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जी का जंजाल बना तेंदुआ, दिखने के बाद भी पकड़ नहीं पाया वन विभाग

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Published : Feb 6, 2021, 6:19 PM IST

यूपी के मेरठ में तेंदुआ से दहशत का माहौल है. तेंदुए का एक परिवार एक सप्ताह से ज्यादा जंगलों में घूम रहा है. वन विभाग के प्रयासों के बावजूद तेंदुआ कर्मचारियों की पकड़ से दूर है.

मेरठ में तेंदुआ
मेरठ में तेंदुआ

मेरठ: थाना किठौर इलाके के गांव फतेहपुर के जंगल में घुसा तेंदुआ परिवार एक सप्ताह से वन विभाग के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. 3-3 पिंजरे और तमाम आधुनिक तकनीकी लगाने के बाद भी वन विभाग की टीम तेंदुओं को पकड़ नहीं पा रही है. वन विभाग की टीम ने तेंदुओं को पकड़ने के लिए जहां बकरों के साथ पिंजरे लगाए हुए हैं, वहीं दिन रात तीन शिफ्टों में वन कर्मियों को तैनात किया गया है. बावजूद इसके खेतों में तेंदुओं के आने से गांव फतेहपुर के ग्रामीणों के साथ आसपास के गांवों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है.

खेतों में घूम रहा तेंदुआ परिवार
आपको बता दें कि जिले के किठौर क्षेत्र में पिछले एक सफ्ताह से तेंदुए का खौफ लगातार बरकरार है. खेतों में तेंदुओं की संख्या अब एक से ज्यादा हो गई है. बताया जा रहा है कि मादा तेंदुआ पूरे परिवार के साथ भटक कर किठौर के गांव फतेहपुर नारायण के खेतों में घूम रही है. ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में एक टीले के ऊपर तीन तेंदुए देखे गए हैं. जहां तीनों तेंदुओं के पंजों के निशान भी पाए गए हैं. पैरों के निशान की जांच कर वन विभाग ने एक नर और दो मादा तेंदुए होने की पुष्टि की है.

एक सप्ताह से तेदुओं की दहशत में ग्रामीण
खेतों में खुलेआम घूम रहे तेंदुए के परिवार से ग्रामीणों में जहां दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं मवेशी और बच्चों की चिंता सताने लगी हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी इस मामले में लापरवाही कर रहे हैं. पिंजरे लगाने के लिए भी स्थान बताने को तैयार नहीं हैं. आज भी जब एक तेंदुआ वन विभाग की टीम के सामने कुछ दूरी पर टहलता दिखाई दिया लेकिन उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की हिम्मत नहीं हुई. खेतों में खुलेआम घूम रहे तेंदुए की ग्रामीणों ने वीडियो बनाई है.

मादा तेंदुए के साथ दो बच्चे होने की पुष्टि
शुरुआती दिनों में ग्रामीणों में एक तेंदुए की दहशत थी लेकिन अब तीन तेंदुए जंगल मे घूम रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यह कोई भटका हुआ तेंदुआ परिवार है. ग्रामीण बताते हैं कि जहां पहली बार तेंदुआ देखा गया, उससे कुछ दूरी पर गांव असीलपुर-भड़ौली के खेतों में स्थित एक टीला पर तीनों तेंदुओं को देखा गया है. तीनों के पंजों के निशान भी मिले हैं. वन विभाग ने भी तीन तेंदुए होने बताए हैं. जिसके चलते ग्रामीणों में दहशत और बढ़ गई है. उस तेंदुए परिवार की वजह से आसपास के कई गांव के लोगों में दहशत है. जिससे किसानों ने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया है. बच्चों को घर में रखने की सलाह दी जा रही है.

तीन पिजरों से भी पकड़ में नहीं आ रहे तेंदुए
शनिवार को एक पिंजरा गाजियाबाद से फतेहपुर गांव में भेजा गया है. चौंकाने वाली बात ये रही कि पिंजरा रात भर गाड़ी में रखा रहा. किसी ने भी उसे लगाने की जरूरत नहीं समझी. जबकि वन कर्मियों ने बताया कि अधिकारियों के आने पर ही यह पिंजरा लगाया जाएगा. तीसरा पिंजरा लगाने को लेकर अभी कोई निर्देश नहीं आया है.

आधुनिक तकनीकी से पकड़ने की तैयारी
उधर, जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि फतेहपुर नारायण गांव में घूम रहे तेंदुओं को पकड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. तेंदुओं को पकड़ने के लिए जहां तीन पिंजरे लगाए गए हैं वहीं निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. जंगल मे जगह जगह लाइव स्पेशल कैमरे लगाए गए हैं। जिनके माध्यम से यह तेंदुए की प्रजाति और वजन के बारे में पता लगाया जा रहा है.

मेरठ: थाना किठौर इलाके के गांव फतेहपुर के जंगल में घुसा तेंदुआ परिवार एक सप्ताह से वन विभाग के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. 3-3 पिंजरे और तमाम आधुनिक तकनीकी लगाने के बाद भी वन विभाग की टीम तेंदुओं को पकड़ नहीं पा रही है. वन विभाग की टीम ने तेंदुओं को पकड़ने के लिए जहां बकरों के साथ पिंजरे लगाए हुए हैं, वहीं दिन रात तीन शिफ्टों में वन कर्मियों को तैनात किया गया है. बावजूद इसके खेतों में तेंदुओं के आने से गांव फतेहपुर के ग्रामीणों के साथ आसपास के गांवों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है.

खेतों में घूम रहा तेंदुआ परिवार
आपको बता दें कि जिले के किठौर क्षेत्र में पिछले एक सफ्ताह से तेंदुए का खौफ लगातार बरकरार है. खेतों में तेंदुओं की संख्या अब एक से ज्यादा हो गई है. बताया जा रहा है कि मादा तेंदुआ पूरे परिवार के साथ भटक कर किठौर के गांव फतेहपुर नारायण के खेतों में घूम रही है. ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में एक टीले के ऊपर तीन तेंदुए देखे गए हैं. जहां तीनों तेंदुओं के पंजों के निशान भी पाए गए हैं. पैरों के निशान की जांच कर वन विभाग ने एक नर और दो मादा तेंदुए होने की पुष्टि की है.

एक सप्ताह से तेदुओं की दहशत में ग्रामीण
खेतों में खुलेआम घूम रहे तेंदुए के परिवार से ग्रामीणों में जहां दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं मवेशी और बच्चों की चिंता सताने लगी हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी इस मामले में लापरवाही कर रहे हैं. पिंजरे लगाने के लिए भी स्थान बताने को तैयार नहीं हैं. आज भी जब एक तेंदुआ वन विभाग की टीम के सामने कुछ दूरी पर टहलता दिखाई दिया लेकिन उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की हिम्मत नहीं हुई. खेतों में खुलेआम घूम रहे तेंदुए की ग्रामीणों ने वीडियो बनाई है.

मादा तेंदुए के साथ दो बच्चे होने की पुष्टि
शुरुआती दिनों में ग्रामीणों में एक तेंदुए की दहशत थी लेकिन अब तीन तेंदुए जंगल मे घूम रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यह कोई भटका हुआ तेंदुआ परिवार है. ग्रामीण बताते हैं कि जहां पहली बार तेंदुआ देखा गया, उससे कुछ दूरी पर गांव असीलपुर-भड़ौली के खेतों में स्थित एक टीला पर तीनों तेंदुओं को देखा गया है. तीनों के पंजों के निशान भी मिले हैं. वन विभाग ने भी तीन तेंदुए होने बताए हैं. जिसके चलते ग्रामीणों में दहशत और बढ़ गई है. उस तेंदुए परिवार की वजह से आसपास के कई गांव के लोगों में दहशत है. जिससे किसानों ने अपने खेतों में जाना छोड़ दिया है. बच्चों को घर में रखने की सलाह दी जा रही है.

तीन पिजरों से भी पकड़ में नहीं आ रहे तेंदुए
शनिवार को एक पिंजरा गाजियाबाद से फतेहपुर गांव में भेजा गया है. चौंकाने वाली बात ये रही कि पिंजरा रात भर गाड़ी में रखा रहा. किसी ने भी उसे लगाने की जरूरत नहीं समझी. जबकि वन कर्मियों ने बताया कि अधिकारियों के आने पर ही यह पिंजरा लगाया जाएगा. तीसरा पिंजरा लगाने को लेकर अभी कोई निर्देश नहीं आया है.

आधुनिक तकनीकी से पकड़ने की तैयारी
उधर, जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि फतेहपुर नारायण गांव में घूम रहे तेंदुओं को पकड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. तेंदुओं को पकड़ने के लिए जहां तीन पिंजरे लगाए गए हैं वहीं निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. जंगल मे जगह जगह लाइव स्पेशल कैमरे लगाए गए हैं। जिनके माध्यम से यह तेंदुए की प्रजाति और वजन के बारे में पता लगाया जा रहा है.

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