मेरठ: आज के समय में इंसान की सबसे प्रमुख जरूरतों में से एक विद्युत भी है. जिसके बिना जीवन की अब कल्पना करना आसान नहीं है. ऐसे में हर कोई चाहता है कि बिजली की बढ़ती दरों से निजात मिल सके. सरकार की सोलर रूफ टॉप योजना इस मामले में बेहद ही उपयोगी साबित हो सकती है. आम से खास वर्ग तक हर किसी की रोजमर्रा की जरूरतों में बिजली की आवश्यकता है. ऐसे में अधिकतर उपयोग भी विद्युत ऊर्जा से संचालित होने वाले सामान का हो रहा है. ऐसे में बिजली का बिल अधिक आना तो स्वाभाविक है. इतना ही नहीं बिजली की कीमतों में भी इजाफा हो ही रहा है. सरकारें भी वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने का प्रयास कर ही रही है.
यूपी नेडा के परियोजना अधिकारी बताते हैं कि लगभग तीन साल पहले सरकार सोलर रूफ टॉप योजना लोगों के लिए लेकर आई है. जिसके जरिए न सिर्फ बढ़ती महंगाई में अपना बिजली का बिल कंट्रोल में किया जा सकता है, बल्कि घर में सोलर पैनल से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को डीसी से एसी में तब्दील करके उसे पावर ग्रीड को भी भेजा जा सकता है. इसमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि घर का बिल कम हो जाएगा. जो अतिरिक्त ऊर्जा उतपन्न होगी उसके बदले में 3 रुपया 58 पैसे प्रति यूनिट की दर से उपभोक्ता को मिलता है.
इस बारे में यूपी नेडा के परियोजना प्रभारी प्रशांत भूषण शर्मा ने बताया कि सोलर रूफ टॉप योजना के तहत यूपी नेडा की ओर से घरेलू उपभोक्ताओं को भी सोलर संयंत्र लगाने पर अनुदान दिया जा रहा है. परियोजना प्रभारी बताते हैं कि घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में सोलर रूफ टॉप संयंत्र लगाने की योजना जिले में चल रही है. जिसमें केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से सब्सिडी भी ऐसे उपभोक्ताओं को दी जा रही है जो कि अपने घर में स्कीम के तहत सोलर प्लांट लगवाते हैं.
प्रदेश में 285 कम्पनियों को किया गया है अधिकृत: प्रशांत भूषण शर्मा ने बताया कि यूपी नेडा की तरफ से 285 कम्पनियों को वेंडर के रूप में अधिकृत किया गया है. जो कि पांच साल तक अपने उपभोक्ता को सर्विस देंगे. इस यूनिट को लगवाने के लिए जो टेंडर रेट है वह 70 हजार रुपया प्रति किलोवाट है. यदि कोई तीन किलोवाट क्षमता की यूनिट लगवाता है तो उसे दो लाख से दस हजार रूपये देने होंगे. यह पैसा संयंत्र लगवाने वाले उपभोक्ता के द्वारा वेंडर को दिया जाएगा. इसके बाद उस संयंत्र को लगवाने का जो बिल प्राप्त होता है, उसे पोर्टल पर अपलोड करना होता है. अपलोड करने के बाद यूपीनेडा मुख्यालय स्तर से 15 हजार रुपये प्रतिकिलोवाट और अधिकतम तीस हजार रूपये की सब्सिडी है. वह उपभोक्ता के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाता है.
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केंद्र सरकार भी दे रही अनुदान: प्रशांत भूषण शर्मा बताते हैं कि इसी तरह से भारत सरकार से भी इस पर अनुदान मिल रहा है, जो कि 14, 580 रुपया प्रति किलो वाट है. इस तरह से यदि तीन किलोवाट का संयंत्र लगा है, तो 44 हजार रुपया संबंधित डिस्कॉम के माध्यम से उपभोक्ता के खाते में आ जाता है. कुल मिलाकर तीन किलोवाट के संयंत्र पर 74 हजार रूपये का अनुदान प्राप्त होता है.
इस योजना से सेंकड़ों परिवार जुड़ भी चुके हैं. ऐसे ही एक परिवार से ईटीवी भारत ने बातचीत की. वह बताते हैं कि पहले वह बिजली के बिल को लेकर टेंशन में रहते थे, लेकिन जब से सोलर प्लांट लगवाया है, तब से उन्हें बड़ी राहत मिल गई है. मेरठ के शास्त्रीनगर में रहने वाले विजय आर्य बताते हैं कि अब बड़ी राहत उन्हें मिल गई है. अब तो इस सोलर रूफ टॉप स्कीम के बाद जो सौर ऊर्जा से बिजली उतपन्न होती है, वह डिस्कॉम को चली जाती है. जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है. जो ऊर्जा उनके सोलर पैनल के माध्यम से डिस्कॉम को जाती है, उसकी रीडिंग के लिए एक अतिरिक्त मीटर लगा हुआ है. उसमें ये पता चल जाता है कि हमारे यहां से कितनी ऊर्जा सोलर पैनल के माध्यम से उतपन्न होकर डीसी से एसी में कन्वर्ट होकर गई है.
हालांकि, योजना बेहद उपयोगी है, लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी कहें या कुछ और लोग दिलचस्पी अभी ज्यादा नहीं ले रहे हैं. इस योजना में 10 किलोवाट तक का ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लान्ट लगवाया जा सकता है. इसके लिए यूपीनेडा के Http://Upnedasolarrooftoppurtal.Com/Apply Online पर ऑनलाइन सम्पर्क किया जा सकता है. स्वयं के इस्तेमाल के पश्चात अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को दी जा सकेगी. जिसका समायोजन बिजली के बिल मे किया जायेगा. सीधे जाकर जिला मुख्यालय पर यूपीनेडा दफ्तर में भी संपर्क किया जा सकता है.
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