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अनोखी मिसाल: मुस्लिम परिवार ने शिव मंदिर को सौंपा जमीन का वसीयतनामा

मेरठ के एक मुस्लिम परिवार ने न सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की अनोखी मिशाल पेश की है, बल्कि कट्टरपंथियों के मुंह पर तमाचा मारा है. थाना लिसाड़ीगेट इलाके के इस मुस्लिम परिवार ने पूर्वजों के वादे को पूरा करते हुए जमीन का वसीयतनामा शिव मंदिर समीति को सौंप दिया है. जानिए क्या है पूरा मामला-

शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद एक दूसरे का मुंह मिठा कराते परिजन.
शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद एक दूसरे का मुंह मिठा कराते परिजन.
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Published : Nov 17, 2020, 8:55 AM IST

मेरठ : एक ओर जहां कट्टरपंथी लोग देश और समाज को हिंसा की आग में झोंकने के लिए बयानबाजी करते रहते हैं. वहीं मेरठ के एक मुस्लिम परिवार ने न सिर्फ हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की अनोखी मिशाल पेश की है बल्कि कट्टरपंथियों के मुंह पर तमाचा मारने का काम किया है. थाना लिसाड़ीगेट इलाके के इस मुस्लिम परिवार ने पूर्वजों के वादे को पूरा करते हुए जमीन का वसीयतनामा शिव मंदिर समीति को सौंप दिया है. जिससे मंदिर की देखरेख को लेकर वर्षों से चले आ रहे विवाद को भी विराम लगा दिया है. मुस्लिम परिवार के इस फैसले की चारों ओर खूब तारीफ हो रही है. मंदिर के नाम जमीन देने पर मुस्लिम परिवार की हर कोई सराहना कर रहा है.

शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.
शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.

1976 में मुस्लिम परिवार ने मंदिर को दी थी 200 गज जमीन

आपको बता दें कि थाना लिसाड़ी गेट इलाके के शकूरनगर निवासी काशिफ के दादा काशिफ अली के मरहूम दादा कासिम अली ने थाना ब्रह्मपुरी इलाके इंद्रानगर नंदी चौंक पर करीब 44 साल पहले वर्ष 1976 में पुस्तैनी जमीन में से 200 गज जमीन मौखिक रूप से शिव मंदिर को देने की घोषणा की थी. जहां सनातन धर्म प्रेमियों ने शिव मंदिर का निर्माण कराया था. सनातन धर्म के लोग शिव मंदिर में प्रतिदिन पूजा-पाठ कर रहे थे. दोनों धर्मो के लोगों में आपसी भाईचारा और सदभाव बना हुआ था. हर कोई एक दूसरे के सुख दुख में काम आते थे.

मुस्लिम परिवार
मुस्लिम परिवार

मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों से शिव मंदिर में पूजा पाठ और देखरेख को लेकर दो पक्षों में विवाद चला रहा था. दोनों पक्ष मंदिर पर अपना अपना हक जता रहे थे. दोनों पक्षों की इस हरकत से स्थानीय लोग आपत्ति जता रहे थे. मंदिर समिति बनाने के लिए जमीन के मालिक का वसीयतनामा और शपथ पत्र की आवश्यकता का मामला जमीन के मालिक (दान देने वाले) स्व. कासिम अली के परिवार के संज्ञान में आया. जिसके बाद उन्होंने मंदिर की देखरेख करने वाली एक समिति को उचित मानते हुए दिवाली के दिन जमीन का वसीयतनामा सौंप दिया. जिससे मंदिर जैसी पवित्र स्थान को लेकर चला आ रहा सालो पुराने विवाद पर विराम लग गया.

शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद एक दूसरे का मुंह मिठा कराते परिजन.
शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद एक दूसरे का मुंह मिठा कराते परिजन.

हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की हो रही सराहना

शकूरनगर निवासी काशिफ अली बॉलीवुड एक्टर हैं. लॉकडाउन के दौरान खुलेआम बाजार खोलने वाली एक वीडियो जारी करने पर सुर्खियों में आए थे. कासिफ अली के परिजनों ने बड़े बुजुर्गों द्वारा मंदिर के लिए दान में दी गई जमीन को कानूनी रूप से अमलीजामा पहनाने का काम किया है. उन्होंने 44 साल बाद अपने दादा की बात रखते हुए जमीन का वसीयतनामा शिव मंदिर समिति को सौंप दिया है. जिसकी जिले भर में जमकर तारीफ हो रही है. मुस्लिम परिवार के इस अनूठे फैसले से सांप्रदायिक सौहार्द के साथ सालों के विवाद पर भी विराम लग गया.

शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.
शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.

हिन्दू समाज ने परिवार का किया सम्मान

हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करने वाले कासिफ अली के परिवार का हिन्दू समाज ने न सिर्फ सम्मान किया है, बल्कि उनके इस कार्य की खूब प्रसंशा की जा रही है. सोमवार को हिन्दू समाज और शिव मंदिर समिति ने काशिफ अली, उनके पिता साजिद अली और चाचा हाजी आसिम अली को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस मौके पर मुस्लिम परिवार ने कहा कि उनके दादा ने मंदिर निर्माण के लिए जो जमीन दी थी, आज वह पूरी तरह मंदिर के नाम कर दी गई है. ईश्वर, अल्लाह एक ही हैं बस आपस में भाईचारा और आपसी सौहार्द बना रहना चाहिए.

मेरठ : एक ओर जहां कट्टरपंथी लोग देश और समाज को हिंसा की आग में झोंकने के लिए बयानबाजी करते रहते हैं. वहीं मेरठ के एक मुस्लिम परिवार ने न सिर्फ हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की अनोखी मिशाल पेश की है बल्कि कट्टरपंथियों के मुंह पर तमाचा मारने का काम किया है. थाना लिसाड़ीगेट इलाके के इस मुस्लिम परिवार ने पूर्वजों के वादे को पूरा करते हुए जमीन का वसीयतनामा शिव मंदिर समीति को सौंप दिया है. जिससे मंदिर की देखरेख को लेकर वर्षों से चले आ रहे विवाद को भी विराम लगा दिया है. मुस्लिम परिवार के इस फैसले की चारों ओर खूब तारीफ हो रही है. मंदिर के नाम जमीन देने पर मुस्लिम परिवार की हर कोई सराहना कर रहा है.

शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.
शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.

1976 में मुस्लिम परिवार ने मंदिर को दी थी 200 गज जमीन

आपको बता दें कि थाना लिसाड़ी गेट इलाके के शकूरनगर निवासी काशिफ के दादा काशिफ अली के मरहूम दादा कासिम अली ने थाना ब्रह्मपुरी इलाके इंद्रानगर नंदी चौंक पर करीब 44 साल पहले वर्ष 1976 में पुस्तैनी जमीन में से 200 गज जमीन मौखिक रूप से शिव मंदिर को देने की घोषणा की थी. जहां सनातन धर्म प्रेमियों ने शिव मंदिर का निर्माण कराया था. सनातन धर्म के लोग शिव मंदिर में प्रतिदिन पूजा-पाठ कर रहे थे. दोनों धर्मो के लोगों में आपसी भाईचारा और सदभाव बना हुआ था. हर कोई एक दूसरे के सुख दुख में काम आते थे.

मुस्लिम परिवार
मुस्लिम परिवार

मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों से शिव मंदिर में पूजा पाठ और देखरेख को लेकर दो पक्षों में विवाद चला रहा था. दोनों पक्ष मंदिर पर अपना अपना हक जता रहे थे. दोनों पक्षों की इस हरकत से स्थानीय लोग आपत्ति जता रहे थे. मंदिर समिति बनाने के लिए जमीन के मालिक का वसीयतनामा और शपथ पत्र की आवश्यकता का मामला जमीन के मालिक (दान देने वाले) स्व. कासिम अली के परिवार के संज्ञान में आया. जिसके बाद उन्होंने मंदिर की देखरेख करने वाली एक समिति को उचित मानते हुए दिवाली के दिन जमीन का वसीयतनामा सौंप दिया. जिससे मंदिर जैसी पवित्र स्थान को लेकर चला आ रहा सालो पुराने विवाद पर विराम लग गया.

शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद एक दूसरे का मुंह मिठा कराते परिजन.
शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद एक दूसरे का मुंह मिठा कराते परिजन.

हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की हो रही सराहना

शकूरनगर निवासी काशिफ अली बॉलीवुड एक्टर हैं. लॉकडाउन के दौरान खुलेआम बाजार खोलने वाली एक वीडियो जारी करने पर सुर्खियों में आए थे. कासिफ अली के परिजनों ने बड़े बुजुर्गों द्वारा मंदिर के लिए दान में दी गई जमीन को कानूनी रूप से अमलीजामा पहनाने का काम किया है. उन्होंने 44 साल बाद अपने दादा की बात रखते हुए जमीन का वसीयतनामा शिव मंदिर समिति को सौंप दिया है. जिसकी जिले भर में जमकर तारीफ हो रही है. मुस्लिम परिवार के इस अनूठे फैसले से सांप्रदायिक सौहार्द के साथ सालों के विवाद पर भी विराम लग गया.

शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.
शिव मंदिर के लिए जमीन का वसीयतनामा सौंपने के बाद जश्न मनाते परिजन.

हिन्दू समाज ने परिवार का किया सम्मान

हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करने वाले कासिफ अली के परिवार का हिन्दू समाज ने न सिर्फ सम्मान किया है, बल्कि उनके इस कार्य की खूब प्रसंशा की जा रही है. सोमवार को हिन्दू समाज और शिव मंदिर समिति ने काशिफ अली, उनके पिता साजिद अली और चाचा हाजी आसिम अली को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस मौके पर मुस्लिम परिवार ने कहा कि उनके दादा ने मंदिर निर्माण के लिए जो जमीन दी थी, आज वह पूरी तरह मंदिर के नाम कर दी गई है. ईश्वर, अल्लाह एक ही हैं बस आपस में भाईचारा और आपसी सौहार्द बना रहना चाहिए.

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