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शहादत के दर्जे के साथ तमाम सुविधाएं दिलाने की मांग पर अड़े ग्रामीण

मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र स्थित छुछाई निवासी सीआरपीएफ जवान की संदिग्ध अवस्था में गोली लगने से मौत हो गई थी. जवान के परिजनों ने मांगों के चलते जवान के पार्थिव शरीर को घर पर रखा है. परिजनों की मांग है कि सोमपाल की मृत्यु को शहीद का दर्जा मिले. साथ ही उनके परिवार को वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जो एक शहीद को दी जाती हैं.

पार्थिव शरीर के पास विलाप करती पत्नी नीतू
पार्थिव शरीर के पास विलाप करती पत्नी नीतू
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Published : Feb 27, 2021, 11:05 PM IST

मेरठ : किठौर थाना क्षेत्र के छुछाई निवासी सीआरपीएफ के जवान की संदिग्ध अवस्था में गोली लगने से मौत हो गई थी. मामले में जवान के परिजनों ने मांगों के चलते जवान के पार्थिव शरीर को घर पर रखा है. परिजनों की मांग है कि सोमपाल की मृत्यु को शहीद का दर्जा मिले. साथ ही उनके परिवार को वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जो एक शहीद को दी जाती हैं. ग्रामीणों ने डीएम को गांव में बुलाने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक मेरठ डीएम गांव आकर घोषणा नहीं करते, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

परिजनों के साथ ग्रामीण भी थाने पहुंचे

गुरुवार रात को किठौर थाना क्षेत्र के छुछाई गांव के सीआरपीएफ जवान की संदिग्ध परिस्थियों में गोली लगने से मौत हो गई थी. जिनका पार्थिव शरीर शनिवार तड़के किठौर थाना पहुंचा. सूचना पर परिजनों के साथ ग्रामीण भी थाने पहुंचे. ग्रामीणों ने सैनिक की आत्महत्या पर शक जताते हुए मामले की जांच की मांग की है. परिजनों का कहना है कि सोमपाल होनहार था उसकी अपने बेटे अक्षित, बेटी अंशिका पत्नी से एक रात पहले बातें हुई थीं. उस वक्त ऐसा नहीं लग रहा था कि सोमपाल आत्महत्या करेगा.

यह भी पढ़ें-मेरठ प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा की बैठक में वकीलों का हंगामा

थाने में वार्ता के बाद परिजन शव को घर ले आए, लेकिन उनकी मांग है कि सैनिक को शहीद का दर्जा देते हुए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए, परिवार को बीस लाख रुपये आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त शिक्षा का प्रबंध किया जाए. तमाम मांगें पूरी नहीं होने और डीएम के मौके पर नहीं पहुंचने तक अंतिम संस्कार से इनकार कर रहे हैं. इसके चलते जवान का पार्थिव शरीर अभी भी घर पर रखा है.

मेरठ : किठौर थाना क्षेत्र के छुछाई निवासी सीआरपीएफ के जवान की संदिग्ध अवस्था में गोली लगने से मौत हो गई थी. मामले में जवान के परिजनों ने मांगों के चलते जवान के पार्थिव शरीर को घर पर रखा है. परिजनों की मांग है कि सोमपाल की मृत्यु को शहीद का दर्जा मिले. साथ ही उनके परिवार को वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जो एक शहीद को दी जाती हैं. ग्रामीणों ने डीएम को गांव में बुलाने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक मेरठ डीएम गांव आकर घोषणा नहीं करते, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

परिजनों के साथ ग्रामीण भी थाने पहुंचे

गुरुवार रात को किठौर थाना क्षेत्र के छुछाई गांव के सीआरपीएफ जवान की संदिग्ध परिस्थियों में गोली लगने से मौत हो गई थी. जिनका पार्थिव शरीर शनिवार तड़के किठौर थाना पहुंचा. सूचना पर परिजनों के साथ ग्रामीण भी थाने पहुंचे. ग्रामीणों ने सैनिक की आत्महत्या पर शक जताते हुए मामले की जांच की मांग की है. परिजनों का कहना है कि सोमपाल होनहार था उसकी अपने बेटे अक्षित, बेटी अंशिका पत्नी से एक रात पहले बातें हुई थीं. उस वक्त ऐसा नहीं लग रहा था कि सोमपाल आत्महत्या करेगा.

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थाने में वार्ता के बाद परिजन शव को घर ले आए, लेकिन उनकी मांग है कि सैनिक को शहीद का दर्जा देते हुए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए, परिवार को बीस लाख रुपये आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त शिक्षा का प्रबंध किया जाए. तमाम मांगें पूरी नहीं होने और डीएम के मौके पर नहीं पहुंचने तक अंतिम संस्कार से इनकार कर रहे हैं. इसके चलते जवान का पार्थिव शरीर अभी भी घर पर रखा है.

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