मेरठ: वातावरण में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारण शहर की हवा बुधवार को यूपी में सबसे अधिक खराब रही. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लेबल खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया. सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार मेरठ शहर का एक्यूआई 339 रहा, जो यूपी में सबसे अधिक रहा. लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण ने अधिकारियों की चिंता भी बढ़ा दी है.
एनसीआर क्षेत्र में बीती 15 अक्टूबर से ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया गया है. इसके तहत विभागों को बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए जिम्मेदारी दी गई है. मेरठ नगर निगम क्षेत्र में यदि कहीं कूड़ा जलता मिलता है या निर्माण सामग्री कहीं खुले में रखी गई है, तो उस पर कार्रवाई के निर्देश हैं. आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की पुराने वाहनों को सड़कों पर चलने से रोकने की जिम्मेदारी है. इसी तरह क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग पर भी फैक्ट्रियों की चेकिंग करने का जिम्मा है. अन्य संबंधित विभागों को भी इसी तरह जिम्मेदारी दी गई हैं, लेकिन इतना सब होने के बावजूद वायु प्रदूषण कम होता नहीं दिख रहा है.
पानी का छिड़काव भी नहीं आ रहा काम
मंगलवार को शहर का वायु प्रदूषण 261 था, जो बुधवार को बढ़कर 339 पहुंच गया. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है, लेकिन इसका भी कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. हाई-वे पर भी कई स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहा है. जहां निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां पानी का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि वायु प्रदूषण न बढ़े. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम रात में फैक्ट्रियों पर छापा मार रही है. इस दौरान यह भी देखा जा रहा है कि किसी ईकाई में प्रतिबंधित ईंधन तो नहीं जलाया जा रहा. नगर निगम भी अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहा है.
काटे जा रहे चालान, लगाया जा रहा जुर्माना
वायु प्रदूषण को बढ़ाने के लिए यदि कोई दोषी पाया जा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार के मुताबिक कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर और जुर्माना की कार्रवाई की जा रही है. प्रतिबंधित ईंधन जलाने पर कोल्हू को सील किया जा रहा है, साथ ही उन पर जुर्माने की कार्रवाई भी की जा रही है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम को यदि चेकिंग के दौरान अनियमिता मिल रही है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा जा रहा है. डॉ. योगेंद्र कुमार का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.
ये हैं एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मानक
0 से 50 तक अच्छा
51 से 100 संतोषजनक
101 से 200 मध्यम
201 से 300 खराब
301 से 400 बहुत खराब
401 से 500 गंभीर