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टोक्यो ओलम्पिकः सौरभ चौधरी का सटीक निशाना, मेडल राउंड में बनाई जगह - गोल्डन बॉय सौरभ चौधरी

मेरठ के लाल गोल्डन बॉय सौरभ चौधरी (Golden Boy Saurabh Chaudhary) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में कारनामा कर दिखाया है. उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल सिंगल में आश्चर्यजनकर प्रदर्शन करते हुए मेडल राउंड में जगह बनाई है. सौरभ चौधरी ने 600 में से 586 प्वाइंट्स लेकर पहला स्थान हासिल किया.

टोक्यो ओलम्पिक में सौरभ चौधरी.
टोक्यो ओलम्पिक में सौरभ चौधरी.
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Published : Jul 24, 2021, 7:33 AM IST

Updated : Jul 24, 2021, 1:13 PM IST

मेरठः भारतीय शूटिंग ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में आज अपने अभियान की शुरुआत की. 10 मीटर एयर पिस्टल में आश्चर्यजनक प्रदशर्न करते हुए सौरभ चौधरी ने मेडल राउंड में जगह बना ली है. पुरुष सिंगलस् की ओर से सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) ने 600 में से 586 प्वाइंट्स लेकर पहला स्थान हासिल किया. इससे पूर्व खेल शुरू होने से सौरभ के परिजनों ने दुआएं की थी कि उनका बेटा गोल्ड जीत कर देश का मान बढ़ाएं.

क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना था कि मेरठ का ये अर्जुन जरुर लक्ष्य पर निशाना साधेगा. मात्र अट्ठारह वर्ष की उम्र में सौरभ ने अर्जुन अवार्ड जैसे सम्मान हासिल किए हैं. अब मात्र उन्नीस साल की उम्र में वो ओलम्पिक के पटल पर भारत का तिरंगा शान से लहराने को बेताब हैं. सौरभ के घरवाले उनकी बलैया लेते नहीं थकते. मां कहती हैं कि जब भी सौरभ मेडल जीतकर आता है वो उनके पैर छूता है और फिर मेडल मां को समर्पित कर देता है. इस बार भी मां को उम्मीद है कि सौरभ ओलम्पिक मेडल जीतेगा और देश का नाम रोशन करेगा.

सौरभ के पिता.

मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के छोटे से गांव कलीना के रहने वाले किसान के बेटे शूटर सौरभ चौधरी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. एक जमाना था, जब तेरह वर्ष की आयु में वो कई कई किलोमीटर पैदल चलकर शूटिंग रेंज जाकर प्रैक्टिस किया करते थे. अभी प्रैक्टिस को मात्र तीन साल ही बीते थे कि सन 2018 में उन्होंने सोलह साल की उम्र में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया.

इसे भी पढ़ें- दो विश्व रिकार्ड बना चुके हैं सौरभ, टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीत बढ़ाएंगे गौरव

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न हुए 18वें एशियाई खेलों में उन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में 10 मीटर एयर राइफल पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इस कामयाबी के बाद सौरभ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद आईएसएसएफ की वर्ल्ड चैंपियनशिप सांगवान में हुई थी. यहां भी सौरभ ने दमदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पर कब्जा किया. इसके साथ ही जूनियर वर्ल्ड कप जर्मनी के सुहल में आयोजित हुई थी.

टोक्यो ओलम्पिक.

इस प्रतियोगिता में सौरभ ने दो बार जूनियर वर्ल्ड कप रिकॉर्ड बनाया. इसके साथ ही एशियन गेम चैंपियन और जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद अक्टूबर 2018 में यूथ ओलंपिक चैंपियन भी बन गए थे. 16 साल की आयु में ही सौरभ ने ब्यूनस आयर्स में आयोजित तीसरे यूथ ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पर निशाना साधा था. सौरभ के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 स्वर्ण पदक, चार रजत पदक और दो कांस्य पदक हैं. सौरभ को 2020 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. अब देश की निगाहें मेरठ के इस लाडले पर रहेंगी. समूचे हिन्दुस्तान को यही ख्वाहिश है कि सौरभ ओलम्पिक में पदक जीतकर आएं.

मेरठः भारतीय शूटिंग ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में आज अपने अभियान की शुरुआत की. 10 मीटर एयर पिस्टल में आश्चर्यजनक प्रदशर्न करते हुए सौरभ चौधरी ने मेडल राउंड में जगह बना ली है. पुरुष सिंगलस् की ओर से सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) ने 600 में से 586 प्वाइंट्स लेकर पहला स्थान हासिल किया. इससे पूर्व खेल शुरू होने से सौरभ के परिजनों ने दुआएं की थी कि उनका बेटा गोल्ड जीत कर देश का मान बढ़ाएं.

क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना था कि मेरठ का ये अर्जुन जरुर लक्ष्य पर निशाना साधेगा. मात्र अट्ठारह वर्ष की उम्र में सौरभ ने अर्जुन अवार्ड जैसे सम्मान हासिल किए हैं. अब मात्र उन्नीस साल की उम्र में वो ओलम्पिक के पटल पर भारत का तिरंगा शान से लहराने को बेताब हैं. सौरभ के घरवाले उनकी बलैया लेते नहीं थकते. मां कहती हैं कि जब भी सौरभ मेडल जीतकर आता है वो उनके पैर छूता है और फिर मेडल मां को समर्पित कर देता है. इस बार भी मां को उम्मीद है कि सौरभ ओलम्पिक मेडल जीतेगा और देश का नाम रोशन करेगा.

सौरभ के पिता.

मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के छोटे से गांव कलीना के रहने वाले किसान के बेटे शूटर सौरभ चौधरी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. एक जमाना था, जब तेरह वर्ष की आयु में वो कई कई किलोमीटर पैदल चलकर शूटिंग रेंज जाकर प्रैक्टिस किया करते थे. अभी प्रैक्टिस को मात्र तीन साल ही बीते थे कि सन 2018 में उन्होंने सोलह साल की उम्र में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया.

इसे भी पढ़ें- दो विश्व रिकार्ड बना चुके हैं सौरभ, टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीत बढ़ाएंगे गौरव

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न हुए 18वें एशियाई खेलों में उन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में 10 मीटर एयर राइफल पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इस कामयाबी के बाद सौरभ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद आईएसएसएफ की वर्ल्ड चैंपियनशिप सांगवान में हुई थी. यहां भी सौरभ ने दमदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पर कब्जा किया. इसके साथ ही जूनियर वर्ल्ड कप जर्मनी के सुहल में आयोजित हुई थी.

टोक्यो ओलम्पिक.

इस प्रतियोगिता में सौरभ ने दो बार जूनियर वर्ल्ड कप रिकॉर्ड बनाया. इसके साथ ही एशियन गेम चैंपियन और जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद अक्टूबर 2018 में यूथ ओलंपिक चैंपियन भी बन गए थे. 16 साल की आयु में ही सौरभ ने ब्यूनस आयर्स में आयोजित तीसरे यूथ ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पर निशाना साधा था. सौरभ के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 स्वर्ण पदक, चार रजत पदक और दो कांस्य पदक हैं. सौरभ को 2020 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. अब देश की निगाहें मेरठ के इस लाडले पर रहेंगी. समूचे हिन्दुस्तान को यही ख्वाहिश है कि सौरभ ओलम्पिक में पदक जीतकर आएं.

Last Updated : Jul 24, 2021, 1:13 PM IST
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