचालकों के साथ बैठक करते हुए निकट भविष्य में इस योजना के तहत इलाज कराने वाले पात्रों की जांच के बाद ही उन्हें योजना का लाभ देने के निर्देश दिए। इसी के साथ इस घोटाले में संदेह के दायरे में आए शहर के 61 अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही के संकेत दिए हैं।

बताते चलें कि वर्ष 2011 में हुई जनगणना को आधार बनाते हुए आयुष्मान योजना के लिए पात्रों का चयन किया गया था। मगर कुछ अस्पताल और जनसेवा केंद्रों की मिलीभगत से ऐसे व्यक्तियों ने भी इस योजना के तहत अपने कार्ड बनवाए, जो हकीकत में पात्रता के मानकों पर खरे नहीं उतरते थे। कुछ दिन पहले योजना में हुए करोड़ों के घोटाले का खुलासा होने के बाद इसमें मिलीभगत के आरोपी 61 अस्पताल जांच के दायरे में आ गए हैं। निकट भविष्य में कोई इस योजना का गलत लाभ न उठा सके इसके लिए आज जिला मुख्यालय परिसर में विभिन्न अस्पताल संचालकों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल, जिलाधिकारी अनिल धींगरा और सीएमओ डॉ राजकुमार ने बैठक में शामिल सभी अस्पताल संचालकों को निकट भविष्य में योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के सभी कागजात सही तरीके से जांचे जाने के निर्देश दिए। सीएमओ डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि जांच के दायरे में आए 61 अस्पतालों में से किसी को भी दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उधर, सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने योजना में हुए फर्जीवाड़े को स्वीकारते हुए आने वाले समय में इसमें सुधार की बात कही है। जिससे योजना का लाभ सिर्फ उचित पात्र ही उठा सकें।





Conclusion:
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